नागौरएक घंटा पहले
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नागौर में छात्रसंघ चुनाव को लेकर बीआर मिर्धा कॉलेज में अध्यक्ष पद के पद के लिए एबीवीपी ने गुरुवार रात वासुदेव बांता के नाम का ऐलान किया। एनएसयूआई की ओर से भी जल्द ही नाम की घोषणा की जा सकती है। हालांकि एबीवीपी ने शेष पदों पर नाम फिलहाल फाइनल नहीं किया है। पिछले तीन साल से वासुदेव छात्र नेता के रुप में कॉलेज में छात्र हितों की लड़ाई लड़ रहे थे। ऐसे में एबीवीपी ने गुरुवार रात को उनके नाम की घोषणा करते हुए उन्हें अध्यक्ष पद का प्रत्याशी घोषित कर दिया।
प्रचार-प्रसार में सबसे आगे
पिछले तीन साल से छात्र हितों की लेकर लड़ाई लड़ने वाले छात्र नेता वासुदेव बांता प्रचार प्रसार में भी फिलहाल आगे हैं। कई गांवों का दौरा कर चुके हैं। वे पिछले एक माह से छात्र संघ के चुनाव को लेकर सक्रिय हैं। हालांकि अन्य उम्मीदवार भी तेजी से प्रचार-प्रसार में जुट चुके हैं। लेकिन एबीवीपी इस बार के चुनाव में कोई रिस्क लेना नहीं चाहती। आखिर में बांता के नाम पर मुहर लगा दी गई।
9 दिन भूख हड़ताल से चेहरा बना
छात्र नेता बांता छात्र हितों को लेकर पिछले दिनों भूख हड़ताल पर बैठ गया था। उस वक्त भी वो चर्चा में आया था। कई छात्रों ने उसे सपोर्ट किया। वो भूख हड़ताल के दौरान बेहोश हो गया था, उसे अस्पताल के आईसीयू में दो दिन तक भर्ती कराया गया था। ऐसे में भूख हड़ताल के दौरान बड़ी संख्या में छात्र उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर मैदान में डटे रहे। ये उसकी छात्र राजनीति का एक बड़ा चैंजर था। उस समय के बाद से वो छात्र राजनीति में एक चेहरा बनकर उभरे।
निर्दलीय लड़ने का मन था, एबीवीपी ज्वाइन की
दरअसल, वासुदेव बांता आरएलपी पार्टी यानी सांसद हनुमान बेनीवाल का समर्थक हैं। बड़ी संख्या में युवा जो कॉलेज में हैं वे सांसद बेनीवाल के समर्थक हैं। ऐसे में जीत का फार्मूला और एक बड़े छात्र समूह को अपनी ओर खींचने में ये एक बड़ा पॉइंट है। बांता ने बातचीत के दौरान कहा था कि वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। लेकिन काफी मशक्कत के बाद एबीवीपी से चुनाव लड़ने का मन बना लिया।