निर्दलीय प्रत्याशी दयाल चौधरी ने मुकाबला बनाया त्रिकोणीय: बोले- 4 साल NSUI का झंडा उठाया, संगठन ने टिकट बेचा



नागौर32 मिनट पहले

सोमवार को कैंडिडेट ने नामांकन फाॅर्म भरा। इस दौरान कॉलेज के बाहर स्टूडेंट लीडर के समर्थकों की भीड़ लगी रही।

नागौर में छात्रसंघ चुनाव का मुकाबला त्रिकोणीय हो चुका है। NSUI से जुड़े छात्रनेता दयाल चौधरी ने भीम सेना के समर्थन से निर्दलीय ताल ठोक दी। दयाल ने NSUI पर पैसे लेकर टिकट बेचने तक के आरोप लगा दिए। दयाल के इस कदम से NSUI को नुकसान होने की आशंका है। इसका सीधा फायदा ABVP को मिल सकता है।

BR मिर्धा कॉलेज में अध्यक्ष पद पर होने वाला चुनाव अब रोचक होगा। ABVP से वासुदेव बांता, NSUI से रविंद्र ध्रुण और निर्दलीय प्रत्याशी दयाल चौधरी ने अपने-अपने पैनल के साथ नामांकन भरा। दयाल चौधरी का एनएसयूआई से टिकट कटने पर वे और उसके समर्थक नाराज दिखे। दयाल ने निर्दलीय से नामांकन दाखिल कर दिया। इस दौरान भीम सेना का समर्थन चौधरी को मिलता दिखा।

4 साल तक एनएसयूआई का झंडा उठाया
निर्दलीय प्रत्याशी दयाल चौधरी ने बगावती सुर अब सुनाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि चार साल तक एनएसयूआई का झंडा कंधे पर उठाकर छात्र हितों के लिए काम किया, लेकिन चुनाव का समय और टिकट देने की बात आई तो दरकिनार कर दिया गया, जिसका भुगतान एनएसयूआई को करना पड़ेगा।

आरोप-एनएसयूआई में पैसों से टिकट दिया
निर्दलीय प्रत्याशी दयाल चौधरी ने बातचीत में बताया कि 4 साल से संघर्ष कर रहा हू, लेकिन अंतिम क्षणों में टिकट काट दिया गया। जिसको टिकट मिला उसने पैसों के दम पर टिकट लेकर नीचा दिखाने की कोशिश की। भीम सेना का पूरा समर्थन है, उन्होंने अपनी जीत का दावा भी किया।

पूर्व विधायक पर आरोप
कांग्रेस और एनएसयूआई के जगदीश ने कांग्रेस के पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान पर आरोप लगाया। कहा कि जिस तरह नगर परिषद में वे पैसे लेकर टिकट देते हैं, ठीक उसी तरह अब एनएसयूआई में भी टिकट बेच डाला। जो चार साल से लगातार एनएसयूआई के बैनर तले काम कर रहा था, दयाल चौधरी का टिकट काट दिया गया। जगदीश ने कहा कि इतना ही नहीं अब हुआ ये कि स्थानीय स्तर पर पूरी टीम एनएसयूआई के साथ नहीं वो दयाल चौधरी का सपोर्ट करेगी।

इधर, पूर्व छात्र नेता की दलील
एनएसयूआई के पूर्व छात्र नेता सुभाष धोलिया ने कहा कि पैसे से टिकट देने की बात सरासर झूठ है। एनएसयूआई पार्टी छात्र हितों के लिए बनी है, पैसे लेकर टिकट देने की बात पूरी तरह से निराधार है। ये पहले ही कह दिया था कि टिकट केवल एक को ही मिलेगा, जिसे भी मिले उसे समर्थन देना होगा। लेकिन जब रविंद्र ध्रुण का टिकट फाइनल हो गया तो बाकी नाराज हो गए। जबकि पार्टी के साथ खड़े रहना चाहिए। जबकि रविंद्र ध्रुण एक किसान का बेटा है, पैसे देकर टिकट की बात पूरी तरह से झूठी है।

26 को चुनाव होंगे
चुनाव को लेकर आचार संहिता लग चुकी है। वहीं 22 अगस्त को नामांकन दाखिल हुए। जिसमें प्रत्याशी अपना नामांकन दाखिल किया। इसके बाद उन नामांकन की जांच हुई। वहीं 26 अगस्त को छात्रसंघ चुनाव को लेकर वोटिंग होगी।

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