श्रीगंगानगरएक घंटा पहले
श्रीगंगानगर में मुशायरे के दौरान शायरी करते शायर।
एक से बढ़कर एक शेर और उस पर हौसला बढ़ाते उर्दू शायरी के क्रददान। तालियों से गूंजता ऑडिटोरियम और हौसला अफजाई के बाद शुक्रिया कहते शायर। यह नजारा था रविवार शाम शहर के नोजगे स्कूल ऑडिटोरियम में हुए अखिल भारतीय मुशायरे का। कार्यक्रम का आयोजन सृजन सेवा संस्थान और नोजगे पब्लिक स्कूल के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कार्यक्रम में देवबंद, फालना, टोंक और पंजाब के मुक्तसर से आए शायरों के साथ सूरतगढ़ और श्रीगंगानगर के शायरों ने एक से बढ़कर एक गजलें सुनाईं।
मुशायरे में मौजूद विधायक राजकुमार गौड़ और अन्य।
शुरुआत आकाशवाणी सूरतगढ़ के रिटायर्ड सीनियर एनाउंसर डॉ. राजेश चड्ढा ने की। इलाके में गजल के लिए विशेष पहचान रखने वाले सूरतगढ़ के शायर चड्ढा ने शुरुआत ने शायरी ‘कभी आसमानें जहीन पर, कभी घुटनों के बल जमीन पर’ से की। उन्होंने अलग-अलग तरह के शेर सुनाते हुए अपनी बात को ‘उतरी होठों की आस लगती है ‘ से परवान चढ़ाया वहीं ‘मैं समंदर हूं और मुझको भी इक नदी भर के प्यास लगती है ‘ जैसी शायरी से अपनी बात कही।

मुशायरे में मौजूद लोग।
पंजाब के मुक्तसर से आए रंजीव कुमार ‘रंजीव’ ने ‘छुपा जो दिल में है बाहर निकालना है मुझे, किसी तरह ये इक डर निकालना है मुझे’ जैसी शायरी से वाहवाही बटोरी। उन्होंने ‘न कह सका जो कहनी थी वक्त पर तुमको, उसी इक बात का अब तक मलाल करता हूं ‘ से बात आगे बढ़ाई। उन्होंने ‘घुमा फिरा के जो करता हूं सीधी बातों को उसे लगे है कि कोई कमाल करता हूं’ भी पेश किया। इसके अलावा फालना से आई डॉ. कविता किरण, देवबंद से आए डॉ. नदीम शाद, टोंक से आए डॉ. जिया टोंकी ने भी एक से बढ़कर एक गजल और शायरी सुनाई। उनका साथ श्रीगंगानगर के डॉ. संदेश त्यागी ने दिया।

कार्यक्रम के दौरान देवबंद के नदीम शाद और टोंक के जिया टोंकी।
इससे पहले कार्यक्रम की अध्यक्षता करते एमएलए राजकुमार गौड़ ने श्रीगंगानगर की गंगा जमुनी तहजीब का हवाला दिया और आए हुए शायरों का स्वागत किया। विशिष्ट अतिथि एडवोकेट पूर्ण घोड़ेला, मारवाड़ी युवा मंच के अंकुर अग्रवाल, मोनिका और रवि सरावगी थे। कार्यक्रम का अयोजन मारवाड़ी युवा मंच, श्री सनातनधर्म महावीर दल मंदिर और सरदार पटेल लॉ कॉलेज के सहयोग से किया गया।