आगरा29 मिनट पहले
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नगर निगम की टीम जब बंदर के शव को उठा रहे तो उस समय भी कोई वहां दुर्गन्ध के कारण खड़ा नहीं हो पा रहा था
दुनिया के सातवें अजूबे ताजमहल को जहां सरकार ने 11 दिन तक निशुल्क कर दिया था। वहीं एक बंदर का शव चार दिन तक पड़ा रहा। भारी बदबू के बीच पर्यटकों क़्क़ सांस लेना मुश्किल रहा। काफी शिकायतों के बाद मंगलवार को नगर निगम की टीम ने बंदर के शव को उठा कर उसे दफनाया।
आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में 5 अगस्त से 15 अगस्त तक ताजमहल समेत तमाम स्मारकों पर सरकार ने पर्यटकों का प्रवेश निःशुल्क कर दिया था। बीते चार दिन रिकार्ड पर्यटक ताजमहल देखने पहुंचे थे।

नाक पर रुमाल रखकर ताजमहल में जा रहे थे पर्यटक
इतनी भारी भीड़ के बीच पूर्वी गेट बैरियर के पास एक बंदर का शव चार दिनों से पड़ा हुआ था। स्थानीय निवासी असद के अनुसार रोजाना पर्यटकों की लाइन यहां तक लगी रहती थी। इस बीच बंदर की यहां बीमारी से मौत होने के बाद शव से दुर्गंध आने लगी थी। स्थानीय लोगों ने नगर निगम से कई बार शिकायत की थी, पर स्टाफ की कमी के चलते शव नहीं हटाया गया था। मंगलवार को नगर निगम की टीम ने उसे हटाया और अन्यंत्र ले जाकर दफना दिया।
इस दौरान बदबू के कारण कोई पास तक जा नहीं पा रहा था। पर्यटक मास्क पहन कर या मुंह पर रूमाल लगा कर वहां से गुजर रहे थे। लाइन में लगे होने का कारण फिर भी उन्हें मजबूरन खड़े होना पड़ रहा था।
सफाई व्यवस्था की जरूरत
स्थानीय निवासी मुनव्वर अली के अनुसार ताजमहल के आस- पास कुत्ते, आवारा गाय और बंदरों का आतंक है। कई बार शिकायत करने के बाद भी नगर निगम सिर्फ खानापूर्ती कर रहा है। इस माहौल से पर्यटकों के आगे छवि धूमिल हो रही है।