DGGI जयुपर के अफसरों का कारनामा: निर्माता की फैक्ट्री छाेड़ी, नाेएडा की जर्दा फैक्ट्री के 400 करोड़ रुपए बचाने के लिए 1 करोड़ की कार्रवाई दिखाई


जोधपुर5 मिनट पहलेलेखक:  भंवर जांगिड़

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रॉ-मेटेरियल के कंसाइनमेंट का पीछा कर रही टीम ऑपरेशन का बीच रास्ते रुकवया डीजीजीआई (डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ जीएससटी इंटेलीजेंस) जयपुर इंटेलीजेंस के अफसरों पर वी-1 जर्दा बनाने वाली नोएडा की मैसर्स बीजी प्रोडक्ट्स कंपनी को 400 करोड़ का फायदा पहुंचाने का आरोप लगा है।

सीनियर इंटेलीजेंस अफसरों की टीम फर्जी फर्माें के फर्जी इनवॉइस व ई-वे बिल की छानबीन करने के बाद बीजी प्रोडक्ट्स की फैक्ट्री जा रहे रॉ-मेटेरियल की गाड़ियों का पीछा कर रहे थे, लेकिन बीच रास्ते में ही जीएसटी इंटेलीजेंस के एडीजी ने टीम को फोन कर ऑपरेशन रुकवा दिया। टीम के बार-बार कहने पर भी एडीजी ने उन्हें यह कहते हुए आगे नहीं बढ़ने दिया कि सूचना लीक हो गई है। सुबह करीब 5 बजे इस टीम का ऑपरेशन बंद कराया और तत्काल दूसरी टीम बनाई। इस बीच ये गाड़ियां भी फैक्ट्री के रास्ते से मुड़ कर फर्जी पते वाली फर्म के परिसर में खाली हो गईं, तब दूसरी टीम ने वहां छापा मारा, ताकि कंपनी मालिक अलर्ट हो जाए।

टीम का असंतोष उस वक्त बढ़ गया जब दो दिन बाद फैक्ट्री के फिनिश प्रोडक्ट वाले दो ट्रक बस्सी के हाइवे पर खड़े पकड़ कर सिर्फ 1 करोड़ का राजस्व वसूला गया। टीम का आरोप है कि यदि रॉ-मेटेरियल की गाड़ियों को फैक्ट्री में पकड़ते तो रिवर्स केलकुलेशन से करीब 400 करोड़ कर राजस्व वसूला जा सकता था। उच्चाधिकारियों की मिलीभगत से यह ऑपरेशन फेल किया गया, सूचना लीक करने वाला भी एक आईआरएस अफसर था।

टीम ने डायरेक्टर जनरल से शिकायत की लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया। अब यह मामला सीवीसी व सीबीआई तक पहुंच गया है। बता दें कि फ्लैक्स कंपनी की कार्रवाई से मिले इनपुट व खुफिया सूचनाओं की छानबीन के बाद यह टीम 1 जून को मैसर्स बीजी प्रोडक्ट नाेएडा पर कार्रवाई करने निकली थी।

आईआरएस भी संदिग्ध, फाइव स्टार होटल में हुई मीटिंग में आखिर कौन मिला?
इंवेस्टीगेशन का बेसिक नियम यही है कि मुख्य फैक्ट्री परिसर की सर्च की जाए जहां प्रोडक्ट बनता है। टीम ने यह भी आरोप लगाया कि उनकी सूचना के मुताबिक उस दिन एक आईआरएस अफसर जो एडीजी का सहयोगी है, वह ऑफिस आया था और उसी पर सूचना लीक करने संदेह है। इसके अलावा 16 जुलाई को जयपुर की पांच सितारा होटल में इन अफसरों की निजी आदमी से मीटिंग हुई थी, वह कंपनी की ओर से आया हुआ था। सीसीटीवी फुटेज से जांच होनी चाहिए।

एडीजी आलोक गुप्ता ने पीए चैतन्य के मार्फत जवाब दिया कि केस बहुत संवेदनशील है। इंवेस्टीगेशन प्रारंभिक स्टेज पर है, इसलिए कोई कमेंट करना उचित नहीं है। सभी एंगल पर जांच कर रहे हैं, हाल ही मैसर्स बीजी प्रोडक्ट कंपनी के परिसर की भी सर्च की है।

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