झुंझुनूं8 मिनट पहले
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जगह जगह खड़ी है मौत
शहर में लोहे के बिजली के पोल लगे हैं। बारिश के दौर में इनमें करंट का खतरा रहता है। बिजली कंपनियां भी मानती है कि इनसे खतरा है। फिर शहर में बिजली के लोहे के पोल खड़े है। निगम हादसे होने का इंतजार कर रहा है।
झुंझुनूं शहर में 500 से अधिक लोहे के पोल खड़े हैं। लोहे के पोल को बिजली कम्पनी और सरकार दोनों खतरनाक मानते हैं। बाकायदा हर लोहे के पोल पर खतरा लिखा भी रखा है। हर इंसान को समझाने के लिए खतरे का लाल निशान, अंग्रेजी में डेंजर और हिन्दी में खतरा लिखा होता है। इसके बावजूद सड़क किनारे खड़े खंभों को हटाने की बजाए जनता के लिए छोड़ रखे हैं।
दैनिक भास्कर ने पुराने शहर में आवासीय क्षेत्रों का दौरा किया, तो पाया कि पुराने शहर की संकरी गलियों में ही नहीं, खुले और मुख्य मार्गों पर भी लोहे के पोल खड़े हैं। शहर को लोहे के विद्युत पोल से मुक्त करने के लिए राज्य सरकार और बिजली कम्पनी दोनों गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं। सरकार खम्भों को बदलने के लिए विशेष योजना बनाकर काम करवा सकती है।
हर बारिश में हादसा-हर साल बारिश के सीजन में करंट से मौत होने के हादसे होते हैं। इसके साथ ही जब भी शहर में तेज बारिश होती है, कोई न कोई पशु बिजली के पोल में आए करंट की चपेट में आकर मर जाता है। यही वजह है कि बारिश आने और सड़कों पर पानी भरते ही बिजली की आपूर्ति काट दी जाती है।