राजस्थान में चल रहा Sextortion रैकेट: चंडीगढ़ पुलिस ने आधा दर्जन गैंग मेंबर्स को दबोचा, E-मित्रा भी काबू


चंडीगढ़38 मिनट पहले

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सेक्सटोर्शन रैकेट में 6 आरोपियों को चंडीगढ़ पुलिस दबोच कर लाई है।

पुरुषों को एक नए किस्म के हनीट्रैप में फंसा कर उन्हें ब्लैकमेल कर वसूली का बड़ा गैंग राजस्थान से ऑपरेट हो रहा है। चंडीगढ़ पुलिस ऐसे एक गैंग के 6 सदस्यों को पकड़ कर लाई है। इनकी गिरफ्तारी जिस मामले में हुई है उसमें बीते 19 अगस्त को 3 गैंग मेंबर्स राजस्थान से पकड़े गए थे। पुलिस को ऐसे ही और गैंग मेंबर्स की तलाश है।

पुलिस ने सेक्सटोर्शन रैकेट के जिन 6 आरोपियों को पकड़ा है उनमें राजस्थान के जिला भरतपुर के गांव पालड़ी का अली शेर(24), हरियाणा के जिला पलवल के गांव मोहदमका का अल्ताफ(19), राजस्थान के जिला अलवर के गांव बेधा का शाजिद(19), जिला भरतपुर के गांव पालड़ी का तलाह(20), भरतपुर के गांव कैथवाड़ा का साहिब(19) तथा भरतपुर के गांव गाजीपुर का सतीश(24) शामिल है।

पुलिस के मुताबिक अली शेर न्यूड वीडियो बनाता है। वह ग्रेजुएट है और अविवाहित है। अल्ताफ E-मित्रा है और बैंक खाते मुहैया करवाता था। वह भी अविवाहित है। शाजिद बारहवीं फेल है और अविवाहित है। वह मोबाइलों के IMEI नंबर बदलता था। तलाह भी अविवाहित है। बीए फर्स्ट ईयर ड्रॉप आउट है। वह भी न्यूड वीडियो बनाता था। साहिब भी बारहवीं ड्रॉप आउट अविवाहित है। वह मोबाइलों के IMEI नंबर बदलता था। सतीश ग्रेजुएशन कर रहा था। अविवाहित है और न्यूड वीडियो बनाता था।

यह बरामदगी हुई

पुलिस ने गैंग मेंबर्स से 3 लैपटॉप, 13 मोबाइल फोन, एक पेटीएम कार्ड स्वैप मशीन, एक फिंगर प्रिंट इंप्रैशन ऑन प्लास्टिक डिवाइस, 19 पास बुक, 7 पैन कार्ड, 2 चैक बुक, 22 आधार कार्ड, 13 सिम कार्ड और 2 एटीएम कार्ड बरामद किए हैं। इनके अलावा आरोपियों से 66 हजार रुपए की नकदी भी बरामद हुई है।

बीते 17 अगस्त को सेक्टर 19 थाना पुलिस द्वारा धोखाधड़ी, फिरौती और अपराधिक साजिश रचने की धाराओं में दर्ज केस में यह गिरफ्तारियां हुई हैं। सेक्सटोर्शन रैकेट मामले में चंडीगढ पुलिस के ऑपरेशन सेल ने राजस्थान के भरतपुर जिले के कुछ गांवों में रेड की। इस दौरान इन 6 गैंग मेंबर्स को पकड़ा गया है। इससे पहले बीते 19 अगस्त को मामले में भरतपुर के एक गांव से 3 गैंग मेंबर पकड़े गए थे। अभी तक कुल 9 आरोपी पकड़े जा चुके हैं।

पांच तरह के आरोपी गैंग में शामिल

पुलिस का कहना है कि सेक्सटोर्शन गैंग में 5 तरह के लोग शामिल होते हैं। पहले वह जो विक्टिम की पहचान करते हैं और उनके साथ चैट कर उनकी न्यूड वीडियो बना फिरौती मांगते हैं। दूसरे नंबर पर वह हैं जो इस अपराध को करने के लिए सिम कार्ड मुहैया करवाते हैं। तीसरे वह जो बैंक खाते तैयार करवाते हैं जिसमें फिरौती की रकम डाली जाती है। चौथे वह जो बातचीत में थोड़े बेहतर हैं और खुद को पुलिसकर्मी बताते हैं। पांचवे वह मोबाइल वेंडर्स हैं जो उन मोबाइल के IMEI नंबर बदलते हैं जिनका अपराध में इस्तेमाल होता है।

पहले विक्टिम की फेसबुक पर पहचान करने के बाद उसके साथ चैट कर न्यूड वीडियो बनाई जाती है। उसके बाद उससे वसूली की जाती है। विक्टिम को धमका कर एक बैंक खाते में उसे रकम ट्रांसफर करने को कहा जाता है। E-मित्रा के जरिए यह खाते गैंग के सदस्यों को मुहैया करवाए जाते हैं।

E-मित्रा ही लूट रहे अनपढ़ लोगों को

दरअसल भारत सरकार ने ग्रामीण स्तर पर कुछ लिंक/लाइजनिंग अफसरों की सेवाएं मुहैया करवाती है। यह अशिक्षित लोगों को बैंकिंग फार्म आदि भरने में सहायता पहुंचाते हैं। हालांकि पुलिस को ऐसे E-मित्रा का पता चला है जो मासूम लोगों के बैंक खाते इन गैंग मेंबर्स को मुहैया करवाते थे। यह E-मित्रा गैरकानूनी पैसे में से 50 प्रतिशत रकम अपने पास रखते थे और बाकी रकम गैंग मेंबर्स को जाती थी।

जानकारी में पता चला है कि E-मित्रा के पास कुछ लोगों के स्कैन्ड फिंगर प्रिंट्स भी होते थे। ऐसे में वह उन मासूम लोगों की जानकारी के बिना उनके बैंक खाते ऑपरेट करते थे। वहीं सिम कार्ड मुहैया करवाने वाले 10 से 15 हजार रुपए चार्ज करते थे। इसके अलावा मोबाइल वेंडर्स लैपटॉप और उसके सॉफ्टवेयर के जरिए मोबाइलों के IMEI नंबर बदलते थे।

यह तीन पकड़े थे पुलिस ने

पुलिस ने इस मामले में राजस्थान के भरतपुर जिले के कैथवाड़ा गांव निवासी मुबीन (39), राशिद (19) और अर्जुदीन (24) को गिरफ्तार किया था। मुबीन 12वीं फेल है और शादीशुदा है। वह गांव में मोबाइल की दुकान करता था। राशिद ITI कर रहा था। मुबीन के साथ उसकी दुकान पर मोबाइल रिपेयरिंग का काम करता था। वह अविवाहित है। अर्जुदीन 8वीं फेल है और शादीशुदा है। सेक्टर 19 के मनोज कुमार इस अपराध के शिकार हुए थे।

इस प्रकार टारगेट को फंसाया जाता है

पुलिस के मुताबिक, आरोपी फेसबुक के जरिए अपने शिकार (पीड़ित) को चुनते हैं। उससे पहले बातचीत करते हैं और फिर लड़की बन कर कामुकता भरे मैसेज भेजते हैं। इसके बाद पीड़ित (फेसबुक यूजर) को वीडियो कॉल पर आने को कहा जाता है। गैंग मेंबर पीड़ित को एक वीडियो दिखाते हैं, जो पहले से उनके फोन में होती है और पीड़ित को ऐसा प्रतीत करवाया जाता है कि यह रियल वीडियो कॉल है। वॉयस एप के जरिए पीड़ित से बात करते हैं। पीड़ित को लगता है कि वह वास्तव में लड़कियों से लाइव बात कर रहा है।

हालांकि वह वास्तव में सिर्फ वीडियो देख रहा होता है। दरअसल गैंग मेंबर्स वॉयस एप का इस्तेमाल करके अपनी आवाज बदल कर लड़की बन जाते हैं। वीडियो दिखाने के दौरान पीड़ित को कपड़े उतारने को कहा जाता है। स्क्रीन पर उसकी वीडियो रिकॉर्ड हो जाती है। इसके बाद दूसरे चरण में गैंग मेंबर्स पीड़ित को स्क्रीन रिकॉर्डिंग भेजते हैं, जिसमें लड़की और पीड़ित दोनों नग्न अवस्था में होते हैं। सोशल मीडिया पर वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर पीड़ित व्यक्ति से वसूली की जाती है और अकाउंट में पैसे डलवाए जाते हैं।

अपनी इज्जत बचाने के लिए पीड़ित जितनी रकम गैंग मेंबर मांगते हैं, अकाउंट में डाल देता है। तीसरे चरण में यदि पीड़ित रकम अकाउंट में नहीं डालता तो गैंग मेंबर उसे व्ह‌ाट्सएप कॉल करते हैं, जिसमें DP में पुलिस वर्दी में व्यक्ति की फोटो होती है। पीड़ित को डराया जाता है कि पीड़ित लड़की ने उसके खिलाफ शिकायत दी है और पूरे मामले में कुछ रकम देकर समझौता हो सकता है। ऐसा न करने पर केस दर्ज करके गिरफ्तारी की जाएगी। इसके बाद डर के मारे इज्जत बचाने के लिए पीड़ित वसूली की रकम दे देता है।

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