भरतपुर18 मिनट पहले
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जयपुर में CA रक्षित के सुसाइड मामले के कई चैप्टर अब खुल रहे हैं। इनमें क्रिप्टो करंसी में इन्वेस्टमेंट है, ब्लैंक चेक का चक्रव्यूह है और एससी/एसटी केस में झूठा फंसाने की साजिश है। रक्षित आत्महत्या मामले के तार भरतपुर के सेवर थाने से जुड़ गए हैं। CA रक्षित ने सुसाइड नोट में भरतपुर सीओ सिटी सतीश वर्मा पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। जानते हैं एक-एक चैप्टर का पूरा सच…
क्रिप्टो करंसी में इन्वेस्टमेंट करने वाला ‘वो’ पार्टनर
रक्षित के परिजनों ने बताया कि 3 साल पहले रक्षित की CA कम्प्लीट हो गई थी। वह क्रिप्टो करंसी और शेयर बाजार का बिजनेस करने लगा था। रक्षित के जयपुर मकान अबरना ज्वेलर्स अपार्टमेंट के सामने वाली बिल्डिंग में भीम सिंह नाम के व्यक्ति का घर है। भीम सिंह की पत्नी स्नेहलता और रक्षित की मां अंजू दोस्त थीं। दोनों का एक दूसरे के घर आना-जाना था। ऐसे में रक्षित और भीम सिंह की भी जान-पहचान हो गई।
![रक्षित खंडेलवाल के बिजनेस पार्टनर भीम सिंह ने उसे ऐसे चक्रव्यूह में फांस लिया था, जिससे वह निकल नहीं सका। बल्कि मां-बाप भी फ्रॉड और झूठे केस में फंस गए थे।](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/08/20/0163f1fa-793c-4d31-a676-cf827b3e7ac0_1661010514.jpg?resize=730%2C548&ssl=1)
रक्षित खंडेलवाल के बिजनेस पार्टनर भीम सिंह ने उसे ऐसे चक्रव्यूह में फांस लिया था, जिससे वह निकल नहीं सका। बल्कि मां-बाप भी फ्रॉड और झूठे केस में फंस गए थे।
भीम सिंह को जब पता चला कि रक्षित क्रिप्टो करंसी में इन्वेस्टमेंट संबंधी व्यापार करता है तो उसने पार्टनर बनने की इच्छा जाहिर की। रक्षित तैयार हो गया। दोनों क्रिप्टो करंसी का बिजनेस करने लगे। भीम सिंह ने अपने पैसे इन्वेस्टमेंट की गारंटी के लिए रक्षित के पिता रमाकांत खंडेलवाल व मां अंजू के ब्लैंक चेक लिए थे।
घाटा हुआ, ब्लैंक चेक से फंसाने लगा
भीम सिंह रक्षित से अक्सर मुनाफे के पैसे अपने अकाउंट में डलवाता रहता था। कभी कैश भी लेता था। भीम सिंह ने जितना इन्वेस्ट किया था उससे ज्यादा मुनाफा वह रक्षित से ले चुका था। रक्षित को व्यापार में घाटा होने लगा। कुछ वक्त बाद भीम सिंह ने रक्षित से पैसे मांगे तो उसने बताया कि वह उसकी लागत से ज्यादा उसे पैसे दे चुका है। अब बिजनेस में घाटा हो रहा है। भीम सिंह को यह बात चुभ गई। उसके रक्षित और उसके पिता रमाकांत के नाम का ब्लैंक चेक बैंक में लगा दिया। चेक बाउंस हो गया। भीम सिंह ने श्याम नगर थाने में रक्षित और उसके पिता के खिलाफ फ्रॉड का मामला दर्ज करवा दिया। पुलिस ने अगस्त 2021 को रक्षित व उसके पिता को गिरफ्तार कर लिया। तीन महीने दोनों जेल में रहे। भीम की इस करतूत से रक्षित डिप्रेशन में आ गया।
![रक्षित की मां अंजू और पिता रमाकांत इन हालात से लड़ रहे थे। लेकिन रक्षित सब कुछ का जिम्मेदार खुद को मान रहा था। वह हालात से लड़ नहीं पाया और जान दे दी।](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/08/20/456_1661010585.jpg?resize=757%2C476&ssl=1)
रक्षित की मां अंजू और पिता रमाकांत इन हालात से लड़ रहे थे। लेकिन रक्षित सब कुछ का जिम्मेदार खुद को मान रहा था। वह हालात से लड़ नहीं पाया और जान दे दी।
एससी/एसटी केस में झूठा फंसाने की साजिश
भीम सिंह को रक्षित व उसके पिता को जेल कराने के बाद भी चैन नहीं मिला। उसने रक्षित की मां अंजू खंडेलवाल का चेक भी बैंक में लगा दिया जो बाउंस हो गया। इसके बाद भीम सिंह ने अपने ड्राइवर के जरिए भरतपुर के सेवर थाने में अंजू के खिलाफ फर्जी मामला दर्ज कराया। ड्राइवर ने शिकायत में कहा कि अंजू खंडेलवाल ने उससे पैसे उधार ले रखे थे। जब पैसे मांगे तो जाति सूचक शब्द कहकर अपमानित किया।
सीओ सिटी सतीश वर्मा ने मां को किया परेशान
भीम सिंह ने अपने ड्राइवर के जरिए सेवर थाने में अंजू खंडेलवाल के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। मामला दर्ज होने के बाद सीओ सतीश वर्मा ने अंजू को काफी परेशान किया। आए दिन पुलिसकर्मी उनके घर जाते और अंजू खंडेलवाल से पूछताछ करते। इस सबसे रक्षित काफी परेशान हो गया और उसने आत्महत्या कर ली।
![भरतपुर से इस मामले के तार जुड़े हैं। सीओ सिटी सतीश वर्मा पर आरोप हैं कि झूठे केस में उनकी मां को परेशान किया गया।](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/08/20/433333_1661010631.jpg?resize=894%2C501&ssl=1)
भरतपुर से इस मामले के तार जुड़े हैं। सीओ सिटी सतीश वर्मा पर आरोप हैं कि झूठे केस में उनकी मां को परेशान किया गया।
इस मामले पर सीओ सिटी सतीश वर्मा का कहना है कि रक्षित खंडेलवाल, उसके पिता रमाकांत खंडेलवाल और अंजू खंडेलवाल के खिलाफ सेवर थाने में एससी, एसटी का मामला दर्ज हुआ था। इसकी तफ्तीश के लिए पुलिस रमाकांत खंडेलवाल को प्रोडक्शन वारंट पर जयपुर से भरतपुर लाई थी, पूछताछ की गई थी।
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