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अमृतसर34 मिनट पहले
मोहल्ला क्लीनिक में मरीज की जांच करते हुए डॉक्टर।
आम आदमी पार्टी ने अपना वादा पूरा करते हुए 15 अगस्त को पूरे पंजाब में 75 और अमृतसर में 8 मोहल्ला क्लीनिक शुरू करवा दिए। मंगलवार सुबह 8 बजे मोहल्ला क्लीनिक ने अपनी वर्किंग शुरू भी कर दी। एयर कंडीशन्ड क्लीनिक में मुफ्त टेस्ट व दवाएं मिलने के बाद मरीजों के चेहरे पर पहले दिन मुस्कराहट देखने को मिली। लोग मोहल्ला क्लीनिक की वर्किंग से काफी खुश नजर आए।
अमृतसर में लोग कबीर पार्क, सेवा नगर, रंजीत एवेन्यू, पिक प्लाजा, भगतांवाला, मुस्लिमगंज, जोडा फाटक और रइया में जाकर ब्लड व यूरिन के टेस्ट कराने के अलावा 72 तरह की दवाएं बिल्कुल मुफ्त ले सकते हैं। जोडा फाटक में बने मोहल्ला क्लीनिक में ओपनिंग के बाद पहले दिन दोपहर 12 बजे तक 50 के करीब मरीज इलाज करवाने पहुंचे। अन्य मोहल्ला क्लीनिक पर भी तकरीबन इतनी ही भीड़ देखने को मिली।
बाहर देने पड़ते थे पैसे
निर्मल सिंह ने बताया कि वह शूगर के मरीज हैं। उन्हें बाहर शूगर टेस्ट करवाने के लिए हर दूसरे दिन 30 रुपए खर्च करने पड़ते थे, लेकिन मोहल्ला क्लीनिक में यही टेस्ट फ्री में हो गया। 80 वर्षीय रविंदर सिंह ने कहा कि मोहल्ला क्लीनिक उनके घर के बिल्कुल पास है। वह अकेले ही यहां अपना इलाज भी करवाने आ गए। बीपी, शूगर टेस्ट के लिए जो पैसे बाहर देने पड़ते थे, वे अब बच जाएंगे।
मोहल्ला क्लीनिक में अपना बीपी चैक करवाते हुए बुजुर्ग।
टेस्ट के लिए कृष्णा लैबोरेटरी से किया टाईअप
मोहल्ला क्लीनिक में 41 तरह के टेस्ट बिल्कुल फ्री किए जा रहे हैं। मोहल्ला क्लीनिक के डॉक्टर विक्रमजीत सिंह ने बताया कि यहां आने वाले मरीजों के टेस्ट सैंपल लिए जा रहे हैं। दोपहर तकरीबन 2 बजे सिविल अस्पताल में PPP मोड में बनी कृष्णा लैबोरेटरी से कर्मचारी आएंगे और सैंपल इकट्ठे करके ले जाएंगे। खास बात यह है कि टेस्ट की रिपोर्ट्स जांच के बाद क्लीनिक में ऑनलाइन ही आ जाएगी।
सुबह 8 से 2 बजे तक खुली रहेगी क्लीनिक
डॉ. विक्रमजीत ने बताया कि क्लीनिक के खुलने का समय सुबह 8 बजे का है और 2 बजे तक मरीजों को यहां देखा जाएगा। क्लीनिक का काम सही तरीके से हो, इसके लिए हर आने वाले मरीज को बाहर बैठी ANM टोकन दे रही है। हॉल में एसी लगे हैं, जिसके चलते मरीजों को बैठने में भी अधिक दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ रहा। उन्हें गर्मी नहीं झेलनी पड़ रही।
पेपर लैस वर्किंग
डॉ. विक्रमजीत ने बताया कि ऑफिशियल रिकॉर्ड रखने के लिए कुछ रजिस्टर व डायरी का प्रयोग किया जा रहा है। बाकी अन्य कामों को टैब पर शिफ्ट किया गया है। मरीज की पर्ची से लेकर दवा देने तक का सारा काम टैब पर हो रहा है, जिसके चलते क्लीनिक का अधिकतर काम पेपर लैस है।
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