‘दलित बच्चे को न्याय नहीं मिला तो सरकार से समर्थन-वापस’: मंत्री गुढ़ा बोले- पूरे राजपूत समाज को विलेन बनाना बर्दाश्त नहीं,डांगावास कांड में चुप क्यों थे हमारे नेता

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जयपुर17 मिनट पहले

जालोर के सुराणा में टीचर की पिटाई से दलित बच्चे की मौत अब कांग्रेस के भीतर ही नेताओं में विवाद हो गया है। ग्रामीण विकास राज्य मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने नागौर के डांगावास कांड की याद दिलाते हुए अपनी ही पार्टी के नेताओं को निशाने पर लिया है। गुढ़ा ने जालोर मामले में न्याय नहीं मिलने पर बसपा मूल के सभी विधायकों के समर्थन वापस लेने तक की चेतावनी दी है।

गुढ़ा ने जयपुर में मीडिया से बातचीत में कहा- बच्चे को जिस टीचर ने मारा उसे चाहे फांसी पर लटका दीजिए, लेकिन इस घटना के लिए पूरे राजपूत समाज को गाली देना, उसे विलेन बनाना गलत है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसी एक आदमी ने अपराध किया तो पूरा समाज कैसे दोषी हो गया। एक व्यक्ति के अपराध में पूरे राजपूत समाज को खलनायक की तरह पेश किया जा रहा है। यह अच्छी बात नहीं है, जिसने गुनाह किया है उसे सजा दीजिए। दलित बच्चे की मौत के मामले की फास्ट ट्रेक कोर्ट में डे टू डे सुनवाई कीजिए और सजा दिलाकर मिसाल पेश कीजिए लेकिन एक समाज को बेवजह विलेन बनाना सहन नहीं करेंगे।

तो समर्थन वापसी
राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि मैं हमारे साथी विधायक लाखन मीणा के बयान से सौ फीसदी सहमत हूं। सरकार कार्रवाई नहीं करेगी और दलित बच्चे को न्याय नहीं मिलेगा तो हम हमारे सभी छहों विधायक सरकर से समर्थन वापस ले लेंगे। इसके लिए चाहे हमारी विधानसभा की सदस्यता ही क्यों न चली जाए? लेकिन इसपूरे मामले में

हमारे मौजूदा और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डांगवास पर क्यों चुप थे?
गुढ़ा ने कहा- पानाचंद मेघवाल बतांए कि डांगावास के वक्त इस्तीफा क्यों नहीं दिया? बीजेपी के नेता डांगावास के वक्त कहां थे। डांगावास के समय किसी भी एक हत्यारे को सजा मिली क्या? किसी को न्याय मिला क्या? उस हमारे प्रदेशाध्यक्ष थे और जो आज भी प्रदेशाध्यक्ष हैं वे इस मामले में क्यों नहीं बोले? जिस वक्त डांगावास कांड हुआ उस वक्त दलितों के साथ अस्पताल में मैं था, आज बयान देने वाले नेता वहां कहीं नजर नहीं आ रहे थे। डांगावास कांड में पांच दलितों को बेरहमी से मारा गया था उनके लिए कोई नहीं बोला।

गोविंद मेघवाल अपराधी को जाति से न जोड़ें
गुढा ने कहा- आज जो नेता बयानबाजी कर रहे हैं वे डांगावास कांड के वक्त भी अगर पीड़ित दलितों को न्याय दिलाने की मांग करते तो ज्यादा अच्छा होता। हमारे मंत्री गोविंद मेघवाल ने कहा बताया कि ठाकुरों ने पीट पीट कर उनकी पीठ तोड़ दी। किसी अपराधी की कोई जाति नहीं होती। एक समाज को विलेन बनाने की कोशिश न की जाए। डांगावास में इनकी संवेदनाएं कहां चल गई थीं।

दलितों पर अत्याचार हो तो जान दे सकता हूं , मेरे क्षेत्र के 95 फीसदी दलित पार्टी नहीं मेरे साथ हैं

गुढ़ा ने कहा कि बच्चे को मारने की घटना में जो दोषी है तो सरेआम फांसी पर लटकाओ। फास्ट ट्रैक कोर्ट में डे टू डे सुनवाई करके इस मामले में फैसला कीजिए। राजस्थान में सबसे ज्यादा गजटेड अफसर मेरे विधानसभा क्षेत्र में हैं। मेरे क्षेत्र में 95 फीसदी व्यक्तिगत राजेंद्र गुढ़ा के साथ हैं पार्टी के साथ नहीं। दलितों के अधिकारों के लिए हम जान दें दें। राजस्थान की धरती पर दलित के साथ अत्याचार हो तो राजेंद्र गुढ़ा जान दे सकता है।

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