बांसवाड़ाएक घंटा पहले
सेंट्रल वाटर कमीशन की चेतावनी के बाद मंगलवार शाम पांच बजकर 45 मिनट पर डेम का पहला गेट खोला गया। इसके बाद कुल छह गेट खोले गए।
माही डेम के गेट मंगलवार को समय से पहले खोल दिए गए। अभी डेम करीब ढाई मीटर खाली है। लेकिन, 24 घंटे के भीतर डेम में 170 MQM (मिलियन क्यूबिक मीटर) पानी आने की चेतावनी के बीच माही प्रशासन अलर्ट मोड पर आ गया। पीछे से आने वाले पानी की ताकत को रोकने के लिए यहां 16 गेट वाले डेम में 281.5 मीटर क्षमता की बजाय 279.45 मीटर में ही 6 गेट आधा-आधा मीटर खोलकर एडवांस में पानी खाली किया गया। इतना ही नहीं पानी को कम करने के लिए राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम (RRVUNL) को माही हाइडल की दूसरी यूनिट शुरू करने को कहा गया। इस बीच दोपहर 12 बजे यहां बिजली का उत्पादन शुरू हुआ। बेकवाटर से करीब 48 सौ क्यूसेक्स पानी बिजली उत्पादन के लिए छोड़ा जा रहा है।
कंट्रोल रूम में बटन दबाकर गेट हुए मंत्री एवं अन्य।
इधर, शाम करीब 5.45 बजे माही डेम के गेट खोले गए। यहां पहले चार ही गेट खोलना तय था, लेकिन अतिथियों की संख्या बढ़ने के बाद गेट खाेलने का आंकड़ा भी चेंज हो गया। जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीतसिंह मालवीया ने पहला गेट खोलने वाला बटन दबाया। इसके बाद कलेक्टर प्रकाशचंद्र शर्मा, SP राजेश कुमार मीणा, सभापति जैनेंद्र त्रिवेदी, पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष सोहन लाल मेहता एवं माही के ACE भुवन भास्कर ने यहां पर एक-एक कर गेट खोले। फिलहाल 6 गेट आधा-आधा मीटर खुले हुए हैं, जिससे करीब 16 हजार 633 क्यूसेक पानी माही नदी होकर गुजरात जा रहा है। वहीं शाम 5 बजे माही नदी से 19 हजार 211 और एराव नदी से 9 हजार 600 क्यूसेक पानी की आवक बनी हुई है। दूसरी ओर बिजली उत्पादन के लिए बेक वाटर से 47 सौ क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।

डेम के खुले हुए गेट देखने के लिए जुटी भीड़।
एडवांस में बजे खतरे के 5 सायरन
माही प्रशासन के बाद जिला प्रशासन ने डेम के गेट खोलने की सूचना सार्वजनिक की थी। मंत्री मालवीया के साथ बड़ी संख्या में कांग्रेस के पदाधिकारी जीरो चैन गेस्ट हाउस पहुंचे। इसमें निवर्तमान जिलाध्यक्ष चांदमल जैन, शहर के बहुत से पार्षद शामिल थे। इसके बाद कलेक्टर शर्मा डेम पर पहुंचकर मंत्री को वापस गेस्ट हाउस लेने गए। लौटने के बाद माही के गेज के पास माही माता की पूजा की। बाद में डेम के पहले गेट के ऊपर बने हुए कंट्रोल रूम में पूजा हुई। इस दौरान बारी-बारी से करीब 5 खतरे के सायरन बजाए गए।

माही बांध से निकली जल राशि।
धार का बांध टूटने के बाद कोताही नहीं
वैसे तो माही डेम अर्दन डेम होने के साथ मजबूती के मामले में भी जबरदस्त है, लेकिन हाल ही में धार जिले में बांध टूटने की हुई घटना के बाद माही प्रशासन की ओर से ऐसी किसी रिस्क काे मत्थे लेना उचित नहीं समझा गया। इसलिए ही समय रहते बांध के गेट खोले गए।

रतलाम रोड स्थित माही हाइडल, जहां बिजली का उत्पादन होता है।
माही हाइडल की दोनों यूनिट शुरू
इधर, RRVUNL के रतलाम रोड स्थित पांच नंबर में एक यूनिट के बाद दोपहर 12 बजे दूसरी यूनिट से भी बिजली उत्पादन शुरू कर दिया गया। पहले एक यूनिट के लिए करीब 24 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था, जबकि दूसरी यूनिट शुरू करने के बाद यहां पानी भी डबल मात्रा में करीब 47 सौ क्यूसेक छोड़ा जा रहा है। इसमें बिजली उत्पादन के बाद 12 सौ क्यूसेक पानी बायीं मुख्य नहर (LMC) से होते हुए बागीदौरा स्थित पन बिजलीघर में पहुंच रहा है, जहां पर 45-45 यूनिट की बिजली इकाइयां चल रही है, लेकिन माही के बर्बाद नहरी तंत्र में पानी झेलने की कम क्षमता के बीच हयां करीब 25 मेगावाट ही बिजली बन रही है। पांच नंबर से बिजली बनने के बाद शेष रहने वाले पानी को कागदी नाले से 4 हजार क्यूसेक पानी व्यथ बहाया जा रहा है। बता दें कि माही हाइडल की सभी इकाइयों से अब तक 52 लाख 71 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा चुका है।

मंत्री मालवीया के साथ कांग्रेसियों की भीड़ में बांसवाड़ा कलेक्टर और एसपी।
रात तक चलता रहा वाहनों का कारवां
जिला प्रशासन की ओर से डेम खोलने की सूचना सोशल मीडिया पर वायरल हुई। इसके बाद लोगों की भीड़ गेट खोलने से पहले ही मौके पर पहुंच गए। लोगों ने गेट खुलने के लिए तेज बरसात में करीब दो घंटे इंजार किया। इसके बाद जब गेट खुलने के साथ पहले छलकते पानी को लेकर लोग सैल्फी मोड पर पहुंच गए। भीड़ काे रिस्क वाले जोन से दूर रखने के लिए पुलिस काे मशक्कत करनी पड़ी।

माही डेम का गेट खोलने के पहले मंत्री मालवीया ने इस संकरी जगह पर की माही माता की पूजा।

ऊंचाई ने नीचे की ओर बहता डेम का पानी।

पानी के साथ उड़ती फुहारें।