Sehore News: सीएम शिवराज के गृह जिले में ग्राम पंचायतें कैसे होंगी हाईटेक? धूल फांक रहे उपकरण


Sehore Gram Panchayat News: ग्राम पंचायतों में कामों में तेजी लाने और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों को हाईटेक बनाने की योजना तो बनाई गई लेकिन योजना सही ढंग से परवान नहीं चढ़ सकी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के गृह जिले सीहोर के कई ग्राम पंचायतों में उपकरण धूल खा रहे हैं. कहीं इंटरनेट का अभाव बना है तो कहीं बिजली समस्या बनी हुई है. इन सभी समस्याओं के कारण आज भी ग्राम पंचायतों में कागजों पर ही काम हो रहे हैं.

अभी भी कागजों पर हो रहे काम

मंशा अनुरूप जिले की 526 ग्राम पंचायतों को हाईटेक बनाने के लिए कम्प्यूटर एलसीडी सहित प्रिंटर उपलब्ध करवाए गए थे. ताकि 1154 गांवों में बसने वाले ग्रामीणों के काम आसानी से हो सके लेकिन सरकार की यह मंशा साकार नहीं हो सकी. लापरवाही और जिम्मेदारों की उपेक्षा के कारण यह उपकरण धूल ही खा रहे हैं. स्थिति यह है कि सीहोर जिले की कई ग्राम पंचायतें अभी तक हाईटेक नहीं हो पायी. कई पंचायतों में बिजली की परेशानी है, तो कहीं प्रशिक्षित ऑपरेटर की कमी है. इसके अलावा कई पंचायतों में उपकरण कुछ माह बाद ही खराब हो गए. इसके चलते पूरा कामकाज अभी भी कागजों पर ही हो रहा है.

कई पंचायतों के उपकरण चोरी हो गए

ग्राम पंचायतों के कार्यों में पारदर्शिता लाने के साथ ही सरकार की तमाम योजनाओं की जानकारियों से ग्रामीणों को रूबरू कराने जिले की प्रत्येक पंचायत को कम्प्यूटर, सीपीयू, प्रिंटर आदि उपकरण उपलब्ध कराए गए. ताकि पंचायतें हाईटेक हो सके लेकिन जिले में ऐसा नहीं हो सका. कई पंचायतों में यह उपकरण चोरी हो गए है. इसके चलते लाखों रुपये की राशि पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है. वहीं ग्राम पंचायतों के सरंपच सचिवों का कहना है कि गांव में इंटरनेट और बिजली नहीं होने की वजह से उपकरणों का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं.

ग्राम पंचायत बोरदीकला, बड़नगर के ग्रामीण सदींप वर्मा और महेश बारेला का कहना है कि उनकी पंचायत में 3 साल से इंटरनेट बंद पड़े हैं. आज भी ऑनलाइन फॉर्म के साथ कोई भी इंटरनेट से जुड़े काम के लिए इछावर या सीहोर जाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि समस्या का हल आज तक नहीं हो पाया है. सरकार से मिले उपकरण कई साल से बंद पड़े हैं. जिले की अलीपुर, दिवडिया, नयापुरा, लसूडियाकांगर दौलतपुर बोरदीकला सहित अन्य ग्राम पंचायत के कार्यलयों में उकरण धूल खा रहे थे.

साथ ही कई जगह तो इंटरनेट बंद पड़े थे. एबीपी न्यूज ने जब जिला पंचायत सीईओ हर्ष सिंह से पंचायत की जानकारी के लिए फोने किया तो उन्होंने फोने रिसीव नहीं किया. राजाराम सरंपच बोरदीकला ने बताया कि मैं अभी सरंपच बना हूं. मेरी पंचायत में कम्प्यूटर नेट सब बंद है. उन्होंने कहा कि इस स्थति में कैसै काम होगा सरकार को ये ध्यान देना चाहिए.

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