Rajasthan News: क्या एक पद छोड़ेंगे गहलोत सरकार के मंत्री महेश जोशी? दिए ये संकेत


Rajasthan Politics: राजस्थान सरकार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के करीबी मंत्री महेश जोशी (Mahesh Joshi) दोहरी जिम्मेदारी से मुक्त होना चाहते हैं. उनका कहना है कि दोहरी जिम्मेदारी होने से उन्हें ठीक से काम करने का वक्त नहीं मिल पाता. विधानसभा सत्र के दौरान भी विभाग का काम करने में मुश्किलों का सामना करते हैं. वर्तमान में जोशी सरकारी मुख्य सचेतक और जलदाय मंत्री हैं. हाल ही उन्हें कांग्रेस हाई कमान ने अनुशासनहीनता के आरोप में नोटिस भी जारी किया था. ऐसे में कार्रवाई से पहले जोशी के इस बयान को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाएं होने लगी है. माना जा रहा है कि जोशी के खिलाफ पार्टी कोई एक्शन लेने वाली है. यह बात पता लगने पर ही शायद जोशी ने यह बयान दिया है.

जोशी बोले- ‘दोहरी जिम्मेदारी निभाना मुश्किल’
जयपुर स्थित प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए जोशी ने कहा कि “मुझे कभी किसी पद की लालसा नहीं रही. पार्टी ने मुझे दो जिम्मेदारियां सौंपी और मैंने दोनों जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया. अब मुझे लगता है कि मुख्य सचेतक वाला कोई ऐसा काम नहीं है जिसका कोई अतिरिक्त लाभ नहीं मिलता है, बल्कि दोहरी जिम्मेदारी निभानी होती है. विधानसभा का सत्र चलता है तब विभाग का काम भी करना होता है. इसके अलावा फ्लोर मैनेजमेंट वाला काम भी करना होता है, बाहर भी नहीं जा सकते. अब यह निर्णय पार्टी को लेना है कि एक पद ले, दो पद ले, या नहीं ले.”

पार्टी ने लगाए थे अनुशासनहीनता के आरोप
सरकारी मुख्य सचेतक और जलदाय मंत्री महेश जोशी को नोटिस देकर कांग्रेस आलाकमान ने जवाब तलब किया था. जोशी को सरकारी मुख्य सचेतक होने के बावजूद 25 सितंबर 2022 को जयपुर में कांग्रेस पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और प्रदेश प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) की ओर से बुलाई गई विधायक दल की बैठक में नहीं पहुंचने और पार्टी बैठक का बहिष्कार करने के आरोप में दोषी मानते हुए जवाब मांगा था. 

इनके अलावा यूडीएच व संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) और राजस्थान टूरिज्म डवलपमेंट कॉरपोरेशन (RTDC) धर्मेंद्र राठौड़ (Dharmendra Rathore) पर अनुशासनहीनता के आरोप लगे थे. धारीवाल को संसदीय कार्यमंत्री होने और स्टेटमेंट जारी करने के साथ ही अपने आवास पर विधायकों की समानांतर बैठक करने और पार्टी की बैठक में शामिल नहीं होने का दबाव बनाने का आरोप था. राठौड़ पर आरटीडीसी चेयरमैन और पीसीसी सदस्य होने के बावजूद सारे लॉजिस्टिकल अरेंजमेंट करने और विधायकों की अन-ऑफिशियल मीटिंग की प्लानिंग करने के आरोप लगे थे. इन तीनों नेताओं ने पार्टी आलाकमान को जवाब में अपनी सफाई भेज दी थी. फिलहाल उस जवाब के बाद पार्टी ने कोई फैसला नहीं किया है.

दिव्या मदेरणा लगातार कर रहीं टारगेट
कांग्रेस नेता महेश जोशी के साथ शांति धारीवाल और धर्मेंद्र राठौड़ को पार्टी में अनुशासनहीनता के लिए विधायक दिव्या मदेरणा (Divya Maderna) लगातार टारगेट कर रहीं हैं. वे चाहती हैं कि इन तीनों नेताओं के खिलाफ पार्टी सख्त कार्रवाई करे, ताकि दूसरे नेताओं को सबक मिले.

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