जयपुरएक घंटा पहले
OBC आरक्षण संघर्ष समिति राजस्थानके पदाधिकारी।
- 30 सितंबर को जयपुर में महापड़ाव डाल करेंगे प्रदर्शन,
राजस्थान में OBC नियमों में संशोधन की मांग को लेकर विरोध बढ़ता जा रहा है। प्रदेशभर में जन जागरूकता के बाद अब OBC आरक्षण संघर्ष समिति द्वारा अब जयपुर में 30 सितंबर को महापड़ाव डाला जाएगा। OBC संघर्ष समिति के पधाधिकारियों के अनुसार साल 2018 में भाजपा सरकार के समय आरक्षण नियमो में जो संशोधन किया गया। वो पूरी तरह नियमों के विपरीत है। इससे OBC मूल वर्ग को आरक्षण का लाभ तक नहीं मिल रहा है। बल्कि नुक्सान उठाना पड़ रहा है। इसलिए इसे जल्द से जल्द वापस लिया जाए।
संघर्ष समिति के सदस्य राजेंद्र चौधरी ने बताया कि 2018 में OBC सहित अन्य कैटेगरी के आरक्षण में से हटाकर भर्ती के सभी पदों में से 12.5 प्रतिशत कोटा भूतपूर्व सैनिकों का तय कर दिया गया। इससे OBC मूल वर्ग के अनुपात में भूतपूर्व सैनिकों का चयन अधिक हो रहा है। वहीं सरकार इन भूतपूर्व सैनिकों के आरक्षण वर्गों की कैटेगरी में से कटौती करती है। जिससे OBC के मूल वर्ग को पद नहीं मिल पाते है। जिस वजह से कई भर्तियों में तो भूतपूर्व सैनिकों के अलावा OBC के मूल लोगों को एक भी पद नहीं मिला है। इसलिए इन नियमों में संशोधन होना चाहिए।
संघर्ष समिति के सदस्य डॉ रामसिंह सामोता ने बताया कि 7 अप्रैल 2018 से पहले प्रदेश में OBC के 21% आरक्षण में से 12.5% आरक्षण भूतपूर्व सैनिकों के थे। आरक्षण कैटेगरी में से ही भूतपूर्व सैनिकों की मेरिट बनाने के आरक्षण कोटे में ही काटी जाती थी। इसके बाद सरकार ने भूतपूर्व सैनिकों के 12.5% आरक्षण कोटे की मेरिट भर्ती के कुल पदों में से बना कर आरक्षित वर्ग के कोटे में से निकालने का काम किया। जिसकी वजह से सरकारी भर्तियों में OBC पुरुष के मूल वर्ग को सरकारी नौकरियों में कोटा नहीं मिल रहा।
पिछले दिनों हुई राजस्थान पुलिस कांस्टेबल भर्ती 2019 में ओबीसी पुरुष के 554 पद तय किये गए थे। लेकिन मूल वर्ग को एक पद भी नहीं मिला। इसी तरह वरिष्ठ अध्यापक भर्ती 2018 के 630 पदों में से OBC पुरुष के 75 पदों पर चयन हुआ। एसआई भर्ती 2016 में OBC के मात्र 32, एलडीसी 2018 में 600 पदों में से 200 पदों पर ही OBC मूल वर्ग के अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। ऐसे में सब सरकार से पुरानी भर्तियों में हुए नुकसान की भरपाई करते हुए नियमो में संशोधन करें। अगर ऐसा नहीं हुआ तो मजबूरन प्रदेशभर के OBC वर्ग को अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए सड़क पर आना पड़ेगा।