Navratri 2022 Navami Puja: नवरात्रि की दुर्गा नवमी कल, जानें मुहूर्त, पूजा विधि और भोग


Navratri 2022 Navami Puja Date and Time: नवरात्रि की महानवमी  शक्ति साधना का आखिरी दिन होता है. 4 अक्टूबर 2022 को को महा नवमी है. दुर्गा नवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. इस दिन कई लोग कन्या पूजन कर शुभ मुहूर्त में हवन करते हैं और फिर व्रत का पारण किया जाता है. महा नवमी पर देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया था, इसलिए इन्हें महिषासुर मर्दिनी कहा जाता है. कहते हैं नवमी पर माता की पूजा, मंत्र जाप, हवन करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है.

नवरात्रि की महा नवमी इस बार बेहद खास मानी जा रही है क्योंकि इस दिन खास योग बन रहा है. 5 अक्टूबर 2022 को दशहरा (Dussehra 2022) पर देवी का विसर्जन कर उन्हें विदाई दी जाएगी. आइए जानते हैं नवरात्रि की महा नवमी का मुहूर्त, योग और पूजा विधि.

नवरात्रि 2022 नवमी मुहूर्त (Navratri Navami 2022 Muhurat)

नवरात्रि महा नवमी तिथि शुरू – 3 अक्टूबर 2022, शाम 04.37

नवमी तिथि समाप्त –  4 अक्टूबर 2022, दोपहर 02.20

हवन मुहूर्त – सुबह 06.21 – दोपहर 02.20 (4 अक्टूबर 2022) (Navratri Navami 2022 Hawan Muhurat)

अवधि – 8 घंटे

नवरात्रि नवमी व्रत का पारण – 02.20 मिनट के बाद  (4 अक्टूबर 2022) (Navratri 2022 Vrat Parana Time)

  • ब्रह्म मुहूर्त –   सुबह 04:43 – सुबह 05:32
  • अभिजित मुहूर्त  – सुबह 11:52 – दोपहर 12:39
  • रवि योग – पूरे दिन

मां सिद्धिदात्री की महिमा

कमल पर विराजमान देवी सिद्धिदात्री की चार भुजाएं हैं, जिसमें गदा, कमल, शंख और सुदर्शन चक्र विद्यमान है. मान्यता है कि मां दुर्गा की नौवी शक्ति देवी सिद्धिदात्री की पूर्ण श्रृद्धा से आराधना करने पर अष्ट सिद्धि और नव निधि, बुद्धि और विवेक की प्राप्ति होती है.  गंधर्व, किन्नर, नाग, यक्ष, देवी-देवता और मनुष्य सभी इनकी कृपा से सिद्धियों को प्राप्त करते हैं. 

नवरात्रि नवमी 2022 मां सिद्धिदात्री की पूजा (Maa Siddhidatri Puja vidhi)

मां सिद्धिदात्री अपने नाम स्वरूप अष्ट सिद्धियां (अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व) प्रदान करने वाली देवी मानी गईं हैं. नवरात्रि की नवमी की पूजा में देवी सिद्धिदात्री को नौ कमल के फूल या सिर्फ चंपा के पुष्प भी अर्पित कर सकते हैं. कन्या भोज में बनने वाले प्रसाद का भोग लगाएं. चौमुखी दीप लगाकर देवी के मंत्रों का जाप करें और आरती कर 9 कन्याओं की विधिवत पूजा करें. इसके बाद शुभ मुहूर्त में हवन करें और फिर नवमी तिथि के समाप्त होने पर व्रत का पारण करें.

मां सिद्धिदात्री प्रिय भोग-फूल (Maa Siddhidatri Bhog and Flower)

मां सिद्धिदात्री चने, पूड़ी, हलवे का प्रसाद अति प्रिय है. नवमी के दिन यही भोजन कन्याओं को भी खिलाया जाता है. देवी को चंपा, कमल या गुड़हल का फूल अर्पित करें इससे परिवार में खुशहाली आएगी.

नवरात्रि नौवें दिन का शुभ रंग (Navratri 2022 Navami color)

नवरात्रि की महानवमी पर मां सिद्धिदात्री की पूजा में गुलाबी रंग बहुत शुभ माना गया है. गुलाबी रंग प्रेम और नारीत्व का प्रतीक है.

मां सिद्धिदात्री मंत्र (Maa Siddhidatri Mantra)

  • बीज मंत्र – ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम: (नवमी पर 1100 बार जाप से मिलेगा लाभ)
  • प्रार्थना मंत्र – सिद्धगंधर्वयक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना यदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायनी॥

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