अष्टमी-नवमी पर देवी की रात्रि पूजा दोगुना फल प्रदान करती है. अष्टमी-नवमी वाले दिन मां के समक्ष एक कलश में 9 अशोक के पत्ते डाले और ब्राह्मी, माहेश्वरी, कौमारी, वैष्णवी, वारही, नरसिंही, इंद्राणी और चामुंडा देवी का आवाहन करें. ये देवियां विभिन्न ऊर्जा का प्रतिनिध्तव करती हैं. अब दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का 108 बार जाप करें और रात 12 बजे घर के मुख्य द्वार पर गाय के घी का दीप जलाएं और पूरे घर में कलश का जल छिड़क दें. ये महाअष्टमी का महाउपाय माना जाता है. इससे सर्व सिद्धि प्राप्त होने का वरदान मिलता है.
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