Garud Puran: घर पर परिजन की मृत्यु के बाद क्यों सुनना चाहिए गरुड़ पुराण, जानिए इससे जुड़ी बातें


Garud Puran Path: गरुड़ पुराण हिंदू धर्म का ऐसा ग्रंथ है जिसमें जन्म और मृत्यु से लेकर स्वर्ग-नरक और कई तरह की बातों का वर्णन मिलता है. इसमें बताया गया है कि मृत्यु के बाद वो कौन सी चीजें होती हैं जो व्यक्ति को सद्गति या दुर्गति की ओर ले जाती है. गरुड़ पुराण में कुल उन्नीस हजार श्लोक हैं, जिनमें सात हजार ऐसे श्लोक हैं जो व्यक्ति को ज्ञान, धर्म, नीति, जीवन, आदार, सदाचार, यज्ञ और तप की बातों का महत्व बताते हैं.

गरुड़ पुराण के ज्ञान से व्यक्ति को उचित मार्ग में चलने की प्रेरणा मिलती है. जब घर पर किसी परिजन की मृत्यु हो जाती है तो पूरे 13 दिनों तक गरुड़ पुराण का पाठ कराया जाता है. परिवार के सभी लोग एक साथ बैठकर पाठ सुनते हैं. शास्त्रों में बताया गया है कि गरुड़ पुराण का पाठ कराने से मृतक की आत्मा को मोह से मुक्ति मिलती है और वह सद्गति को प्राप्त करते हैं.

परिजन के मृत्यु पश्चात गरुड़ पुराण सुनने का महत्व

  • माना जाता है कि मृतक की आत्मा पूरे 13 दिनों तक घर पर ही रहती है. इसलिए गरुड़ पुराण का पाठ होता है. मृतक भी इस पाठ को सुनने हैं. इससे वह स्वर्ग, नरक, गति, सद्गति, दुर्गति तमाम तरह की गतियों के बारे में जानते हैं.
  • गरुड़ पुराण का पाठ सुनने से उन्हें यह ज्ञात होता है कि मृत्यु के बाद अगली यात्रा के लिए उन्हें किन-किन चीजों का सामना करना पड़ेगा और किस लोक में उनका गमन होगा.
  • जब परिजन के मृत्यु के बाद घर पर गरुड़ पुराण का पाठ होता है तो मृतक के साथ परिजन भी जान लेते हैं कि सद्गति क्या है और किस तरह के कर्मों से मृत्यु पश्चात सद्गति प्राप्त होती है.
  • गरुड़ पुराण में स्वर्ग-नरक के बारे में बताया गया है. इसमें बताया गया है कि मरणोपरांत कर्मों के आधार पर ही दंड मिलते हैं. गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु द्वारा बताया गया है कि कौन सी चीजें व्यक्ति को सद्गति की ओर ले जाती है.

मृत्यु पश्चात गरुड़ पुराण का पाठ सुनने से मृतक की आत्मा को शांति मिलती है और वह परिवार से मोह और संसार के सारे संताप को छोड़कर प्रभु मार्ग पर चले जाते हैं. शास्त्रों में बताया है कि कुछ लोगों की आत्मा मृत्यु के बाद तत्काल दूसरा जन्म धारण कर लेती है. किसी को 3 दिन लगते हैं, किसी को 10-13 दिन तो किसी को सवा महीने लगते हैं. यदि व्यक्ति की अकाल मृत्यु हुई हो तो उसे दूसरा जन्म लेने में एक वर्ष लगता है.

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