कोटा7 मिनट पहले
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फाइल फोटो
नाबालिग को बहला फुसलाकर भगा ले जाने के मामले में पोस्को कोर्ट क्रम-4 ने कोर्ट की आदेश की पालना नहीं करने पर नाराजगी जताई है। विशेष न्यायाधीश आरिफ मोहम्मद ने सिटी एसपी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई के लिए डीजीपी को निर्देश दिए है। साथ ही मामले की जांच, अनुसंधान अधिकारी डीएसपी मुकुल शर्मा से लेकर कोटा जिले से बाहर किसी वरिष्ठ स्वत्रंत व निष्पक्ष ईमानदार पुलिस अधिकारी को सुपुर्द करने के निर्देश दिए। कोर्ट ने मुकुल शर्मा को 3 माह तक किसी मामले में अनुसंधान नहीं करवाने व पुलिस अकादमी या अन्य किसी सक्षम अकादमी से प्रशिक्षण दिलाए जाने के निर्देश दिए।
कोर्ट के आदेश में लिखा कि न्यायालय के आदेश में कमियां निकालने का कोई अधिकार सिटी एसपी को नही है। यदि इस न्यायालय का उक्त आदेश 18 जुलाई विधि अनुरूप नहीं है तो सक्षम न्यायालय द्वारा उक्त आदेश को अपास्त कर दिया जावेगा। आदेश की पालना न कर आदेश में कमियां निकालना निसंदेह अवमानना की श्रेणी में तो आता ही है साथ ही अवचार ( मिस कंडक्ट) की श्रेणी में भी आता है।
फरियादी के वकील लोकेश सैनी ने बताया कि 18 जुलाई को कोर्ट ने सिटी एसपी को निर्देश दिया था कि मामले की जांच डीएसपी मुकुल शर्मा की बजाय किसी अन्य सक्षम अधिकारी से करवाई जाए। 3 अगस्त को पुलिस की ओर से कोर्ट में पेश तथ्यात्मक रिपोर्ट से मालूम चला कि मामले की जांच अभी तक डीएसपी मुकुल शर्मा ही कर रहे है। एसपी द्वारा कोर्ट के आदेश की पालना नहीं करने पर कोर्ट ने 4 अगस्त को दस्तावेज सहित सूचना एसपी से चाही थी।
जिसपर पुलिस की ओर से भेजे गए पत्र में मामले में केस डायरी मुकुल शर्मा के पास रहने देने का कारण व मकसद के बारे में कोई स्पस्ट सूचना उपलब्ध नहीं करवाई गई। कोर्ट ने इसे गम्भीर माना। डीजीपी को पत्र भेजकर निर्देशो की पालना करवाकर 10 दिन में सूचित करने के निर्देश दिए।कोर्ट द्वारा 18 जुलाई के आदेश की पालना नहीं करने वाले सभी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।