Dev Diwali 2022: कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान का है महत्व, जानें देव दिवाली पर दीपदान की विधि


Dev Diwali 2022 Date and Time: कार्तिक माह की अमावस्या तिथि भगवान राम के स्वागत और मां लक्ष्मी के आगमन के लिए दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. वहीं इसके 15 दिनों बाद कार्तिक माह की पूर्णिमा पर देव दिवाली मनाई जाती है, ये त्योहार मुख्य रूप से दैत्य त्रिपुरासुर पर भगवान भोलेनाथ की विजय की खुशी में मनाया जाता है.

कहते है इस दिन देवता गण पृथ्वी पर आते हैं और काशी में दिवाली मनाते हैं. इस दिन दीपदान का खास महत्व है. आइए जानते हैं देव दिवाली पर कैसे करें दीपदान और क्या है इसका महाम्त्य.

देव दिवाली 2022 मुहूर्त (Dev Diwali 2022 Muhurat)

  • देव दिवाली डेट – 7 नवंबर 2022
  • देव दिवाली दीपदान मुहूर्त – शाम 5.14 – रात 07.49

कार्तिक पूर्णिमा तिथि शुरू -7 नवंबर 2022 को शाम 4 बजकर 15

कार्तिक पूर्णिमा तिथि समाप्त  – 8 नवंबर 2022 को शाम 4 बजकर 31

देव दिवाली दीपदान महत्व (Dev Diwali Deepdaan Significance)

पौराणिक मान्यता के अनुसार देव दिवाली के दिन देवतागण काशी में गंगा स्नान करने धरती पर आते हैं. कहते हैं कि जो इस दिन संघ्या काल में दीपदान करता है उसे शत्रु का भय कभी नहीं सताता. जीवन में सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है. कार्तिक पूर्णिमा पर यानी कि देव दिवाली की रात शिव के निमित्त दीप प्रज्वलित करने पर उन्नति के रास्ते खुल जाते हैं. धन से संबंधित परेशानियों का निवारण हो जाता है. इस विधि से दीपदान करने पर यम, शनि, राहु और केतु के बुरे प्रभाव कम हो जाते हैं. मां लक्ष्मी की कृपा से धन लाभ होता है.

कैसे करें देव दिवाली पर दीपदान ? (Dev Diwali Deep Daan Vidhi)

देव दिवाली के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी में स्नान करें और सूर्य देव को जल चढ़ाने के बाद तुलसी माता, श्रीहरि विष्णु और भगवान शिव की पूजा करना चाहिए. संध्या काल में 11,21, 51 या अपने क्षमता अनुसार आटे का दीपक बनाकर. तेल के दिए प्रज्वलित करें. देवतागण का स्मरण कर कुमकुम, हल्दी, अक्षत से पूजा करें और फिर इन्हें नदी या तालाब में छोड़े.

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