Chhattisgarh: राजस्थान की संकट पर टीएस सिंहदेव बोले- अनुशासन का उल्लंघन दुर्भाग्यपूर्ण


TS Singh Deo on Ashok Gehlot: छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंहदेव (TS Singh Deo) ने 28 सितंबर बुधवार को राजस्थान (Rajasthan) में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के खेमे के विधायकों की आलोचना की. उन्होंने कहा कि यह ‘अनुचित‘ और ‘दुर्भाग्यपूर्ण‘ है कि उन्होंने अनुशासन का उल्लंघन किया और पार्टी आलाकमान द्वारा भेजे गए पर्यवेक्षकों की अवज्ञा की. उन्होंने इस बात पर भी आश्चर्य जताया कि गहलोत जैसे वरिष्ठ नेता विधायकों को कैसे नियंत्रित नहीं कर पाए और ऐसी स्थिति सामने आ गई. सिंहदेव ने यहां संवाददाताओं से कहा कि जिस तरह से (राजस्थान में) कुछ मंत्रियों और विधायकों ने अनुशासन की सीमा को पार किया, वह अनुचित था.

 राजस्थान के विधायक पर मंत्री ने ये कहा

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मीडिया के सामने बोलने के बजाए उन्हें अपनी राय विधायक दल की बैठक में रखना था. कांग्रेस की यह परंपरा रही है कि किसी भी मुद्दे पर अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान ही लेता है. हमने देखा है कि प्रत्येक विधायक की राय स्वतंत्र रूप से (पार्टी पर्यवेक्षकों द्वारा) मांगी जाती है, लेकिन वे (विधायक) इस प्रक्रिया को खत्म करना चाहते थे और समूह में मिलना चाहते थे जो पार्टी की पारदर्शी और लोकतांत्रिक व्यवस्था के खिलाफ है. उन्होंने गहलोत को लेकर कहा कि वह पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और उनकी मौजूदगी में राजस्थान में ऐसा संकट कैसे पैदा हो गया.

सिंहदेव ने कहा कि मैं चकित था कि गहलोत जैसे नेता के होने के बावजूद ऐसी स्थिति सामने आई. यह (उन्हें अनुशासन में रखना) उनकी जवाबदेही थी. वह पार्टी आलाकमान से मुलाकात कर रहे थे, फिर (राजस्थान में) स्थिति कैसे नियंत्रण से बाहर हो गई? कैसे 92 विधायक अपना इस्तीफा लेकर विधानसभा अध्यक्ष के निवास पहुंच गए और उन्होंने पार्टी पर्यवेक्षकों के सामने जाने से इनकार कर दिया. यह दुखद, आश्चर्यजनक और अस्वीकार्य है.

भूपेश बघेल और सिंहदेव में हुआ था मनमुटाव

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें गहलोत की क्षमता पर संदेह है, उन्होंने कहा कि हम उन्हें पार्टी अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे देख रहे थे, क्योंकि इसकी संभावनाओं को लेकर काफी चर्चा चल रही थी. उन्होंने पार्टी के भीतर प्रमुख पदों पर कार्य किया है. यदि कोई अपने घर को अनुशासन में रखने में असमर्थ है तो यह प्रश्न निश्चित रूप से मन में आएगा कि यदि राजस्थान में गहलोत नहीं कर पाए तो राष्ट्रीय स्तर पर मेरे परिवार (कांग्रेस) का क्या होगा. इस वर्ष जुलाई में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ कथित मनमुटाव के बाद सिंहदेव ने पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि वह अभी भी स्वास्थ्य विभाग समेत चार विभागों के मंत्री हैं. 

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