Amazon : 1995 में ऑनलाइन किताब बेचकर हुई थी शुरुआत, 100 देशों में मौजूद है दुनिया की बड़ी कंपनी


Biggest Companies On Amazon : एक शख़्स ने ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट (Online Shopping Website) की शुरुआत उस समय हुई, जब लोग इंटरनेट (Internet) की दुनिया से काफी दूर हुआ करते थे. उस व्यक्ति ने अपनी नौकरी छोड़कर एक कंपनी की शुरुआत की. जो कुछ ही समय में दुनियाभर में छा गई है. आज वह कंपनी अमेजन (Amazon) के नाम से मशूहर हैं, जिसकी सेवाएं आप और हम सभी ले रहे हैं. अमेजन को शुरू करने वाले जेफ बेजोस (Jeff Bezos) को हमेशा से कंप्यूटर और तकनीक में बहुत भरोसा रहा है. 

इंटरनेट से बनाएंगे पैसा
इंटरनेट (Internet) के उपयोग में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. अपनी बेजोस ने 1990 के दशक की शुरुआत में ही ठान लिया था कि वो इंटरनेट से जुड़ा व्यवसाय करेंगे. तब उन्हें ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) का आईडिया आया और परिणाम स्वरूप अमेजन की शुरुआत हुई है.

किताब बेचने से शुरुआत हुई 
साल 1994 में अमेरिका के टेक्नोलॉजी हब सिएटल (Hub Seattle) में बेजोस ने अमेजन की स्थापना की. 1995 में ऑनलाइन किताब बेचने से शुरुआत हुई. सिएटल में बेजोस ने पत्नी मैकेंजी के साथ एक 3 कमरों वाला घर किराए पर लिया है. उन्होंने अपने घर के गैराज से ही कंपनी का कामकाज शुरू किया था. इस तरह दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी की शुरुआत हुई. 1997 में अमेजन का पहला आईपीओ खुला. तब कंपनी ने शेयर की कीमत 18 डॉलर तय की थी जो 1 साल में ही 105 डॉलर तक पहुंच गई.

100 से ज्यादा देशों में व्यापार 
ब्रैड स्टोन की किताब ‘द एवरीथिंग स्टोर: जेफ बेजोस एंड द ऐज ऑफ अमेजन’ के मुताबिक अमेजन के 1995 में लॉन्च के बाद 1 महीने के अंदर 50 राज्यों और 45 देशों से ऑनलाइन ऑर्डर लिए है. अमेजन कंपनी बेजोस दुनिया के सबसे अमीर शख्स बन गए. साल 1999 में टाइम मैगजीन ने उन्हें ‘किंग ऑफ साइबरकॉमर्स’ की उपाधि से नवाजा. 

2012 भारत में हुई शुरुआत 
अमेजन अपने ग्लोबल शिपिंग प्रोग्राम के तहत 100 से ज्यादा देशों में अपने सामानों की डिलीवरी करती है. भारत में अमेजन ने व्यापार की शुरुआत 2012 में की. हाल ही में अपने फ्रीडम सेल और एक घरेलू काम के लिए रोबोट वैक्यूम्स (Robot Vacuums) बनाने वाली कंपनी ‘irobot’ को खरीदने को लेकर अमेजन चर्चा में है.

ऐसा पड़ा नाम ‘Amazon’ 
बेजोस चाहते थे कि उनकी कंपनी का नाम ऐसा हो जिसे सुनते ही लगे कि वो दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है. उनकी इच्छा थी कि वो नाम अंग्रेजी अल्फाबेट के पहले अक्षर ‘A’ से ही शुरू हों. उन्होंने बहुत से नाम सोचे और आखिर में अमेजन नाम तय हुआ. अमेजन एक नदी का नाम है जो दुनिया की सबसे बड़ी नदी है. इस तरह अपने नाम में विशालता के कारण ‘अमेजन’ नाम फाइनल हुआ. 

मार्केट कैप 1 ट्रिलियन डॉलर के पार 
अमेजन के शुरू होने के 3 साल में ही कंपनी का मार्केट कैप 1 अरब डॉलर के पार पहुंच गया था. जिसकी कीमत उस वक्त के हिसाब से 3,600 करोड़ रुपये के बराबर होती है. अमेजन को 1 से 100 अरब डॉलर तक पहुंचने में 14 साल का समय लगा. आखिर सितंबर 2018 में पहली बार अमेजन का मार्केट कैप 1 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंचा. जिसकी कीमत उस समय के हिसाब से 68 लाख करोड़ रुपये होती है. वर्तमान में मार्केट कैप के हिसाब से अमेजन दुनिया की पांचवी बड़ी कंपनी है. अभी कंपनी का मार्केट कैप 1.40 ट्रिलियन डॉलर यानी 111 लाख करोड़ रुपये है.

बेजोस ने छोड़ा सीईओ का पद
27 साल तक अमेजन के सीईओ (Amazon CEO) के पद पर रहने के बाद जेफ बेजोस ने 2021 में ये पद छोड़ दिया. साल 2000 में स्पेस ट्रेवल के लिए बेजोस ने ब्लू ओरिजन की शुरुआत की थी. स्पेस ट्रेवल के क्षेत्र में भविष्य की संभावनाओं को लेकर बेजोस ने इस पर ज्यादा देने की योजना बनाई है. ब्लू ओरिजन का मुकाबला एलन मस्क की स्पेस एक्स से है. अमेजन के सीईओ के पद से हटने के बाद बेजोस ब्लू ओरिजिन के अलावा बेजोस अर्थ फंड, अमेजन डे वन फंड और अखबार द वाशिंगटन पोस्ट को अपना ज्यादातर समय दे रहे हैं.

पद छोड़ते ही गिरे शेयर्स
Amazon शुरू करने वाले बेजोस के सीईओ पद छोड़ने के बाद से कंपनी के शेयर्स में 32 फीसदी से ज्यादा की गिरावट दर्ज की है. इस साल कंपनी का मार्केट कैप 20 लाख करोड़ रुपये कम हो चुका है. दुनियाभर में फैले अपने नेटवर्क से कंपनी ऑनलाइन शॉपिंग के क्षेत्र में शीर्ष पर है.

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