ACB को मिली गुजरात के पूर्व गृहमंत्री की हिरासत, 800 करोड़ रुपये की हेरफेर का मामला


Gujarat News: गुजरात के मेहसाणा शहर की एक अदालत ने एक मामले में गिरफ्तार गुजरात के पूर्व गृह मंत्री विपुल चौधरी को शुक्रवार को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया. दरअसल दूधसागर डेयरी के अध्यक्ष रहते हुए उन पर करीब 800 करोड़ रुपये की कथित वित्तीय अनियमितता का आरोप है. चौधरी को गुरुवार को गिरफ्तार करने वाले गुजरात भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने विभिन्न आधारों पर 14 दिन की हिरासत मांगी थी. बचाव पक्ष और अभियोजन पक्ष की दलीलों के बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एएल व्यास ने भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी को पूर्व मंत्री की सात दिन की हिरासत प्रदान की.

अदालत ने चौधरी के साथ उनके चार्टर्ड एकाउंटेंट शैलेश पारिख को भी एक सप्ताह के लिए एसीबी की हिरासत में भेज दिया. चौधरी गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन संघ (जीसीएमएमएफ) के पूर्व अध्यक्ष हैं, जो प्रसिद्ध अमूल ब्रांड के मालिक हैं, और मेहसाणा जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड के भी प्रमुख हैं, जिसे दूधसागर डेयरी के नाम से जाना जाता है.

अनियमितताओं के माध्यम से पैसा बनाने का आरोप

मेहसाणा एसीबी ने बुधवार को चौधरी और अन्य के खिलाफ लगभग 800 करोड़ रुपये की कथित वित्तीय अनियमितताओं के संबंध में पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की थी, जब वह 2005 और 2016 के बीच दूधसागर डेयरी के अध्यक्ष थे. एजेंसी ने आरोप लगाया कि वित्तीय अनियमितताओं के माध्यम से पैसा बनाने के अलावा, पूर्व मंत्री, दूधसागर डेयरी के अध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, अपराध की आय को उस विशिष्ट उद्देश्य के लिए बनाई गई 31 कंपनियों के बैंक खातों में जमा करके मनी लॉन्ड्रिंग में भी शामिल थे.

Gujarat News: सरकार ने माना आंगनबाडी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं की वेतन बढ़ाने की मांग, जानें- कितना बढ़ेगी सैलरी

पत्नी और बेटा भी सह-आरोपी

चौधरी की पत्नी गीताबेन और बेटे पवन को भी प्राथमिकी में सह-आरोपी के रूप में दिखाया गया क्योंकि वे उनके द्वारा बनाई गई कुछ कंपनियों में निदेशक हैं. चौधरी ने डेयरी अध्यक्ष के रूप में अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया था और बड़ी संख्या में दूध कूलर के साथ-साथ बोरी खरीदने की प्रक्रियाओं की अनदेखी की थी, 485 करोड़ रुपये के निर्माण को मंजूरी दी थी और डेयरी के बाहरी प्रचार अभियान के लिए अनुबंध देने के लिए निविदा मार्ग का पालन नहीं किया था. एसीबी ने कहा है कि इस तरह के कदाचार के माध्यम से प्राप्त धन को वैध बनाने के लिए, चौधरी ने जाली दस्तावेजों का उपयोग करके 31 कंपनियां बनाईं और अपराध की आय को उन संस्थाओं के बैंक खातों में जमा कर दिया. गुजरात के सहकारी क्षेत्र का एक प्रमुख चेहरा चौधरी 1996 में शंकरसिंह वाघेला सरकार में गृह मंत्री थे.

Vande Bharat Train: वंदे भारत और तेजस की टाइमिंग अंतराल कम होने को लेकर IRCTC ने जताई चिंता, रेलवे बोर्ड से कही ये बात



Source link

https://sluicebigheartedpeevish.com/u4j5ka2p?key=f9b1fb0aab078545b23fc443bdb5baad

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d bloggers like this: