हिमाचल के वो क्षेत्र जहां चुनाव करवाना है चुनौती, बर्फबारी के कारण एक बार बदलना पड़ा था शेड्यूल


Himachal Pradesh Assembly Election 2022: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने कमर कस ली है. हर विधानसभा सीट पर बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी नज़र बनाए हुए हैं. 12 नवंबर को राज्य की 68 विधानसभा सीटों के लिए एक चरण में वोटिंग होगी. आठ दिसंबर को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे.

आज आपको हम हिमाचल प्रदेश की ऐसे तीन क्षेत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां हमेशा चुनाव करवाना चुनाव आयोग के लिए मुश्किल होता है.  ये तीनों विधानसभा सीट बर्फबारी के कारण सबसे ज्‍यादा प्रभावित होते हैं. एक बार तो बर्फबारी की वजह इन तीन क्षेत्रों में मतदान की तारीख बदलनी पड़ी थी.

1998 में हुआ था चुनावी कार्यक्रम प्रभावित

इन क्षेत्रों में 1998 में भी बर्फबारी ने चुनावी कार्यक्रम प्रभावित कर दिया था. तब जनजातीय विधानसभा क्षेत्र लाहुल स्‍पीति, भरमौर व किन्‍नौर में मई महीने में चुनाव करवाने पड़े थे. हिमाचल प्रदेश के ये तीन विधानसभा क्षेत्र ही बर्फबारी के कारण सबसे ज्‍यादा प्रभावित होते हैं.

चुनाव आयोग के लिए बड़ी चुनौती

लाहुल स्पीति में नवंबर में चुनाव करवाना काफी मुश्किल होगा. लाहुल स्पीति क्षेत्रफल के हिसाब से देश का दूसरा सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र है.पिछली बार यहां से हिविका के प्रत्याशी डा. रामलाल मार्कंडेय भाजपा के गठबन्धन से चुनाव जीते थे और प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल की सरकार में मंत्री बने थे.

13833 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले लाहुल स्पीति विधानसभा क्षेत्र की सीमाएं चंबा के पांगी से समदो में चीन सीमा को छूती हैं. स्पीति में दुनिया का सबसे ऊंचा 15256 फीट उंचा टशीगंग मतदान केंद्र है. स्पीति के अधिकतर मतदान केंद्र 12 हजार फीट की ऊंचाई पर हैं.

ऐसे में लगातार होने वाली बर्फबारी चुनाव प्रक्रिया में खलल पैदा कर सकती है. बता दें कि लाहुल स्‍पीति में 24744 मतदाता हैं. 92 मतदान केंद्रों में करीब 368 पोलिंग अधिकारी व कर्मचारी सेवाएं देंगे.



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