Raju Srivastav Death: कॉमेडी किंग और हंसी का ऐसा सरताज जिसने सालों साल हमारे दिलों पर राज किया, वह आज हमेशा के लिए शांत हो गया. मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastav) हर्ट अटैक आने के बाद आज AIIMS में जिंदगी की जंग हार गए. राजू श्रीवास्तव कुल 42 दिन अस्पताल में रहे. बीच में उन्हें थोड़ा बहुत होश जरूर आया लेकिन ज्यादातर वह वेंटिलेटर पर ही रहे. राजू श्रीवास्तव की उम्र महज 58 साल थी. राजू जिम करते थे और फिट रहते थे. यहां कि जब उन्हें हार्ट अटैक आया तो वो जिम ही कर रहे थे. लेकिन सवाल ये है कि वो कौन से कारण है, जिनकी वजह से राजू श्रीवास्तव की स्थिति इतनी गंभीर हो गई.
चार डॉक्टरों की टीम उनके लिए लगी रही
AIIMS में राजू श्रीवास्तव का लंबे समय तक इलाज चला. वह ICU में वेंटिलेटर पर रहे. दिल्ली एम्स के बड़े-बड़े डॉक्टर उन्हें होश में नहीं ला सके. डॉक्टरों के मुताबिक उनके ब्रेन ने रिस्पॉन्स करना ही बंद कर दिया था.
हार्ट अटैक आने पर क्यों स्थिति गंभीर होती है
हार्ट अटैक खतरनाक तो है ही पर इससे बचाव हो सकता है. इस बारे चितरंज अस्पताल के डॉक्टर विमल कुमार का कहना है कि हार्ट अटैक आने पर ‘गोल्डन आवर’ सबसे महत्वपूर्ण होता है. ये किसी भी हादसे या हार्ट अटैक के समय का पहला सबसे जरूरी घंटा है. जिस समय हर्ट अटैक आए उसी समय तुरंत व्यक्ति को उपचार मिलना चाहिए.
ब्रेन इंजरी बड़ा कारण
AIIMS के डॉक्टरों ने बताया कि राजू श्रीवास्तव को जब हार्ट अटैक आया तो 3 से 4 मिनट उनके ब्रेन में खून सप्लाई बाधित रही. इसके चलते राजू के ब्रेन में ऑक्सीजन की कमी हो गई और वह ब्रेन इंजरी की गिरफ्त में आ गए. MRI में भी इस बात की पुष्टि हुई थी कि हार्ट अटैक की वजह से उन्हें ब्रेन इंजरी हुई. डॉ. विमल का कहना है कि ब्रेन इंजरी से उबरने में काफी समय लगता है. इसी वजह से राजू भी कोमा में चले गए और आखिरकार जिंदगी की जंग हार गए.
हार्ट अटैक आने पर क्या करें
- अगर आपके पास Disprin, Ecosprin या Aspirin है, तो आपको इसे रोगी को दे सकते हैं. इससे खून पतला होता है और ये कुछ हद तक मददगार साबित होती हैं.
- सीपीआर (CPR) दें
- तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाएं
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