हत्यारे को फांसी की मांग: जालौर जिले के इन्द्र कुमार के हत्यारे को फांसी दी जाए

[ad_1]

सवाई माधोपुरएक घंटा पहले

  • कॉपी लिंक
बौंली में एसडीएम को ज्ञापन देने जाते लोग। - Dainik Bhaskar

बौंली में एसडीएम को ज्ञापन देने जाते लोग।

बौंली जालौर जिले के सायल थानांतर्गत सुराणा गांव में एक अनुसूचित जाति के स्कूली बच्चे की हत्या के आरोपी स्कूल संचालक को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों ने मुख्यमंत्री के नाम एस डी एम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया है। भीम आर्मी के सचिव विजेंद्र कुमार वर्मा ने बताया कि जालौर जिले के सायल थानांतर्गत सुराणा गांव के एक निजी विद्यालय की कक्षा तीन के विद्यार्थी इन्द्र कुमार मेघवाल के साथ स्कूल संचालक ने मटकी से पानी पीने पर गंभीर मारपीट की।

जिससे छात्र इन्द्र कुमार की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि उक्त घटना के विरोध में मंगलवार को खिरनी रोड़ स्थित एक मैरिज गार्डन में डॉ भीमराव अंबेडकर अनुसूचित जाति अधिकारी कर्मचारी एसोसिएशन बौंली के अध्यक्ष नंदकिशोर वर्मा के नेतृत्व में सर्व समाज, भीम आर्मी, एपीआई, रैगर महासभा, बैरवा महासभा , राजस्थान शिक्षक संघ अंबेडकर आदि संगठनों की बैठक आयोजित की गई। जिसमे लोगो द्वारा उक्त घटना की निन्दा करते हुए आक्रोश व्यक्त किया। साथ ही आरोपी स्कूल संचालक की फांसी की मांग को लेकर नारेबाजी करते हुए जुलूस के रूप में सैकड़ों लोग एस डी एम कार्यालय पहुंचे। जहां मुख्यमंत्री के नाम एस डी एम को ज्ञापन दिया। उन्होंने कहा कि एक ओर देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है वहीं दूसरी ओर दलित वर्ग के साथ जातीय उत्पीड़न व हत्या की घटनाएं बढ़ रही है। शिक्षा के मंदिर में हुई यह घटना मानवता को शर्मशार करने वाली घटना है।

उन्होंने छात्रों से भेदभाव करने वाली शिक्षण संस्थाओं की मान्यता रद्द करने, इन्द्र कुमार की हत्या के आरोपी स्कूल संचालक छैलसिंह को फांसी देने, उक्त विद्यालय की मान्यता रद्द करने, पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता एवं एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी देने, सरकारी व निजी संस्थानों व कार्यालयों में जाति भेदभाव, पक्षपात एवं उत्पीड़न की घटनाओं के लिए जिम्मेदार लोगो पर आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की। ज्ञापन देने वालों में सुखराज बैरवा, विक्रम वर्मा, हनुमान मीना खिरखड़ी,शंभू दयाल राजौरा, हनुमान गुर्जर, प्रह्लाद सैनी, ओमप्रकाश जोशी, रामसहाय वर्मा सहित सैकड़ों महिला पुरुष थे।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *