सिर्फ फैट घटाने के लिए नहीं, इन कारणों से रहें डेयरी प्रॉडक्ट्स से दूर


Leave Dairy Products: वेटलॉस की इच्छा रखने वाले लोग स्वेच्छा से दूध छोड़ देते हैं. कम ही लोग हैं जो वेट लॉस के लिए किसी डायटिशियन की मदद लेते हैं. हालांकि डायटिशियन की गाइडेंस में वेट लॉस करना करना या वेट गेन करना एक सुरक्षित विकल्प होता है. क्योंकि डायटिशियन आपका डायट चार्ट कुछ इस तरह डिजाइन करते हैं कि इससे आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी नहीं होती है. हर व्यक्ति के शरीर को उसके लाइफस्टाइल के अनुसार पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, तभी वह हेल्दी रहते हुए वजन घटा सकता है.

खैर, अब बात करते हैं कि किन लोगों को डेयरी ​प्रोडक्ट्स जैसे कि दूध, दही, छाछ, पनीर, लस्सी, टोफू, चीज इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए. हालांकि डेयरी ​प्रोडक्ट्स बहुत हेल्दी होते हैं और बोन्स के निर्माण से लेकर मसल्स बिल्डिंग और स्किन सेल्स को हेल्दी रखने में बहुत योगदान करते हैं. लेकिन कुछ लोगों को इनके सेवन से समस्या होती है. क्योंकि उनका शरीर इन ​प्रोडक्ट्स में पाए जाने वाले कुछ खास गुणों के प्रति अतिसंवेदनशील होता है. यहां जो लक्षण बताए जा रहे हैं, जिन लोगों को ये समस्याएं होती हैं, उन्हें डेयरी प्रोडक्ट्स से दूरी बना लेनी चाहिए.

  • क्रोनिक पेचिस
  • अक्सर लूज मोशन होना
  • लेक्टोज इंटॉलरेंस
  • बहुत अधिक पिंपल निकलना
  • लगातार ​एक्ने की समस्या
  • गैस बनने की समस्या

यह जानकारी है जरूरी 

यहां बताई गई समस्याओं में से गैस बनने की समस्या होने पर और ​एक्ने की समस्या होने पर छाछ का सेवन कर सकते हैं. क्योंकि छाछ बहुत लाइट होती है और डायजेशन को बूस्ट करने का काम करती है. अन्य किसी भी समस्या में आप अपने डॉक्टर की सलाह के बाद ही इसका सेवन करें.

क्या कहती हैं रुजुता दिवेकर?

डेयरी ​प्रोडक्ट्स के बारे में बात करते हुए लिब्रिटी ​​डायटीशियन रुजुता दिवेकर इसमें कुछ और पॉइंट्स भी ऐड करती हैं. किन लोगों को डेयरी ​प्रोडक्ट्स नहीं लेना चाहिए, इसके लिए ये कुछ अन्य क्राइटेरिया पर भी ध्यान आकर्षित करती हैं.

  • वे लोग डेयरी ​प्रोडक्ट्स का सेवन छोड़ सकते हैं या इससे दूर रह सकते हैं, जिनके कल्चरल फूड सिस्टम और रिजनल फूड सिस्टम का यह हिस्सा नहीं है. 
  • इंडस्ट्रियल मिल्क और बिजनेस डेयरी के ​प्रोडक्ट्स से आप दूर रह सकते हैं. लेकिन अपनी जरूरत के लिए घरों में गाय पालने वाले लोगों और गौशालाओं या किसानों के यहां से दूध ले सकते हैं. क्योंकि इस तरह का दूध अधिक शुद्ध और सुरक्षित हो सकता है.
  • अगर आपको लेक्टोज इनटॉलरेंस की समस्या है तो आप मिल्क ​प्रोडक्ट्स से दूर रहें. लेकिन इनके विकल्प के रूप में बादाम मिल्क और सोया मिल्क पर निर्भरता ना बढ़ाएं. 

कैसे करें कैल्शियम की पूर्ति?

  • बादाम मिल्क और सोया मिल्क पर निर्भरता ना बढ़ाने का अर्थ यह होता है कि आप इनका कभी-कभार सेवन कर सकते हैं लेकिन हर दिन इनके उपयोग की आदत ना डालें. साथ में इस बात का पूरा ध्यान रखें कि आपके शरीर में कैल्शियम का स्तर बना रहे. 
  • इसके लिए आप अपनी डायटिशियन या डॉक्टर से मिलकर सलाह लें. दालों और साबुत अनाज का सेवन करें. देसी गाय के घी का सेवन डॉक्टर की सलाह से कर सकते हैं. विटामिन-डी और कैल्शियम की पूर्ति के लिए सप्लिमेंट्स ले सकते हैं.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. 

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