शील धाबाई फिर बनी जयपुर नगर निगम ग्रेटर की मेयर: पार्षद कार्यालय का उद्घाटन करने निकली सौम्या गुर्जर बीच रास्ते से वापस घर लौटीं



जयपुर13 मिनट पहले

जयपुर नगर निगम ग्रेटर में मेयर के पद से सौम्या गुर्जर को बर्खास्त के बाद सरकार ने शील धाबाई को कार्यवाहक मेयर बनाया है। वहीं, सरकार के बर्खास्त के फैसले पर सौम्या गुर्जर ने कोई खास प्रतिक्रिया न देते हुए कहा कि संघर्ष ही उनका जीवन है और वे आगे भी अपना संघर्ष जारी रखेगी।

इधर अपने सस्पेंशन से पहले तय शेड्यूल के मुताबिक सौम्या गुर्जर वार्ड 23 के पार्षद कार्यालय का उद्घाटन करने विद्याधर नगर जा रही थी। लेकिन आदेश की कॉपी मिलने के बाद वह बीच रास्ते से ही वापस घर लौट गई। इधर सरकार से आदेश मिलते ही सौम्या गुर्जर का नाम नगर निगम मुख्यालय में मेयर के चैम्बर से हटा दिया और वही उनकी गाड़ियां व सुरक्षा गार्ड वापस बुला लिए।
आदेश आते ही मुख्यालय के बाहर चैम्बर से हटाया नाम
सरकार की ओर से सुबह आदेश जारी करने के बाद जब नगर निगम मुख्यालय में अधिकारी-कर्मचारी पहुंचे तो उन्होंने पहले तो मेयर के चैम्बर को खोला नहीं। उसके बाद मेयर के चैम्बर के बाहर लगी नेम प्लेट पर से सौम्या गुर्जर के नाम को चाकू-पत्ती से खुंरोचकर हटाया गया। नगर निगम प्रशासन के इस रवैये की उप महापौर पुनीत कर्णावट ने आलोचना की। उन्होंने कमिश्नर महेन्द्र सोनी को पत्र लिखा और कहा कि इस तरह से चाकू से कुरेद-कुरेद कर नाम हटाना अशोभनीय है। ऐसी क्या जल्दबाजी थी कि इतनी जल्दी उनका नाम और इस तरह से हटाया गया।

8 महीने पहले रही कार्यवाहक मेयर
धाबाई इससे पहले भी इसी कार्यकाल में 8 महीने तक कार्यवाहक मेयर रही। ये दूसरा मौका है, जब वह कुर्सी पर बैठेंगी। शील धाबाई वार्ड नं. 60 से पार्षद है और वर्तमान में वित्त समिति की चैयरमेन भी है। सरकार ने पिछले साल 6 जून को जब सौम्या गुर्जर को निलंबित किया था, तब सरकार ने 7 जून को आदेश जारी करते हुए शील धाबाई को कार्यवाहक मेयर बनाया था, जो 1 फरवरी तक मेयर रही थी।

जयपुर में अब तक ये रहे मेयर

  • मोहन लाल गुप्ता (1994-1999) : मोहन लाल गुप्ता जयपुर के पहले मेयर बने, जिन्होने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया।
  • निर्मला वर्मा व शील धाबाई (1999-2004) : 1999 में भाजपा ने निर्मला वर्मा को मेयर बनाया। मेयर के कार्यकाल के दौरान ही वर्मा की मौत हो गई। जिसके बाद उनकी जगह शील धाबाई को जयपुर मेयर चुना।
  • अशोक परनामी व पंकज जोशी (2004-2009): अशोक परनामी 2004 से 2008 तक जयपुर के मेयर रहे।आदर्शनगर से परनामी के विधायक निर्वाचित होने के तत्कालीन डिप्टी मेयर पंकज जोशी को जयपुर को मेयर चुना गया।
  • ज्योति खंडेलवाल (2009-2014): 2009 में पहली मेयर के प्रत्यक्ष चुनाव हुए, जिसमें कांग्रेस की ज्योति खंडेलवाल को जनता ने सीधे मेयर के रूप में चुना।
  • निर्मल नाहटा, अशोक लाहोटी व विष्णु लाटा (2014-2019): 2014 में हुए चुनाव के बाद भाजपा के निर्मल नाहटा जयपुर के सातवें मेयर निर्वाचित हुए। अंदरूनी राजनीति के चलते दिसंबर 2016 में नाहटा को मेयर पद से हटाकर अशोक लाहोटी को मेयर बना दिया। वर्ष 2018 में सांगानेर से विधायक निर्वाचित होने के बाद लाहोटी ने मेयर पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद जनवरी 2019 में भाजपा से बागी होकर चुनाव लडे विष्णु लाटा कांग्रेस के सहयोग से जयपुर के मेयर बने।
  • सौम्या गुर्जर, मुनेश गुर्जर और शील धाबाई (2020 से अब तक) : नवंबर 2020 में चुनाव के बाद नगर नगम ग्रेटर में सौम्या गुर्जर और नगर निगम हैरिटेज में मुनेश गुर्जर मेयर का चुनाव जीती। हालांकि जून 2021 में सरकार ने सौम्या गुर्जर को पद से निलंबित करके शील धाबाई को कार्यवाहक मेयर बना दिया था। 1 फरवरी 2022 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सौम्या गुर्जर दोबारा मेयर बनी, लेकिन 27 सितम्बर को सरकार ने वापस नया आदेश जारी करके सौम्या गुर्जर को पद से बर्खास्त कर दिया।

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