लाल बत्ती की गाड़ी में कॉलेज पहुंचा छात्रसंघ अध्यक्ष: बोला- बड़े नेता लाल बत्ती में घूम सकते हैं, तो मैं क्यों नहीं? मुझे भी छात्रों ने चुना


कोटा28 मिनट पहले

ABVP से नवनिर्वाचित छात्र संघ अध्यक्ष मनीष सामरिया आज लाल बत्ती लगी गाड़ी में कॉलेज पहुंचे।

कोटा गवर्मेंट आर्ट्स कॉलेज के ABVP से छात्रसंघ अध्यक्ष मनीष सामरिया आज लाल बत्ती लगी गाड़ी में कॉलेज पहुंचे। चुनाव जीतने के बाद पहली बार मनीष सामरिया कॉलेज पहुंचे थे। कॉलेज पहुंचने पर छात्रों ने उन्हें माला पहनाकर स्वागत किया। जमकर नारेबाजी लगाई। मनीष से लाल बत्ती लगाने का कारण पूछा तो कहा- नेताओं को जनता चुनती है। ये बड़े-बड़े नेता लाल बत्ती लगाकर घूम सकते है। तो मुझे भी छात्रों ने चुना है, मैं लाल बत्ती क्यों नहीं लगा सकता।

मनीष ने कहा- छात्र संघ अध्यक्षों को भी लाल बत्ती लगाने का अधिकार मिलना चाहिए। लाल बत्ती लगाना कानून के खिलाफ है तो हटा देंगे। ये अन्याय है। सभी की लाल बत्ती हटनी चाहिए। मैंने खबरों में आने के लिए गाड़ी पर लाल बत्ती नहीं लगाई है। जिस कॉलेज में छात्रसंघ अध्यक्ष बना हूं। इस कॉलेज के छात्रों की इच्छा थी कि में लाल बत्ती लगी गाड़ी में आऊं। छात्रों की इच्छा पूरी करने के लिए लाल बत्ती की गाड़ी में आया हूं। सभी छात्र बड़े खुश हुए है।

मुझे भी छात्रों ने चुना है, मैं लाल बत्ती क्यों नहीं लगा सकता।

कार्यवाहक कॉलेज प्राचार्य सरिता शर्मा ने बताया कि उन्हें छात्र संघ अध्यक्ष के लाल बत्ती की गाड़ी में कॉलेज कैंपस में आने की जानकारी नहीं है। ये नियमानुसार सही नहीं है। वैसे लाल बत्ती की गाड़ी की परमिशन तो विशिष्ट लोगों को प्राप्त है। यदि ऐसा हुआ है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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कॉलेज पहुंचने पर छात्रों ने उन्हें माला पहनाकर स्वागत किया।

कॉलेज पहुंचने पर छात्रों ने उन्हें माला पहनाकर स्वागत किया।

कोर्ट ने लगा रखी रोक

वरिष्ठ वकील अख्तर खान अकेला ने बताया की मोटर व्हीकल एक्ट के तहत अभी किसी भी व्यक्ति को लाल बत्ती यूज करने का अधिकार नहीं है। लाल बत्ती लगाकर खुद को वीआईपी जैसा दिखाने पर माननीय उच्चतम न्यायालय ने रोक लगा दी थी। उसके बाद सरकार ने भी कानून बनाकर इसे अवैध घोषित किया था। इसे कोई यूज नहीं कर सकता।

अख्तर खान ने बताया- पहले लाल बत्ती व नीली बत्ती अलग-अलग प्रोसिजर बनाए गए थे। जब सुप्रीम कोर्ट का ऑर्डर हुआ। उसके बाद लाल बत्ती का ट्रेंड सरकार ने कानून बनाकर खत्म कर दिया। अब लाल बत्ती कोई भी व्यक्ति, कोई भी अधिकारी नहीं लगा सकता।

अख्तर ने कहा- एंबुलेंस की बत्ती नीले और ऑरेंज कलर की है। कार्यपालक मजिस्ट्रेट ट्यूर पर जा रहा हैं तो एंबुलेंस जैसी बत्ती लगा सकता है। पुलिस वाले भी यह बताने के लिए लगा सकते हैं की सरकारी काम के प्रोसीजर के लिए जा रहे हैं।

1 हजार रुपए जुर्माना और 3 महीने की सजा

लाल बत्ती यूज करने पर 1 हजार का जुर्माना और 3 महीने की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा जो कोई व्यक्ति इसका हकदार नहीं है। वो लोगों के सामने खुद को वीआईपी की तरह प्रदर्शन करने की कोशिश कर रहा है। तो ऐसे मामले में गाड़ी मालिक व ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई संभव है। गाड़ी का रजिस्ट्रेशन व ड्राइविंग लाइसेंस कैंसिल होगा।

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