राजस्थान: जूता फेंकने से शुरू हुआ विवाद गोलीकांड मामले तक पहुंचा, कांग्रेस-बीजेपी के नेता भिड़े


Rajasthan Politics: राजस्थान में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) से पहले सियासी जंग शुरू हो गई है. गुर्जर महासम्मेलन (Gurjar Mahasammelan) में हंगामे के बाद बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) आमने-सामने हैं. दोनों दलों के नेताओं ने सोशल मीडिया पर मोर्चा संभाल लिया है. अशोक गहलोत सरकार में खेल राज्यमंत्री पर जूता फेंकने से शुरू हुआ विवाद गुर्जर आंदोलन के गोलीकांड मामले तक पहुंच गया है.

सोशल मीडिया पर मंत्री ने किया गुस्से का इजहार
पुष्कर (Pushkar) में हुई घटना से आहत अशोक चांदना (Ashok Chandna) ने सोशल मीडिया पर गुस्से का इजहार करते हुए लिखा था, “आज एक अद्भुत नजारा देखा गया जब राजेंद्र राठौड़ (तत्कालीन मंत्रिमंडल सदस्य), जिन्होंने 72 लोगों को मारने का आदेश दिया था, जब मंच पर आए थे तो तालियां बजी और गुर्जर आरक्षण आंदोलन (Gujjar Reservation Movement) में जिनके परिवार के लोग जेल गए, उन पर जूते फेंके गए, जिस मंच पर जूते फेंके गए उस पर शहीदों के परिवारजन बैठे थे. कम से कम उनका तो ख्याल कर लेते. कर्नल साहब की अंतिम स्मृति को ऐसे कलंकित करने वाले लोग कितना दूर तक जाएंगे यह तो वक्त बताएगा.”

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बीजेपी नेता ने गिरेबान में झांकने की दी नसीहत
चांदना के आरोप का जवाब देते हुए राजेंद्र राठौड़ ने लिखा, “दूसरों पर तोहमत लगाने से पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखो, आखिर हुजूर यह हालत क्यों बनी? दूसरों की पकी हुई फसल को काटकर अगर अपने खेत पर ले जाओगे तो परिणाम ऐसे ही निकलेंगे. अभी तो आगे-आगे देखो होता है क्या.”

बीजेपी नेता राठौड़ के पलटवार का जवाब देते हुए चांदना ने सवाल किया कि “क्या 2007 की गोलीकांड सरकार में आप मंत्री नही थे? आपकी उम्र और तजुर्बा मुझसे बड़ा है इसलिए टिप्पणी नहीं करूंगा. कल फूट की फसल को काटने कौन-कौन आया था यह सबने देखा है.” इसके जवाब में राठौड़ ने लिखा, “इतिहास के पन्नों की बात ना करें. पुल के नीचे से पानी बहुत बह गया है. 2018 में जिनकी सरपरस्ती में आप युवा कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष थे उनके लिए ‘जिस दिन मैं लड़ने पर आ गया तो फिर एक ही बचेगा’ यह भाषा लोकतंत्र की नहीं है. यह अहंकार व गुरूर की भाषा है. इसका काल लंबा नहीं होता है.”

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सोमवार को पुष्कर में खेल राज्यमंत्री अशोक चांदना गुर्जर आरक्षण समिति के सुप्रीमो रहे स्वर्गीय कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला (Kirori Singh Bainsla) की अस्थि विसर्जन कार्यक्रम में पहुंचे थे. गुर्जर महासम्मेलन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की ओर से भेजा गया श्रद्धांजलि संदेश पढ़ रहे खेल राज्यमंत्री अशोक चांदना पर जूते-चप्पल फेंके गए. प्रदर्शनकारी सचिन पायलट (Sachin Pilot) जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे.

घटना के वक्त लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, सीएम अशोक गहलोत के पुत्र और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष वैभव गहलोत, देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, राजेंद्र राठौड़, कर्नल के पुत्र विजय सिंह बैंसला सहित कई नेता मंच पर मौजूद थे. मंत्री की सभा में अचानक हुई घटना से अजमेर जिला प्रशासन और पुलिस के हाथ-पांव फूल गए. कई नेता मंच से उतरकर रवाना हो गए. पुलिस ने घेराबंदी के बीच सुरक्षित बाहर निकाला. महासम्मेलन में भाग लेने राजस्थान, मध्यप्रदेश, हरियाणा और अन्य राज्यों से गुर्जर समाज के लाखों लोग पुष्कर पहुंचे थे.



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