मानसून से संकट में राजस्थान: तीन बांधों में 100 फीसदी पानी पहुंचा, 5 जिलों में NDRF और SDRF तैनात


बीकानेर12 मिनट पहले

माही डेम के सभी गेट्स अब खोल दिए गए हैं।

राजस्थान में रिकार्ड बारिश ने बांधों को छलकने को मजबूर कर दिया है। इन्हीं बांधों के आसपास के शहर और गांव पर खतरा मंडराने लगा है। प्रदेश के 22 में से तीन बांध तो 100 फीसदी भर चुके हैं। आने वाले दिनों में बारिश और पीछे से पानी आने का सिलसिला नहीं थमा तो जनजीवन संकट में आ सकता है। फिलहाल राज्य के दस जिलों में स्थिति खतरे के निशान के आसपास है। राणा प्रताप सागर बांध से एक ही दिन में चार लाख 66 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है, वहीं कोटा बैराज के 17 गेट खोले जा चुके हैं और इससे 4 लाख 97 हजार क्यूसेक पानी निकासी की गई है। महज दो बांधों से करीब दस हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ना पड़ा है।

कोटा की निचली बस्तियों में पानी भरने से लोग घर छोड़ने के लिए मजबूर हो गए। जो सामान हाथ लगा उसे बचाते नजर आए।

राज्य में इन दिनों पांच जिलों में एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रिलीफ फोर्स) और एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिलीफ फोर्स) की टीमें पांच जिलों में तैनात है। अगर बादल बरसते रहे तो इनकी संख्या भी बढ़ानी पड़ सकता है। दरअसल, प्रदेश के 22 बांधों में तीन बांध तो पूरी तरह भर चुके हैं। जिसमें बांसवाड़ा का हारो, टोंक का गलवा और प्रतापगढ़ का जाखमबांध अपनी पूर्ण क्षमता तक भर चुके हैं। ईंच भर पानी भी इन बांधों के आसपास के शहर और गांवों के लिए संकट बन सकता है। इसके अलावा चित्तौड़गढ़ के राणा प्रताप सागर बांध में 93.68 प्रतिशत, कोटा के कोटा बैराज में 95.38 और बूंदी के गुढ़ा डेम में 97.18 प्रतिशत पानी आ चुका है। कुछ दिन और बारिश हुई तो ये तीन बांध भी सौ फीसदी तक पहुंच जाएंगे। जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक भरतपुर के सीकरी बांध, जयपुर के कालख बांध, राजसमंद बांध और भीलवाड़ा के मेजा डेम को छोड़ दें तो शेष सभी में 18 बांधों में पिछले सालों की तुलना में ज्यादा पानी आ चुका है।

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कोटा के नयापुरा में इतना पानी आ गया कि घरों का आधा हिस्सा पानी में डूब गया।

कोटा के नयापुरा में इतना पानी आ गया कि घरों का आधा हिस्सा पानी में डूब गया।

इन जिलों में संकट

वर्तमान में कोटा में सबसे खतरनाक हालात बने हुए हैं, जहां चंबल का पानी सड़कों पर आ गया है। वहीं, चित्तौड़गढ़ में मंगलवार को ही 76.5 एमएम बारिश ने कहर बरपाया है। इसके अलावा बूंदी, टोंक, अजमेर, भीलवाड़ा, सिरोही, अंता (बारां), बांसवाड़ा, डबोक (उदयपुर) में बारिश का जबर्दस्त दौर है। उदयपुर में तो मंगलवार को दिनभर बादल गरजते और बरसते रहे।

सिरोही जिले के सरूपगंज क्षेत्र में तेज बारिश के बाद नदी-नाले उफान पर चल रहे हैं। यहां खाखरवाड़ा नदी उफान पर चल रही है, जिसके बहाव में एक बाइक और दूध से भरा टैंकर फंसा गया। पानी में फंसे टैंकर को काफी मशक्कत के बाद हाइड्रो मशीन से बाहर निकाला गया।

सिरोही जिले के सरूपगंज क्षेत्र में तेज बारिश के बाद नदी-नाले उफान पर चल रहे हैं। यहां खाखरवाड़ा नदी उफान पर चल रही है, जिसके बहाव में एक बाइक और दूध से भरा टैंकर फंसा गया। पानी में फंसे टैंकर को काफी मशक्कत के बाद हाइड्रो मशीन से बाहर निकाला गया।

यहां तैनात है रिलीफ फोर्स

सात जिलों में कोटा, धौलपुर और झालावाड़ में हजारों लोग पानी में फंसे हुए हैं, जिन्हें रेस्क्यू करना पड़ रहा है। दो दिन से बारां के छबड़ा क्षेत्र के खुरई, गोड़िया मेहर, बटावदापार से लोगों को एयरलिफ्ट करना पड़ा है। वहीं, एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रिलीफ फोर्स) और एसडीआरएफ (स्टेट डिजास्टर रिलीफ फोर्स) की करीब बीस टीमें इन दिनों प्रदेशभर में तैनात है। कोटा के नयापुरा एरिया में नाव चलाकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना पड़ा। जोधपुर के बाप एरिया में भी जबर्दस्त बारिश के बाद खेतों में पानी भर गया। बाबा घाट एरिया पूरी तरह पानी में डूब गया है। यहां रहने वाले लोगों को बाहर निकलने की सलाह दी गई है।

आगे राहत की उम्मीद

मौसम विभाग की भविष्यवाणी को मानें तो बुधवार को जैसलमेर, बाडमेर, जालौर और प्रतापगढ़ में बारिश हो सकती है। गुरुवार को सिर्फ प्रतापगढ़ में बादलों की आवाजाही बनी रहेगी। 26 व 27 अगस्त को राज्यभर में कहीं भी बारिश नहीं होगी। वैसे भी पूर्वी राजस्थान में अगले कुछ दिन बारिश की आशंका नहीं है। मंगलवार देर रात करीब सवा ग्यारह बजे मौसम विभाग ने जयपुर,बीकानेर,जैसलमेर, बाडमेर, जालौर, सिरोही, प्रतापगढ़,उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा जिलों और आसपास के क्षेत्रों मे कहीं-कहीं पर मेघगर्जन के साथ हल्की से मध्यम वर्षा का दौर जारी रहने की संभावना जताई। इस अवधि के दौरान बाड़मेर, जैसलमेर, में कहीं कहीं आकाशीय बिजली और तेज बारिश के दौर की संभावना जताई है।

चंबल के राजघाट पर नदी के उफान को देखने के लिए आसपास के गांवों के लोग किनारे पर उमड़े।

चंबल के राजघाट पर नदी के उफान को देखने के लिए आसपास के गांवों के लोग किनारे पर उमड़े।

प्रदेश का पारा गिरा

पिछले चौबीस घंटे में सबसे ज्यादा पारा जैसलमेर का गिरा है। जहां इन दिनों में 36 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान रहता है, लेकिन मंगलवार को 7.2 डिग्री सेल्सियस कम यानी 29.4 डिग्री सेल्सियस पारा रहा। वहीं चित्तौड़गढ़ में भी सामान्य से पांच डिग्री सेल्सियस कम तापमान रहा। राज्य में सबसे गर्म श्रीगंगानगर रहा लेकिन वहां भी तापमान महज 36.8 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं कोटा में सबसे कम न्यूनतम पारा 22.4 डिग्री सेल्सियस रहा। ये सामान्य से तीन डिग्री कम है।

जिला पिछले 24 घंटे में बारिश (MM में)
चित्तौड़गढ़ 76.5
बूंदी 66
टोंक 49
अजमेर 48.1
भीलवाड़ा 46
कोटा 43
सिरोही 38.5
अंता (बारां) 36.2
बांसवाड़ा 35.5
डबोक (उदयपुर) 28.6

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