जयपुरएक घंटा पहले
- हर शनिवार पढ़िए और सुनिए- ब्यूरोक्रेसी और राजनीति से जुड़े अनसुने किस्से
मारवाड़ की सियासत के रंग अनूठे हैं। कौन किसके साथ है, काैन खिलाफ, इसका अंदाजा लगाना ही मुश्किल है। प्रदेश के मुखिया के होम टाउन की यूनिवर्सिटी में सत्ताधारी पार्टी से जुड़े संगठन की बुरी तरह हार हुई। चर्चा इसलिए भी ज्यादा रही कि यहां आरसीए अध्यक्ष ने खुद प्रचार किया था।
सीमावर्ती जिले में मुखिया के खास विधायक ने पिछले दिनों दो छात्र नेताओं का सम्मान स्वागत किया। इनमें एक छात्रनेता एनएसयूआई को हरवाने में चाणक्य की भूमिका में थे और दूसरे हरवाने वाले। इस स्वागत की सियासी हलकों में इसलिए चर्चाएं हैं कि भविष्य की लिए कोई नई सियासी खिचड़ी तो नहीं पक रही।
बड़े अफसर और ठेकेदार की पार्टनरशिप वाली हाेटल में अनियमितता!
एक बड़े अफसर और ठेकेदार की साझेदारी वाले होटल को लेकर कुछ जागरूक नागरिकों ने शिकायत कई स्तरों पर पहुंचाई है। कई जिलों में कलेक्टर रहते ठेकेदार की अफसर से प्रगाढ़ता इतनी बढ़ी कि बिजनेस पार्टनर तक बन गए।
जयपुर की सबसे बड़ी कॉलोनी के रेजिडेंशियल इलाके में बने इस होटल को मंजूरी देने से लेकर इसके बार लाइसेंस तक में नियम ताक पर रखने के आरोप हैं।
बताया जाता है कि होटल को बार लाइसेंस मिल नहीं सकता था, लेकिन इसके लिए गलियां निकाली गई। अफसर की भागीदारी मौखिक ही है, इसलिए शिकायत के बावजूद भी ज्यादा आंच नहीं आएगी।
सीएम के चेहरों का घमासान, यात्रा पर ब्रेक लगवाने की कोशिश
![](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/09/09/janta-se-pucha-netaji-cm-ka-chehra-hon-to-kya-samb_1662729695.jpg?resize=730%2C690&ssl=1)
विपक्षी पार्टी में इन दिनों सीएम के चेहरों के बीच घमासान मचा हुआ है। विपक्षी पार्टी के प्रदेश मुखिया की यात्रा रुकवाने के बाद कोल्ड वाॅर और तेज हो गया है। अब प्रदेश की पूर्व मुखिया की प्रस्तावित यात्रा को लेकर भी विरोधी सक्रिय हो गए हैं। इस यात्रा को रुकवाने की भी तैयारी है।
विरोधी गुट ने मुद्दा इस बात को बनाया है कि पूर्व मुखिया का पहले जहां दौरा हुआ वहां पार्टी से सस्पेंडेड नेता अगुवाई करते दिखे। अब जहां यात्रा की रणनीति बन रही है, वहां पार्टी से निकाले जा चुके नेता मुख्य भूमिका में है।
महिला अफसर को आईएएस बनने के बावजूद अच्छा पद नहीं मिलने का मलाल
सचिवालय में तैनात एक महिला अफसर को प्रमोशन के बावजूद अच्छा पद नहीं मिलने का मलाल है। इसका असर साफ दिख रहा है। महिला अफसर का ऑफिस में भी मन नहीं लगता। वे जिस पद पर हैं वहां फाइलें भी गिनती की ही आती हैं, ऐसे में कुछेक घंटे में काम खत्म हो जाता है।
बाकी वक्त उनका ऑफिस में मन कम ही लगता है। अब मनमाफिक पोस्टिंग के बिना ब्यूरोक्रेसी में किसका मन लगता है। अब मनचाहे पद के लिए लॉबिंग भी शुरू कर दी है।
सरकार से नाराज विधायकों के ग्रुप में दरार
![](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/09/09/daam-hi-pucho-vidhayak-ka111_1662729628.jpg?resize=738%2C746&ssl=1)
सत्ताधारी पार्टी में नाराज चल रहे विधायकों के ग्रुप में भी वैचारिक दरार शुरू हो गई है। जी-6 के नाम से चर्चित इस ग्रुप में हाल ही कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिनसे मतभेद सामने आते दिख रहे हैं। हाल ही में युवा नेता के जन्मदिन पर पूर्वी राजस्थान के बागी तेवरों वाले विधायक पहुंच गए।
एक और विधायक तो युवा नेता को सीएम बनाने की पैरवी कर रहे हैं। जी-6 के अगुवा मंत्रीजी प्रदेश के मुखिया को लेकर सॉफ्ट हो गए हैं। प्रदेश के मुखिया भी उनके गांव में एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंच गए। इन घटनाओं से समझने वाले पूरा माजरा समझ चुके हैं कि कौन कहां और किसके साथ राजनीति कर रहा था।
हैदराबाद वाले नेता की सक्रियता से कई सत्ताधारी परेशान
हैदराबाद वाले चर्चित नेता का फोकस राजस्थान पर बढ़ रहा है। इस महीने से नेताजी के प्रदेश के दौरे शुरू हो रहे हैं। अगले सप्ताह से हेदराबाद वाले नेता शेखावाटी और नहरी क्षेत्र का सियासी टेंपरेचर नापने जा रहे हैं। हेदराबाद वाले नेता की पार्टी को सिरे से खारिज करने वाले नेताओं की धड़कनें बढ़ गई हैं।
सत्ताधारी पार्टी के जिन नेताओं के क्षेत्रों में माइनॉरिटी वोट हैं, उन्हें अंदर ही अंदर चिंता सताने लगी है। वे सामने भले ही कोई फर्क नहीं पड़ने का तर्क दें, लेकिन इस बार माइनॉरिटी का एक सेक्शन सरकार से कई मसलों पर नाराज है। हैदराबाद वाले नेता इसी नाराजगी को सियासी रूप से भुनाने की फिराक में हैं।
इलेस्ट्रेशन : संजय डिमरी
वॉइस ओवर: प्रोड्यूसर राहुल बंसल
सुनी-सुनाई में पिछले सप्ताह भी थे कई किस्से, पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…