महिलाओं में क्यों दिखते हैं एसटीडी के 5 लक्षण, इनका तुरंत इलाज जरूरी है



<p style="text-align: justify;"><strong>STD Treatment:</strong> पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं अधिक यौन एसटीडी का शिकार होती हैं. इसके पीछे कई वजह होती हैं. एक वजह तो महिलाओं का अधिक सेंसटिव होना, यौन अंगों की बनावट में अंतर एसटीडी के जोखिम को बढ़ा देती है. कई ऐसे यौन रोग हैं, जोकि केवल महिलाओं को होते हैं, पुरुषों में नहीं होते हैं. डॉक्टरों का कहना है कि वैजाइना की लेयर पतली होती हैं, इस कारण यहां बैक्टीरिया और वायरस अधिक पनपते हैं. महिलाओं को एसटीडी को लेकर अवेयर रहना चाहिए. यदि लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से इसका इलाज कराना चाहिए.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>1. अधिक डिस्चार्ज हो तो रहें अलर्ट</strong><br />एसटीडी अकसर सैक्सुअली एक्टिव रहने वालों को होता है. एसटीडी के कारण वैजाइना से गंध और असामान्य रंग वाला डिस्चार्ज हो रहा है तो अलर्ट होने की जरूरत है. हरे रंग का डिस्चार्ज गोनोरिया या क्लैमाइडिया के कारण हो सकता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>2. खुजली है तो डाक्टर को दिखाएं</strong><br />कई बार एसटीडी के कारण वैजाइना में खुजली रहने लगती हैं. कई दफा यह इंटरनल हो सकती है. इससे गर्भाश्य में भी इन्फेक्शन हो सकता है. संक्रमण खुद से कम नहीं हो रहा है तो नजरअंदाज न करें. तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>3. इंटीमेट होते समय पेन हो डॉक्टर से करें कंसल्ट<br /></strong>एसटीडी के कारण वैजाइनल इंफेक्शन अधिक हो जाता है. इससे इंटीमेशन के दौरान कई बार भयंकर दर्द होता है. ऐसी स्थिति में डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>4. असामान्य ब्लीडिंग हैं तो इलाज कराएं</strong><br />युवतियां हो या महिलाएं, सभी को मासिक धर्म होता है. यह एक नेचुरल प्रक्रिया है. इस दौरान कुछ दिनों तक होने वाली ब्लीडिंग भी नार्मल हैं, लेकिन इन दिनों से अलग यदि बलीडिंग हो रही है तो परेशान होने की जरूरत हैं. डॉक्टर को दिखाना चाहिए.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>5. घाव हैं तब भी इलाज कराएं</strong><br />एसटीडी की वजह से कई बार कभी-कभी इन्फेक्शन के कारण घाव हो जाते हैं. कई बार घाव गंभीर नेचर के होते हैं. ऐसी स्थिति में इलाज शुरू करा देना चाहिए. यह वायरस या बैक्टीरिया का अटैक हो सकता है.&nbsp;</p>
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