बीकानेर में गली-गली घूमे कान्हा: बड़ा गोपाल मंदिर से कृष्ण स्वरूप में निकले कान्हा का गली-गली में स्वागत, नन्हे लाला के पैर छूने की होड

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बीकानेरएक घंटा पहले

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के बाद शनिवार को बीकानेर के बड़ा गोपाल मंदिर में विशेष झांकी निकाली गई। इस दौरान तीन महीने के नन्हें से बच्चे को कृष्ण स्वरूप बनाकर शहर के कई मोहल्लों से निकले तो “लाला” के पैरों की छूने की जैसे होड ही मची हुई थी। जगह-जगह स्वागत के दौरान “नन्द के आनन्द भयो, जय कन्हैयालाल की” के उद्घोष होते रहे। इस दौरान युवक-युवतियां नाचते रहे तो बड़ा गोपाल मंदिर में लड़कों ने हांडी भी फोड़ी।

मंदिर से सुबह करीब साढ़े नौ बजे यात्रा शुरू हुई जो करीब चार से पांच किलोमीटर लंबा चक्कर काटकर वापस मंदिर पहुंची। इस यात्रा को तय करने में करीब तीन घंटे लगे। कान्हा बने बच्चे को एक स्टील से बनी एक टोकरी में रखा गया। जिसे कई लोग कुछ दूरी तक अपने सिर पर रखकर आगे बढ़ते रहे। यात्रा जहां-जहां से गुजरी, वहां-वहां लोग स्वागत के लिए उमड़ पड़े। किसी ने पुष्प वर्षा की तो किसी ने टोकरी में भेंट चढ़ाई। हर कोई नन्हें बच्चे के पैरों के हाथ लगाकर आशीर्वाद लेने की होड में रहा। वहीं डीजे की धुन पर पूरे रास्ते कृष्ण भक्ति के गीतों पर युवक-युवतियां नाचते रहे। इस यात्रा के बाद मंदिर परिसर में ही हांडी फोड़ने का कार्यक्रम हुआ। इस दौरान क्षेत्र के लड़कों ने काफी जोश के साथ हांडी फोड़ी। चरणामृत के रूप में सभी को प्रसाद वितरित किया गया।

बड़ा गोपाल मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष नारायण दास व्यास ने बताया कि पिछले कई सालों से दिन में यात्रा निकल रही है। इस दौरान शहर के किसी तीन महीने के बच्चे को कान्हां बनाया जाता है। खास बात ये है कि बच्चा पूरे रास्ता कहीं रोता नहीं है,जबकि रास्ते में बड़ी संख्या में लोग बार बार उसके पैरों के हाथ लगाते हैं।

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