कमिश्नर ने किया गौशाला का निरीक्षण
बरेली मंडल कमिश्नर संयुक्ता निगम के अधिकारियों के साथ नदौसी कान्हा गौशाला पहुंची. जहां रजिस्टर चेकिंग के दौरान 2 महीनों में हुई 31 गोवंश पशुओं की मौत का कारण अंकित ना होने पर वो बिफर गईं. उन्होंने कहा कि गौशालाओं में लापरवाही, गौवंश के पालन और पोषण, देखभाल में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. कमिश्नर ने बताया कि गौशाला में डॉक्टर सुनैना सिंह पशु चिकित्सा अधिकारी ओपीडी करती हैं, लेकिन 7 महीने पहले मार्च में उन्होंने अंतिम बार ओपीडी की थी. इस गोशाला में हर महीने 10 से 12 गाय आती हैं. कमिश्नर ने डॉक्टर सुनैना को भी नियमित रूप से ओपीडी करने के लिए निर्देशित किया.
लापरवाही पर जिम्मेदारी कर्मचारियों को लगाई फटकार
जांच के दौरान कमिश्नर को गोवंश पशुओं को मिलने वाले पशु आहार के रजिस्टर में नगर निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी, बीडब्ल्यू व अन्य अधिकारियों के स्टॉक वेरिफिकेशन की रिपोर्ट भी नहीं मिली और न ही अटेंडेंट के हस्ताक्षर दिखे, जिस पर भी उन्होंने खासी नाराजगी व्यक्त की. गौशाला में पीपीपी मोड पर गोबर से बनाने वाले कंपोस्ट यूनिट में कृभको कंपोस्ट और एनएफएल किसान कंपोस्ट के पैकेट भरे पाए गए, लेकिन कंपोस्ट यूनिट चलाने के लिए कर्मचारी गैरहाजिर था जिस पर कमिश्नर ने लापरवाही बरतने वाले गैरहाजिर कर्मचारियों का स्पष्टीकरण तलब कर कार्रवाई के निर्देश दिए.
बरेली मंडल में निराश्रित गोवंश को संरक्षित करने की शानदार पहल की गई है. सड़कों पर आवारा घूमने वाले पशुओं में बदायूं में 29707, बरेली में 6972, पीलीभीत में 14384, शाहजहांपुर में 12669 निराश्रित गोवंश पशु को संरक्षित किया जा चुका है. बरेली मंडल में 19 पशु संरक्षण केंद्र है. इसमें 13 केंद्र चल रहे हैं. जिसमें 4564 गोवंश हैं. 6 गोवंश केंद्र निर्माणाधीन है. बदायूं में दो गौशाला निर्माणाधीन है. इनमें 80-90 फ़ीसदी तक काम पूरा हो चुका है. पीलीभीत में एक और शाहजहांपुर में तीन वृहद गौ संरक्षण केंद्र निर्माणाधीन है.
बरेली मंडल में खुलेंगी 4 गौशालाएं
गौशाला में हजारों निराश्रित गोवंश के पशुओं को संरक्षित करने के बावजूद सड़कों पर आवारा गोवंश पशु घूम रहे है और किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. जिसे गंभीरता से लेते हुए कमिश्नर संयुक्ता समद्दार ने बरेली मंडल के चारों जिलों में वृहद गौ वंशीय आश्रय स्थलों को बनाने के निर्देश दिए हैं. जिससे गोवंशों को आश्रय दिया जा सके. इसके लिए बदायूं के सिकंदराबाद में 25 एकड़, अतरछेड़ी, आंवला में 50 एकड़ भूमि चिन्हित कर गौशाला निर्माण के लिए प्रस्ताव शासन को भेजा जा रहा है.