UP News: ज्योतिष पीठ पर स्वामी स्वरूपानंद के उत्तराधिकारी के तौर पर उनके शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Swami Avimukteshwaranand Saraswati) के पट्टाभिषेक पर कोर्ट ने लगा दी. इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 17 अक्टूबर को होने वाले पट्टाभिषेक पर रोक लगा दी. स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती (Swami Swaroopanand Saraswati) ने ज्योतिष पीठ पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था. स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती खुद को द्वारिका पीठ के साथ ही ज्योतिष पीठ का भी शंकराचार्य बताते थे.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी
स्वरूपानंद सरस्वती और वासुदेवानंद सरस्वती के बीच ज्योतिष पीठ का शंकराचार्य होने को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था. इन दोनों का विवाद जब इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने स्वरूपानंद सरस्वती और वासुदेवानंद सरस्वती दोनों के ही दावे को खारिज कर दिया था. 2017 में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने यह आदेश दिया था जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.
2017 से सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही है. स्वरूपानंद सरस्वती के निधन के बाद उनके उत्तराधिकारी घोषित किए गए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने खुद को शंकराचार्य होने का दावा किया था. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का पट्टाभिषेक 17 अक्टूबर को प्रस्तावित था. इसके खिलाफ स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की गई.
सिर्फ ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य की पदवी पर रोक लगी
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को हुई सुनवाई के बाद स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती की अर्जी को मंजूर कर लिया. सुप्रीम कोर्ट ने ज्योतिष पीठ पर अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती समेत किसी के भी उत्तराधिकारी के तौर पर पट्टाभिषेक पर रोक लगा दी. सुप्रीम कोर्ट की रोक सिर्फ ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य की पदवी पर ही लगी हुई है. इस मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस बीवी नागरत्न की डिवीजन बेंच में हुई. सुप्रीम कोर्ट 18 अक्टूबर को पहले से चल रही याचिका के दौरान इस मामले पर आगे सुनवाई करेगा.