पोषक तत्वों की पूर्ति के अलावा बच्चे को और कौन-से फायदे देती है ब्रेस्टफीडिंग


Breast Feeding importance: इस बात को सभी जानते हैं कि जन्म के बाद बच्चा अपनी मां का दूध पीता है, बच्चे को स्तनपान कराने की इस प्रक्रिया को ब्रेस्टफीडिंग कहा जाता है. बच्चे के लिए मां का दूध क्यों जरूरी है, इस बारे में ज्यादातर लोगों का मानना है कि इससे बच्चे की हेल्थ अच्छी रहती है और उसे जरूरी पोषण मिलता है. ये सभी बातें पूरी तरह सही हैं. लेकिन हेल्थ अच्छी रहने के अलावा मां का यह दूध बच्चे को कई तरह से मजबूत बनाता है और उसे सुरक्षित रखता है. यहां इसी बारे में बताया जा रहा है…

बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए

मां का दूध बच्चे का पेट भरता है और उसे पोषण देता है. लेकिन साथ में उसकी इम्युनिटी पॉवर भी बढ़ाता है. ताकि बच्चा गर्भ के बाहर आने के बाद इस वातावरण में मौजूद तमाम बैक्टीरिया वायरस से लड़ सके और खुद को सुरक्षित रख सके. गर्भ के अंदर का वातावरण बच्चे के लिए पूरी तरह सुरक्षित होता है और बच्चे का शरीर उस कंफर्ट जोन का आदी हो चुका होता है. ऐसे में मां का दूध उसे बाहर के माहौल में रहने की ताकत देता है.

सुरक्षा का अहसास बढ़ाए

हर बच्चे का अपनी मां के साथ एक अलग ही जुड़ाव होता है और इस जुड़ाव को हम सभी अनुभव करते हैं. इसका कारण यह तो है ही कि बच्चे को जन्म मां से मिला है और वह नौ माह मां के गर्भ में रहा है. लेकिन इसके साथ ही यह कारण भी है कि जब बच्चा सिर्फ अहसास समझता है, तब वह मां के साथ खुद को अधिक सुरक्षित महसूस करता है और इसमें मां के दूध का रोल अहम होता है. क्योंकि गर्भ से बाहर आने के बाद बच्चा खुद को सबसे अधिक सुरक्षित तभी अनुभव करता है, जब वह मां की गोद में आता है और दूध पीता है. दूध उसके इनर सेल्फ के मजबूत बना रहा होता है और मां का दूध उसे सुरक्षा का भाव दे रहा होता है.

भावनात्मक बॉन्ड बनाए
मां के साथ बच्चे के इमोशनल बॉन्ड को मजबूत करने का श्रेय काफी हद तक ब्रेस्ट फीडिंग को जाता है. बचपन में जो सुरक्षा हर बच्चा अनुभव करता है, उस समय में जब वो सिर्फ अहसास को समझ रहा होता है तो आगे चलकर यह अहसास उसके सब-कॉन्शियस ब्रेन में दर्ज हो चुका होता है. इसी कारण हर व्यक्ति अन्य लोगों की तुलना में मां के साथ एक अलग ही तरह का जुड़ाव अनुभव करता है.

 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. 

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