पूर्व से पश्चिम तक अपने मिशन में जुटे प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, इन चुनौती का रख रहे ध्यान


UP News: यूपी बीजेपी (BJP) के नए अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी (Bhupendra Chaudhary) इन दिनों मिशन 2024 में जुट गए हैं. पहले पश्चिम में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मंथन किया तो वहीं गुरुवार को पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से जीत का मंत्र लेकर मोदी के संसदीय क्षेत्र में कार्यकर्ताओं के साथ मंथन किया. दरअसल, भूपेंद्र चौधरी को भी पता है कि 2024 में बीजेपी ने 80 में 80 सीट जीतने का जो लक्ष्य रखा है बिना पूरब-पश्चिम को साधे संभव नहीं है.

उत्तर प्रदेश बीजेपी का अध्यक्ष बनने के साथ ही भूपेंद्र चौधरी ने मिशन 2024 को लेकर रणनीति बनानी शुरू कर दी है. अपने बैठकों की शुरुआत उन्होंने पश्चिम क्षेत्र से की, जहां से वह खुद आते हैं. भूपेंद्र चौधरी को भी पता है कि पश्चिम में इस बार सपा-आरएलडी का गठबंधन बीजेपी के 80 में 80 सीट जीतने के लक्ष्य के सामने चुनौती खड़ा कर सकता है. शायद यही वजह है कि खुद पश्चिम से आने वाले भूपेंद्र चौधरी ने जब कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की तो उसके लिए भी पश्चिम क्षेत्र को ही चुना क्योंकि 2019 में इसी पश्चिम क्षेत्र की छह लोकसभा सीटें बीजेपी हार गई थी.

वाराणसी में किया मंथन
ऐसा नहीं है कि बीजेपी को केवल पश्चिम क्षेत्र में ही मेहनत करनी है, बल्कि 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सबसे ज्यादा नुकसान कहीं हुआ तो वह पूर्वांचल था. इसीलिए गुरुवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जीत का मंत्र लेने के बाद भूपेंद्र चौधरी सीधे हवाई जहाज पकड़कर पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंच गए और कार्यकर्ताओं के साथ 24 की रणनीति पर चर्चा की.

बीजेपी के लिए जितना महत्वपूर्ण पश्चिम क्षेत्र है उतना ही पूर्वांचल भी है क्योंकि 2019 के लोकसभा चुनाव में काशी क्षेत्र और गोरखपुर क्षेत्र मिलाकर बीजेपी 5 सीटें हार गई थी. बीजेपी के नए चौधरी को यह पता है कि अगर 80 सीटें जीतनी है तो उसके लिए मेहनत भी बहुत करनी होगी. इसीलिए पश्चिम की बैठक खत्म कर पीएम मोदी से मंत्र लेकर सीधे बाबा की नगरी पहुंचे. कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की और एक बार फिर 80 सीटों पर जीत का दावा किया.

राजभर के कारण हो सकता है फायदा
पूर्वांचल से बीजेपी के लिए एक राहत भरी बात यह भी है कि ओम प्रकाश राजभर समाजवादी पार्टी से अलग हो चुके हैं. दरअसल, 2022 के विधानसभा चुनाव में जब ओम प्रकाश राजभर अखिलेश यादव के साथ थे. इसके चलते पूर्वांचल के कई जिलों में कई सीटों पर बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ा. अगर ओम प्रकाश राजभर का बीजेपी को लेकर अभी जो रुख है वह 2024 तक बरकरार रहेगा तो जाहिर सी बात है कि इसका फायदा बीजेपी को मिल सकता है. लेकिन बीजेपी जो हर वक्त चुनाव के मोड़ में रहती है, वह कोई भी कोर कसर 2024 के लिए छोड़ना नहीं चाहती.

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