धौलपुर में चंबल नदी किनारे गड्ढों में प्रतिमाओं का विसर्जन: बैंड-बाजों की धुन पर निकाली शोभायात्राएं, जगह-जगह हुए धार्मिक कार्यक्रम



धौलपुर3 मिनट पहले

प्रशासन की ओर से चंबल नदी किनारे बड़े गड्ढे बनाकर पानी भरा गया, जिसमें माता की प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया।

धौलपुर में बुधवार को माता की प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए चंबल नदी के किनारे सुबह से ही लोगों की भीड़ उमड़ने लगी। नदी में प्रतिमाओं के विसर्जन पर रोक के चलते लोगों ने नदी के पास ही खुदवाए गड्ढों में श्रद्धा के साथ प्रतिमाओं को विसर्जित किया। माता की प्रतिमाओं को विदाई देने से पहले लोगों ने मां की आरती कर पूजा अर्चना की। इस दौरान शहर में जगह-जगह धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान माता रूपी कन्याओं को भोजन कराने के बाद भंडारे का आयोजन किया। शहर में प्रतिमाओं के विसर्जन के वक्त लोगों ने बैंड बाजों के साथ डीजे की धुन पर शहरभर में शोभायात्रा निकाली।

विसर्जन के लिए नदी के पास खुदवाए बड़े गड्ढे
नगर परिषद आयुक्त लजपाल सिंह ने बताया कि 3 दिन पहले ही प्रतिमाओं के चंबल नदी में विसर्जन पर रोक लगा दी गई थी। शहर के आसपास कोई तालाब नहीं होने पर जिला प्रशासन ने लोगों की परेशानी समझी और नदी किनारे जेसीबी की सहायता से 4 बड़े-बड़े गड्ढे खुदवाए थे। इनमे जनरेटर सेट लगाकर चंबल नदी से पानी भरा गया था। लोगों को नदी के किनारे बनाए गए इन गड्ढों में प्रतिमा विसर्जन करने के लिए कहा गया था। इस पर लोग ने सुबह से ही इन गड्ढों में माता की प्रतिमाओं को श्रद्धापूर्वक विसर्जन कर रहे हैं।

दशकों बाद पहली बार स्वच्छ दिखी चंबल नदी
प्रतिमा विसर्जन के दौरान लोगों ने नदी को स्वच्छ बनाए रखने के लिए प्रशासन के आदेश का पालन किया। लोगों ने नदी की बजाय नदी किनारे बने बड़े-बड़े गड्ढों में प्रतिमाओं का विसर्जन किया। इसके साथ ही प्लास्टिक की थैलियों में भरी हवन सामग्री को भी इन गड्ढों में प्रवाहित किया है। नदी में प्रतिमाओं का विसर्जन नहीं होने से चंबल नदी स्वच्छ दिखाई दी।

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