धनतेरस पर बन रहे हैं कई शुभ योग, सुख, शांति और आरोग्य का ‘धन्वंतरी’ से पाएं आशीर्वाद


Dhanteras 2022: देखा जाए तो श्राद्ध पक्ष की समाप्ति के साथ ही पहले नवरात्र फिर दशहरा और उसके बाद दीपावली आती है. यानी लगभग दो महीने तक त्यौहारों का सिलसिला चलता रहता है. यही हमारी भारतीय संस्कृति की समृद्धिशाली परम्परा है. जो हमें जीवन में दुःखों, कष्टों, परेशानियों, बाधाओं और दुविधाओं से पार लगाकर सुख, शांति, सुविधा, आरोग्य, सद्भाव और समृद्धि प्रदान करती है.
 
धनतेरस कब है?
इस बार ऐसा संयोग बना है कि दो दिनों तक धन्वंतरी भगवान का आशीर्वाद मिलेगा. क्योंकि शनिवार 22 अक्टूबर को शाम में 6 बजकर 2 मिनट से कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि लग रही है. जो 23 अक्टूबर को शाम 6 बजकर 3 मिनट तक रहेगी. इसलिए धनतेरस यानि धन त्रयोदशी 22 अक्टूबर की शाम से 23 अक्टूबर की शाम तक मना सकते हैं. इस दिन -सुबह-10 बजकर 15 मिनट से दोपहर 12 बजकर 15 मिनट तक लाभ-अमृत का चैघड़ियां मुहर्त और इसके बाद दोपहर 2 से 3 बजे तक शुभ का चैघड़ियां मुहर्त रहेगा.

धनतेरस पर कई शुभ योगों का संयोग 
पंडित सुरेश श्रीमाली ने बताया कि इस दिन रवि प्रदोष होने से प्रदोष वेला का विषेष महत्व रहेगा. शाम 5 बजकर 56 से रात 8 बजकर 32 मिनट तक प्रदोष वेला रहेगी. इस दौरान यमदीपदान करना श्रेष्ठ रहता है. इस साल धनतेरस पर ग्रहों का बहुत ही अच्छा संयोग बन रहा है. शनि मार्गी होने जा रहे हैं. इस दिन से कई राशियों के जीवन में शुभ बदलाव आएंगे.

धनतेरस पर इस वर्ष कई शुभ योगों का संयोग है. दोपहर 2 बजकर 33 मिनट तक उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र इसके बाद हस्त नक्षत्र रहेगा. साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृतसिद्धी योग, ऐंन्द्र योग है. इस योग और शुभ समय में की गई पूजा महालक्ष्मी को शीघ्र प्रसन्न करने वाली, अपार लक्ष्मी प्राप्ति में सहायक, श्री वृद्धि और सुख-समृद्धि देने वाली होगी. धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है. धनतेरस के दिन से ही दिवाली की शुरुआत हो जाती है. धनतेरस के दिन धन,समृद्धि के लिए कई तरह के उपाय किए जाते हैं.

Dhanteras 2022: कौन थे धन्वंतरि, जिनको कहा जाता है आयुर्वेद का जनक, धनतेरस पर क्यों होती है इनकी पूजा?



Source link

https://sluicebigheartedpeevish.com/u4j5ka2p?key=f9b1fb0aab078545b23fc443bdb5baad

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

%d bloggers like this: