कोटा10 मिनट पहले
दो निगम के बीच की लड़ाई, बिगड़ न जाए मेला
कोटा के राष्ट्रीय दशहरा मेला 26 सितंबर से शुरू होने जा रहा है लेकिन इस बार यह अधिकारियों की लेट लतीफी और मेला समिति सदस्यों की खींचतान की भेंट चढ़ता नजर आ रहा है। मेले में अब 8 दिन का ही समय बचा है,लेकिन अब मेला समिति सदस्यों की खींचतान भी खुलकर सामने आने लगी है।
मेला समिति अध्यक्ष और कोटा उत्तर की महापौर मंजू मेहरा ने कहा कि कोटा दक्षिण निगम के महापौर और समिति सदस्य रूटीन में होने वाली चर्चाओं में शामिल नहीं होते हैं। उन्हें फोन कर सूचना दी जाती है बुलाया जाता है लेकिन वह आते नहीं है। वही मामले में मेला समिति सदस्य और कोटा दक्षिण से महापौर राजीव अग्रवाल का कहना है कि वह मेला समिति की ऑफिशियल बैठक में हर बार मौजूद रहे हैं। तीन बार बैठक हुई है और तीनों बार उसमें शामिल रहे। अब बंद कमरों में जो निर्णय हो रहे हैं जो चर्चा हो रही है वह उसमें शामिल नहीं होते।
उन्होंने कहा कि मेला भव्यता के साथ भरे इसको लेकर वे खुद भी लगातार मॉनिटरिंग कर रहे हैं मेला ग्राउंड का निरीक्षण कर रहे हैं। लेकिन ऑफिशियल मीटिंग नहीं होने पर ही वे चर्चा में शामिल नहीं होते। अब खुद मेला समिति के सदस्य और महापौर ने भी आरोप लगाया है कि बंद कमरे में निर्णय लिए जा रहे हैं। एक दिन पहले ही बीजेपी पार्षदों ने भी आरोप लगाए थे कि बंद कमरे में निर्णय लेकर अपने चहेतों को लाभ पहुंचाने का काम मेला समिति अध्यक्ष कर रही है।
अधिकारी कर्मचारी में भी खींचतान
यही नहीं दोनों नगर निगम के अधिकारी कर्मचारियों में भी मेले के कामों को लेकर खींचतान चल रही है। दोनों निगम के अधिकारी कर्मचारी एक दूसरे पर काम को डाल रहे हैं इसी को लेकर कुछ दिन पहले बैठक में जोरदार हंगामा भी हुआ था।
समिति की घोषणा के साथ ही शुरू हुआ विवाद
कोटा नगर निगम समितियों में मेला समिति सबसे अहम मानी जाती है। मेला समिति की घोषणा करने के साथ ही यह तो तय हो गया था कि समिति के सदस्यों में आपसी विवाद होगा। पहले समिति की घोषणा की गई फिर उसके कुछ दिन बाद ही उसमें कुछ सदस्य जोड़े गए। लेकिन सबसे बड़ा विवाद तो समिति अध्यक्ष को लेकर था।
दो निगम और अध्यक्ष की है लड़ाई
दरअसल कोटा में दो नगर निगम होने के बाद कोटा उत्तर और कोटा दक्षिण निगम हो गए हैं। मेले दशहरे का आयोजन कोटा दक्षिण में होना है। पहले यही माना जा रहा था कि कोटा दक्षिण के मेयर मेला समिति के अध्यक्ष घोषित किए जाएंगे लेकिन कोटा उत्तर की महापौर मंजू मेहरा को मेला समिति का अध्य्क्ष बनाया गया और कोटा दक्षिण के महापौर को समिति का सदस्य बना दिया गया। दोनों नगर निगम का शीतयुद्ध यहीं से शुरू हो गया।
कोटा दक्षिण से कांग्रेस के पार्षद दबी जुबान में इसका विरोध करने लगे हालांकि खुलकर कोई नहीं बोला तो बीजेपी पार्षद भी गलत बताते रहे। यहां से विवाद धीरे-धीरे बढ़ना शुरू हुआ और अब खुलकर सामने आ रहा है। हालांकि कोटा दक्षिण के मेयर राजीव अग्रवाल का कहना है कि विवाद की कोई बात नहीं है दोनों नगर निगम मिलकर मेला करवाएंगे और भव्यता के साथ भरवाएंगे।