दर्द से तड़प रहे पैंथर पर लोगों ने फेंके पत्थर: गुर्राया, लेकिन हमला नहीं कर सका; कमर पर चोट के निशान


बांदीकुई (दौसा)एक घंटा पहले

दर्द से तड़पते पैंथर पर लोग पत्थर मारते रहे। वह गुर्राया, लेकिन हमला नहीं कर सका। पैंथर दौसा जिले के बांदीकुई इलाके में कुंडा माता मंदिर के पास शुक्रवार शाम सवा 5 बजे देखा गया। वन विभाग की टीम पैंथर को ट्रेंकुलाइज करने की कोशिश में जुटी है।

फॉरेस्टर योगेश सैनी ने बताया कि सरिस्का फोरेस्ट एरिया से लगते दौसा जिले के बांदीकुई में घायल पैंथर मिला है। पैंथर की पीठ पर चोट लगी है, जिसके कारण वह चल नहीं पा रहा है। जयपुर वन विभाग को पैंथर के बारे में सूचना दी गई थी। इसके बाद पैंथर को रेस्क्यू करने के लिए जयपुर से टीम रवाना हुई।

पैंथर से खड़ा नहीं हुआ जा रहा था। लोग उस पर पत्थर फेंक रहे थे। वह गुर्राया, लेकिन हमला नहीं कर सका।

पैंथर 4 घंटे से ज्यादा वक्त तक मंदिर के पास ही बैठा रहा। स्थानीय लोगों ने बताया कि शाम करीब 5 बजे बकरी चराने आए हरिकिशन मीणा को सबसे पहले पैंथर दिखाई दिया। उसने इसकी सूचना गांव वालों को दी। इस दौरान कुछ ग्रामीणों ने पैंथर पर पत्थर फेंके। पैंथर गुर्राया, लेकिन हमला नहीं कर सका। मुही गांव के पूर्व सरपंच लक्ष्मी नारायण मीणा ने वन विभाग के अधिकारियों को जानकारी दी।

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बता दें कुंडा माता मंदिर से करीब 4 किलोमीटर की दूरी पर राष्ट्रीय अभयारण्य सरिस्का शुरू हो जाता है। ऐसे में ग्रामीणों का कहना है कि हो सकता है पैंथर सरिस्का के जंगल से आया हो। वन विभाग का कहना है कि कुंडा माता मंदिर के आस-पास भी पैंथर का मूवमेंट है।

रात को मुही के ग्रामीण और फॉरेस्टर पैंथर की निगरानी करते हुए। ये लोग जयपुर से रवाना हुई वन विभाग की टीम का इंतजार करते रहे।

रात को मुही के ग्रामीण और फॉरेस्टर पैंथर की निगरानी करते हुए। ये लोग जयपुर से रवाना हुई वन विभाग की टीम का इंतजार करते रहे।

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