ट्रस्ट के नाम करोड़ों की जमीन को मंत्री के बेटे ने फर्जी तरीके से किया हासिल, जांच में खुलासा


Land Scam In Basti: बस्ती में 50 करोड़ से अधिक कीमत की 1000 बिस्वा जमीन का फर्जीवाड़ा हुआ है. दिवंगत मंत्री दिवाकर विक्रम सिंह के बेटे आदित्य विक्रम ने यूपी सरकार को एक दो करोड़ का नहीं बल्कि कई सौ करोड़ का चूना लगाया है. जिला प्रशासन की जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया है. 2017 में ट्रस्ट की जमीन को खतौनी में हेराफेरी से पूर्व विधायक ने खुद के नाम करवा बेचना भी शुरू कर दिया. 1000 बिस्वा जमीन में 400 बिस्वा जमीन बेची जा चुकी है. सारी जमीन सरकार के कब्जे में जा रही थी.

आरोप है कि अथदमा स्टेट के राजा और पूर्व विधायक आदित्य विक्रम सिंह के पिता और पूर्व मंत्री दिवाकर विक्रम सिंह ने भगवान विष्णु देवालय नाम से एक फर्जी ट्रस्ट बनाकर जमीन को खतौनी में डलवा दिया और अब फर्जीवाड़ा कर खुद नियम विरुद्ध खतौनी में काबिज हो गए.

सरकार को कई सौ करोड़ का हुआ नुकसान

खेसरहा विधानसभा सीट से 1991 में विधायक और मंत्री रहे दिवाकर विक्रम सिंह ने आज से 40 साल पहले हजार बिस्वा जमीन को एक फर्जी ट्रस्ट के नाम करवा लिया. उस वक्त राज घरानों की जमीनों को सरकार सीलिंग एक्ट के तहत कब्जे में ले रही थी मगर दिवाकर विक्रम सिंह ने सरकार को चैलेंज कर बिना पंजीकृत ट्रस्ट के नाम करवा दिया. इसके बाद वर्ष 2014 में बेटे आदित्य विक्रम सिंह ने हजारों बीघा जमीन के फर्जी सर्टिफाई प्रतिलिपि को नायब तहसीलदार की कोर्ट में पेश कर दावा किया गया कि पिता ने ट्रस्ट की जमीन को उनके नाम कर दिया था. इसके बाद पूर्व विधायक आदित्य विक्रम सिंह सहित परिवार के 5 लोगों का नाम खतौनी में चढ़ा.

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सरकार के हक की जमीन पर साजिश

एक वर्ष बाद सभी के नामों का खारिज दाखिल भी हो गया और सभी एक फर्जी ट्रस्ट की संपत्ति के खुद मालिक बन गए. आदित्य विक्रम सिंह खेसरहा विधानसभा से वर्ष 2012 में विधायक रहे थे. वर्ष 2017 से आदित्य विक्रम सिंह ने जमीनों को बेचना भी शुरू कर दिया. मतलब जमीन पर सरकार का हक होना था मगर साजिश की वजह से पूर्व विधायक आदित्य विक्रम सिंह के भोग का साधन बन गई. रूधौली क्षेत्र के ही स्थानीय निवासी नितेश सिंह ने प्रकरण से पर्दा हटाया और जांच की मांग की. डीएम के निर्देश पर नायब तहसीलदार और एसडीएम की टीम ने अभिलेखों की गहनता से विस्तृत जांच की.

अठदमा स्टेट पर फर्जीवाड़े का आरोप

जांच में चौंकाने वाले तथ्य सामने आने पर अधिकारियों के पैरों तले जमीन ही खिसक गई. पता चला कि ट्रस्ट की जमीन को कैसे जालसाजों ने खुद के नाम करवा लिया. ट्रस्ट भी फर्जी निकला और रजिस्ट्रेशन का अता पता भी नहीं था. मतलब सरकार के हक की जमीन अठदमा स्टेट ने फर्जी तरीके से हासिल की और फिर उसकी खरीद फरोख्त कर सरकार को ही कई करोड़ का चूना लगा दिया. जमीन घोटाले में फंसे राज घराने परिवार के मुखिया और पूर्व विधायक आदित्य विक्रम सिंह का पक्ष लेना चाहा.

उन्होंने कई बार समय देकर बात करना मुनासिब नहीं समझा. हालांकि फोन पर स्वीकार किया कि फर्जी हस्ताक्षर कर फर्जीवाड़ा हुआ है. शिकायतकर्ता नितेश सिंह ने दावा किया है कि फर्जी ट्रस्ट के नाम पर सरकार की जमीन हथियाई गई. फिर उस जमीन पर राजघराना का परिवार खुद काबिज हो गया जबकि नियम है कि ट्रस्ट के नाम की जमीन को बेचा नहीं जा सकता और न ही उस पर कोई निर्माण किया जा सकता है. लेकिन कोतवाली थाना क्षेत्र के हवेलिया खास गांव में गाटा संख्या 30, 157 ख, 131 और 265 की लगभग 1650 बिस्वा जमीन के फर्जी तरीके से अब पूर्व विधायक खुद मालिक बन कर बैठे हैं.

पूर्व विधायक और राजघराना परिवार से मामला जुड़ा होने के कारण अब राजनीति भी शुरू हो गई है. रूधौली विधानसभा के बीजेपी से पूर्व विधायक संजय जायसवाल ने आरोप लगाया कि अभिलेखों में हेराफेरी कर हजारों बीघा जमीन पर परिवार कब्जा कर खरीद फरोख्त कर रहा है. उन्होंने मांग की है कि एफआईआर और खतौनी निरस्त करने की कार्यवाही जल्द से जल्द हो ताकि सरकार को जमीन वापस मिल सके. सदर विधानसभा के सपा विधायक महेंद्र यादव ने कहा कि प्रकरण की जानकारी मिली है और अधिकारी से बात करेंगे ताकि फर्जीवाड़े के खेल पर विधिक कार्यवाही हो और सरकारी जमीन सुरक्षित रह सके. 

दर्ज 5 नामों को निरस्त करने का आदेश

फर्जीवाड़े से पर्दा हटाने वाले सदर तहसील के उप जिला अधिकारी शैलेश दुबे ने कहा कि जांच रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट से लग रहा है कि ट्रस्ट की जमीन को आदित्य विक्रम सिंह ने फर्जी तरीके से अपने नाम करवा लिया गया है. मामले की एक रिपोर्ट बनाकर कार्यवाही के लिए डीएम को भेजा जा रहा है. आगे ट्रस्ट की भी जांच की जा रही है, जिसके रजिस्ट्रेशन पर प्रश्न चिन्ह उठ रहा है.

प्रकरण में पूर्व विधायक सहित 5 लोगों के दर्ज नामों को निरस्त करने का आदेश कर दिया गया है. आगे की कार्यवाही अब डीएम के स्तर से की जायेगी. बस्ती के पूर्व विधायक और आम आदमी पार्टी के नेता आदित्य विक्रम सिंह के जरिए किए गए करोड़ों की जमीन घोटाले की रिपोर्ट पर जिला प्रशासन कार्यवाही करने की हिम्मत कब तक जुटा पाता है, देखना अभी बाकी है. 

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