जोधपुर के प्राइवेट हॉस्पिटल में मौत पर हंगामा: डॉक्टर्स ने पुलिस सुरक्षा में निकाला कैंडल मार्च, परिजनों ने लगाए डॉक्टर के विरोध में नारे


जोधपुर6 मिनट पहले

डॉक्टर्स ने निकाला कैंडल मार्च।

जोधपुर के नहर रोड स्थित कृष्णा हॉस्पिटल के बाहर सुबह से चल रहा धरना-प्रदर्शन जारी है। शाम को डॉक्टर्स ने पुलिस सुरक्षा में कैंडल मार्च निकाला। इधर परिजन धरने से हटने को तैयार नहीं हैं। परिजनों का कहना है कि जब तक मृतक के परिजनों से ऐठे हुए पैसे व मुआवजा नहीं मिल जाता वे नहीं हटेंगे। इधर प्रशासन परिजनों व डॉक्टर्स से वार्ता कर मामला सुलझाने में लगा है लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है। अस्पताल के बाहर राजपूत समाज के प्रबुद्धजन भी एकत्र हो रहे हैं। साथ ही अन्य समाज के लोग भी मृतक भैरो सिंह की मौत का मुआवजा उनके परिवार को दिलवाने के लिए धरने पर बैठ गए हैं।

मृतक के परिजन व समाज के लोग अस्पताल के बाहर धरना देने बैठे।

बता दें कि भाटेलाई पुरोहितान के रहने वाले भैरूसिंह इंदा (65) को हार्ट में तकलीफ के चलते 24 अगस्त को कृष्णा हॉस्पिटल लाया गया था। उनकी 11 सितंबर रात 8.30 बजे इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया और गंभीर आरोप लगाए। परिजनों का कहना है कि उन्हें बाइक पर 24 अगस्त को यहां लाए थे। चिकित्सकों ने जांच करने के बाद ऑपरेशन की सलाह दी थी। अस्पताल में ऑपरेशन के लिए 4 लाख रुपए मांगे थे। पैसे नहीं दिए तो ऑपरेशन रोके रखा। किसान परिवार के होने की वजह से 29 अगस्त को उन्हें एडमिट किया गया।

इसके बाद उनसे 4 लाख 50 हजार रुपए की और डिमांड की गई। पैसे देने के बाद ही इलाज शुरू हो सका। परिजनों ने चिरंजीवी योजना के नाम पर अस्पताल में घोटालों का आरोप लगाया। मौके पर ग्रामीणों के साथ पूर्व विधायक जोगाराम पटेल भी पहुंचे थे। मृतक के भतीजे महेन्द्र सिंह ने बताया कि रात में अस्पताल प्रशासन व पुलिस प्रशासन के बीच वार्ता हुई लेकिन विफल रही। जब तक हमसे वसूला 8.50 लाख रुपए वापस नहीं दिया जाता, तब तक हम धरना प्रदर्शन करेंगे।

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अस्पताल के डॉक्टर्स दबाव और वसूली के विरोध में कैंडल मार्च निकाला और अस्पताल परिसर में प्रदर्शन किया। हालांकि परिजनों से वार्ता की कोशिश की गई लेकिन विफल हुई।

अस्पताल के डॉक्टर्स दबाव और वसूली के विरोध में कैंडल मार्च निकाला और अस्पताल परिसर में प्रदर्शन किया। हालांकि परिजनों से वार्ता की कोशिश की गई लेकिन विफल हुई।

बेहोशी की हालत में दे दी छुट्टी

परिजन संग्राम सिंह बताते हैं कि 6 सितंबर को बेहोशी की हालत में अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। अस्पताल प्रबंधन का कहना था कि इन पर दवाई का असर है घर के वातावरण में यह जल्द स्वस्थ हो जाएंगे। 8 सितंबर को पुनः समस्या होने पर अस्पताल लाया गया अस्पताल में पेनकिलर देकर वापस रवाना कर दिया गया। 11 सितंबर को तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर सुबह अस्पताल लाया गया। रात को 8:30 बजे अस्पताल प्रबंधन ने मृत घोषित कर दिया।

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