जयपुर5 घंटे पहले
भारतीय शास्त्रीय संगीत की विरासत किस तरह पीढ़ी दर पीढ़ी गुरु-शिष्य परम्परा का निर्वाहन करते हुए आगे बढ़ती आ रही है, ” गुरु नमन ” के उत्सव ने उसका एक ख़ूबसूरत उदाहरण प्रस्तुत किया।
इस वर्ष 29 अक्टूबर को महाराणा प्रताप ऑडिटोरियम, जयपुर में “गुरु नमन उत्सव” का आयोजन हुआ जिसमें शहर के गणमान्य लोगों एवं कलाकारों ने उपस्थित होकर विषयों का हौसला आवाजाही किया और सभी दर्शकों ने कार्यक्रम को खूब सराहा। गीतांजलि म्यूजिक सोसईटी जो कि पिछले 41 वर्षों से इस परंपरा को आगे ले जा रही है, उसके तत्वाधान में इस सम्पूर्ण कार्यक्रम का संचालन एवं आयोजन गुरु डॉ शशि साँखला के शिष्य-शिष्याओं द्वारा किया गया।
भारतीय शास्त्रीय संगीत की विरासत की पीढ़ी दर पीढ़ी गुरु-शिष्य परम्परा का आयोजन
इस उत्सव में नृत्याचार्या डॉ शशी साँखला जी द्वारा कथक नृत्य के साथ-साथ कला व संगीत की अन्य विधाओं की महान हस्तियों को प्रति वर्ष सम्मानित किया जाता रहा है। इस वर्ष संस्था द्वारा तीन शीर्ष गुरुजन पंडित राजेंद्र गंगानी (जयपुर घराने के विख्यात कथक गुरु), हरि दत्त कल्ला (प्रसिद्ध नृत्य गुरु एवं संरचनाकार) और उस्ताद निसार हुसैन खाँ (वरिष्ठ तबला वादक) को उनके संगीत एवं नृत्य के क्षेत्र में दिये गए अतुलनीय योगदान हेतु “कला कौस्तुभ” की उपाधि से सम्मानित किया गया।
![तीन शीर्ष गुरुजनों को उनके अतुलनीय योगदान के लिए “कला कौस्तुभ” की उपाधि से किया गया सम्मानित ।](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/10/29/whatsapp-image-2022-10-29-at-71332-pm_1667054499.jpeg?resize=1110%2C740&ssl=1)
तीन शीर्ष गुरुजनों को उनके अतुलनीय योगदान के लिए “कला कौस्तुभ” की उपाधि से किया गया सम्मानित ।
![गीतांजलि म्यूजिक सोसईटी पिछले 41 सालों से निभा रही है ये परंपरा](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/10/29/whatsapp-image-2022-10-29-at-53758-pm-2_1667054739.jpeg?resize=1110%2C740&ssl=1)
गीतांजलि म्यूजिक सोसईटी पिछले 41 सालों से निभा रही है ये परंपरा
इस प्रोग्राम के मुख्य अतिथि डॉ शशी साँखला और पंडित राजेंद्र गंगानी रहे। वहीं गेस्ट ऑफ़ ऑनर रमेश बोराना, स्टेट मिनिस्टर- स्टेट फेयर अथॉरिटी ऑफ़ राजस्थान, डॉ माया टाक, फ़ॉर्मर डीन- फैकल्टी ऑफ़ फाइन आर्ट्स, राजस्थान यूनिवर्सिटी उपस्थित रहेंगे।विशिष्ट अतिथिगण में अश्विन दलवी, डॉ रेखा ठाकर, सर्वेश भट्ट, अंजलिका शर्मा, डॉ ज्योति भारती गोस्वामी, पंडित हनुमान सहाय, उषा, सौम्या शर्मा और अमित अनुपम रहे।
![महागुरु डॉ शशि साँखला जी की शिष्य-मंडली ने बेहतरीन परफॉर्मेंस](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/10/29/whatsapp-image-2022-10-29-at-53755-pm_1667054633.jpeg?resize=1110%2C740&ssl=1)
महागुरु डॉ शशि साँखला जी की शिष्य-मंडली ने बेहतरीन परफॉर्मेंस
![गणेश वंदना की बहतरीन परफार्मेंस ने लोगों को तीलियां बजाने पर किया मजबूर](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/10/29/whatsapp-image-2022-10-29-at-53755-pm-2_1667054814.jpeg?resize=1110%2C740&ssl=1)
गणेश वंदना की बहतरीन परफार्मेंस ने लोगों को तीलियां बजाने पर किया मजबूर
महागुरु डॉ शशि साँखला जी की शिष्य-मंडली में मधु वाधवा, डॉ रीमा गोयल, डॉ सीमा गोयल, डॉ गीतांजलि सिंह, जयप्रकाश सिसोदिया, राजीव सिंह, ईश्वर शर्मा, यतेन्द्र सक्सेना, नेहा जैन, राधिका अरोड़ा, निहारिका जोशी व झंकृति जैन ने कथक नृत्य में अपने अर्जित ज्ञान को *गणेश वंदना, ताल तीनताल व धमार में शुद्ध कथक, तराना, त्रिवट, गुरु वन्दना, ताण्डव, सरगम, सूफ़ी * आदि द्वारा प्रस्तुत किया।
![गुरूजी की तीसरी पीढ़ी दीया सिंह और मोहम्मद ज़मान की परफॉर्मेंस ने जीता लोगों का दिल](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/10/29/whatsapp-image-2022-10-29-at-53754-pm-1_1667054686.jpeg?resize=1110%2C740&ssl=1)
गुरूजी की तीसरी पीढ़ी दीया सिंह और मोहम्मद ज़मान की परफॉर्मेंस ने जीता लोगों का दिल
गुरूजी की तीसरी पीढ़ी दीया सिंह (कथक) और मोहम्मद ज़मान (तबला) ने भी कार्यक्रम में अपनी जुगलबंदी प्रस्तुति दी और वे भी इस परम्परा को आगे ले जाने के लिये कोशिश कर रहे हैं।
फोटो वीडियो क्रेडिट- मनोज श्रेष्ठ