कोटाएक घंटा पहले
चार मिनट में रावण का अहंकार जला
नगर निगम कोटा उत्तर- दक्षिण की ओर से आयोजित राष्ट्रीय मेला दशहरा 2022 के तहत रावण के कुनबे का बुधवार रात को परंपरागत तरीके से दहन हुआ। भगवान लक्ष्मीनारायण जी की सवारी के साथ लाव लश्कर सहित कोटा रियासत के पूर्व महाराव कुमार इज्यराज सिंह ने पूजा-अर्चना के बाद रावण की नाभि के कलश को तीर से भेदा। इसके बाद देखते ही देखते अहंकारी रावण का कुनबा भस्म होता चला गया।
कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतले दो दो मिनट में ही जलकर खाक हो गए
![रावण दहन के बाद आतिशबाजी भी की गई, एक लाख से ज्यादा लोगों ने दहन देखा](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/10/05/r3_1664988469.jpg?resize=730%2C548&ssl=1)
रावण दहन के बाद आतिशबाजी भी की गई, एक लाख से ज्यादा लोगों ने दहन देखा
![दशहरा मैदान में एक लाख से ज्यादा लोग मौजूद रहे, दो साल बाद भव्य तरीके से रावण दहन हुआ हालांकि भीड़ दो लाख से ज्यादा होती है लेकिन इस बार कम रही](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/10/05/r4_1664988523.jpg?resize=730%2C548&ssl=1)
दशहरा मैदान में एक लाख से ज्यादा लोग मौजूद रहे, दो साल बाद भव्य तरीके से रावण दहन हुआ हालांकि भीड़ दो लाख से ज्यादा होती है लेकिन इस बार कम रही
दो साल बाद रावण दहन के दौरान लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। आतिशी धमाकों के साथ रावण का कुनबा खाक हो धराशाही हो गया। विजयश्री रंगमंच पर करीब पौन घंटे रंगीन आतिशबाजी हुई। लोगों ने इन यादगार पलों को कैमरों में भी कैद किया। सुबह से सूर्य देव तमतमाने लगे तो तेज धूप हो गई। दिनभर तेज धूप में रावण कुनबा मैदान में डटा रहा। शाम होते होते सूर्य देव भी बादलों की ओट में जा छिपे।
![दशहरा ग्राउंड का नजारा, जहां मेघनाथ का पुतला दहन हो रहा है, पीछे झूले नजर आ रहे है](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/10/05/r5_1664988601.jpg?resize=730%2C548&ssl=1)
दशहरा ग्राउंड का नजारा, जहां मेघनाथ का पुतला दहन हो रहा है, पीछे झूले नजर आ रहे है
75 फीट रावण व 50-50 फीट के कुंभकरण व मेघनाथ के पुतलों ने दहन से पहले मैदान में गर्दन घुमाना, तलवार चलाने के करतब दिखाए व खूब अट्टहास किया।गढ़ पैलेस में दरीखाने की रस्म के बाद भगवान लक्ष्मीनारायण जी की सवारी दशहरा मैदान पहुंची। वहां पूर्व महाराज कुंवर इज्यराज सिंह ने सीता माता के पाने ज्वारे की पूजा की। रावण के अमृत कलश पर तीर चलाया।
![कोटा रियासत के पूर्व महाराव कुमार इज्यराज सिंह](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/10/05/r11_1664989083.jpg?resize=730%2C548&ssl=1)
कोटा रियासत के पूर्व महाराव कुमार इज्यराज सिंह
![लक्ष्मीनारायण जी की सवारी में राम रूप में कलाकार](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/10/05/r9_1664989096.jpg?resize=730%2C548&ssl=1)
लक्ष्मीनारायण जी की सवारी में राम रूप में कलाकार
![गढ़ पैलेस से लक्ष्मीनारायण जी की सवारी निकाली गई](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/10/05/r12_1664989137.jpg?resize=730%2C548&ssl=1)
गढ़ पैलेस से लक्ष्मीनारायण जी की सवारी निकाली गई
![सवारी के दौरान प्रस्तुति देते कलाकार](https://i0.wp.com/images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/10/05/r7_1664989190.jpg?resize=730%2C548&ssl=1)
सवारी के दौरान प्रस्तुति देते कलाकार
उसके बाद एक-एक करके पुतलों का दहन किया गया। रावण का कुनबा कुल10 मिनट में जलकर खाक हो गया। पुतलों में आग लगते ही दहन स्थल पर मौजूद हर शख्स के हाथ में मोबाइल कैमरे जगमगा उठे। सबसे पहले मेघनाद के पुतले को आग लगाई गई। उसके बाद कुंभकर्ण के पुतले को आग लगाई। अंत में रावण का पुतले को आग लगाई गई।इस बार ग्रीन आतिशबाजी के रंगीन नजारों के साथ अहंकारी रावण का कुनबे सहित दहन हुआ।
दहन के दौरान दर्शको को किसी तरह से कोई व्यवधान न पहुंचे इसके लिए रावण कुनबे के आसपास बेरिकेट्स लगाए। सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त रहे। आतिशबाजी भी रिमोट से नियंत्रित करते हुए चलाई गई। जिससे दर्शकों का रोमांच सातवें आसमान पर पहुँच गया।पिछले सालों की तुलना में इस साल रावण दहन कार्यक्रम में दर्शक ज्यादा रोमांचित हुए। हर साल 2 से 4 मिनट में जलकर खत्म हो जाने वाले रावण, कुंभकर्ण मेघनाद के पुतलों ने इस साल जलने में 20 मिनट का समय लिया। इस बार तीनों पुतलों के दहन के साथ ही आतिशबाजी भी की गई, जबकि पिछले सालों में केवल रावण के पुतले को जलाने के साथ ही आतिशबाजी होती थी। दहन के बाद होने वाली आतिशबाजी ने भी काफी देर तक दर्शकों को बांधे रखा।
ड्रोन सपोर्ट – अनुज सैनी