चंडीगढ़ में Sextortion: Sexual Desires जगा न्यूड वीडियो बना कर ब्लैकमेल का धंधा; राजस्थान से चल रहा गैंग

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चंडीगढ़एक घंटा पहले

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सेक्सटोर्शन रैकेट चलाने वाले गैंग के तीन मेंबर्स अब चंडीगढ़ पुलिस की कस्टडी में हैं। - Dainik Bhaskar

सेक्सटोर्शन रैकेट चलाने वाले गैंग के तीन मेंबर्स अब चंडीगढ़ पुलिस की कस्टडी में हैं।

साइबर फ्रॉड टेक्नोलॉजी के साथ बढ़ता जा रहा है। चंडीगढ़ में एक नए तरह का फ्रॉड आया है। इसमें पुरुषों को शिकार बनाया जा रहा है। वॉयस एप से लड़की की आवाज निकाल व्हट्स एप पर कामुकता भरी चैट और वायस कालिंग के दौरान बातों में फुसला व्यक्ति को न्यूड होने को कहा जाता है। इसके बाद स्क्रीन रिकार्डिंग की मदद से उसकी न्यूड वीडियो डाउनलोड कर ब्लैकमेल कर वसूली की जाती है। राजस्थान से ऑपरेट हो रहे ऐसे एक गैंग के 3 मेंबर्स को चंडीगढ़ पुलिस ने पकड़ा है।

जिन तीन गैंग मेंबर्स को पकड़ा है उनमें भरतपुर जिले के कैथवाड़ा गांव का मुबीन(39), राशिद(19) और अर्जुदीन(24) शामिल हैं। मुबीन बारहवीं फेल है और शादीशुदा है। वह गांव में मोबाइल की दुकान करता है। राशिद आईटीआई कर रहा है। वहीं मुबीन के साथ दुकान पर मोबाइल रिपेयरिंग का काम करता है। वह अविवाहित है। अर्जुदीन आठवीं फेल है और इस धोखाधड़ी में शामिल है। वह शादीशुदा है।

प्रतीकात्मक तस्वीर।

प्रतीकात्मक तस्वीर।

चंडीगढ़ पुलिस ने तीन गैंग मेंबर्स की गिरफ्तारी से 17 अगस्त को धोखाधड़ी, फिरौती और आपराधिक साजिश रचने की धाराओं में दर्ज केस सुलझाया है। साइबर क्राइम पुलिस थाने में यह केस दर्ज हुआ था। सेक्टर 19 के मनोज कुमार ने यह शिकायत दी थी। आरोपियों ने अपने कबूलनामे में कहा कि वह सेक्सटोर्शन रैकेट चलाते हैं। चंडीगढ़ और अन्य राज्यों के मासूम लोगों को न्यूड वीडियो बना कर फंसाते हैं। उनके गैंग में 15 और मेंबर्स काम कर रहे हैं। वहीं देश भर में यह रैकेट चल रहा है। 25 से 30 लोगों का यह गैंग है और पिछले एक साल में 200 सिम कार्ड अपराध के लिए इस्तेमाल कर चुके हैं।

यूटी पुलिस के ऑपरेशन सेल के मुताबिक यह गैंग धमका कर लोगों से वसूली करता था। चंडीगढ़ और देश के बाकी राज्यों के लोगों से यह वसूली कर रहा था। पुलिस ने शहरवासियों को कहा है कि इस प्रकार की धोखाधड़ी का शिकार होने से बचें और ऐसी अंजान व्हट्स एप चैट से परहेज करें।

पूरी प्लानिंग के तहत काम करता है गैंग

पुलिस ने बताया कि पूरी तरह ऑर्गेनाइज तरीके से सेक्सटोर्शन रैकेट चल रहे हैं। ऐसे एक रैकेट में पकड़े गए आरोपियों का अपना फिक्स रोल होता था। इनमें सिम कार्ड का प्रबंध करना, फिरौती रकम लेने के लिए बैंक अकाउंट बनवाना, पुलिस अफसर बन कर बेवकूफ बनाना और फिरौती की कॉल करने समेत अन्य काम शामिल होते थे।

गैंग मेंबर्स इस प्रकार की वसूली करने के लिए अलग राज्यों के सिम कार्ड इस्तेमाल करते हैं। राजस्थान के भरतपुर से यह सेक्सटोर्शन रैकेट चलाया जा रहा था। वहीं गैंग मेंबर्स फर्जी पहचान पर बैंक अकाउंट खुलवाते थे। फिरौती की रकम आपस में काम के हिसाब से बांट ली जाती थी।

प्रतीकात्मक तस्वीर।

प्रतीकात्मक तस्वीर।

इस प्रकार टारगेट को फंसाया जाता है

पुलिस के मुताबिक ऐसे सेक्सटोर्शन रैकेट में आरोपी फेसबुक के जरिए अपने शिकार (पीड़ित) को चुनते हैं। उससे पहले बातचीत शुरु करते हैं और फिर लड़की बन कर कामुकता वाले मैसेज भेजे जाते हैं। इसके बाद पीड़ित (फेसबुक यूजर) को वीडियो कॉल पर आने को कहा जाता है। इसके बाद गैंग मेंबर पीड़ित को एक वीडियो दिखाते हैं जो पहले से उनके फोन में होती है और पीड़ित को ऐसा प्रतीत करवाया जाता है कि यह रियल वीडियो कॉल है। वायस एप के जरिए यह पीड़ित से बात करते हैं।

पीड़ित को लगता है कि वह वास्तव में लड़कियों से लाइव बात कर रहा है। हालांकि वह वास्तव में सिर्फ वीडियो देख रहा होता है। दरअसल गैंग मेंबर्स वायस एप का इस्तेमाल कर अपनी आवाज बदल कर लड़की बन जाते हैं। वीडियो दिखाने के दौरान पीड़ित को अपने कपड़े उतारने को कहा जाता है। स्क्रीन पर उसकी सारी वीडियो रिकार्ड हो जाती है।

इसके बाद दूसरे चरण में गैंग मेंबर्स पीड़ित को स्क्रीन रिकार्डिंग भेजते हैं जिसमें लड़की और पीड़ित दोनों नग्न अवस्था में होते हैं। सोशल मीडिया पर वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर पीड़ित व्यक्ति से वसूली की जाती है। जिसके बाद अकाउंट में पैसे डलवाए जाते हैं। अपनी इज्जत बचाने के लिए पीड़ित जितनी रकम गैंग मेंबर मांगते हैं वह डाल देता है।

प्रतीकात्मक तस्वीर।

प्रतीकात्मक तस्वीर।

तीसरे चरण में यदि पीड़ित रकम अकाउंट में नहीं डालता तो गैंग मेंबर उसे व्ह‌ट्स एप कॉल करते हैं। जिसमें DP में पुलिस वर्दी में व्यक्ति की फोटो होती है। पीड़ित को डराया जाता है कि पीड़ित लड़की ने उसके खिलाफ शिकायत दी है और पूरे मामले में कुछ रकम देकर समझौता हो सकता है। ऐसा न करने पर केस दर्ज कर गिरफ्तारी की जाएगी।

कहा-गवर्नमेंट टीचर हूं, फिर न्यूड होने का कहा गया

शिकायतकर्ता के मुताबिक उन्हें 16 अगस्त को एक व्हट्स एप कॉल आई थी। कॉलर ने अपना नाम अर्चना शर्मा बताया था। दोनों की आपस में चैट शुरु हुई। कॉलर ने खुद को गवर्नमेंट टीचर बताया था। उसी रात को उन्हें उसी नंबर से एक वीडियो कॉल आई। सामने एक लड़की थी। लड़की ने शिकायतकर्ता को अपने कपड़े उतारने को कहा। लड़की की कामुकता भरी अदाओं से प्रभावित होकर शिकायतकर्ता ने अपने कपड़े उतार दिए। इसके बाद शिकायतकर्ता को एक दूसरे नंबर से कॉल आई। कॉलर ने कहा कि वह DC ऑफिस, चंडीगढ़ से SHO बोल रहा है। वहीं DC ऑफिस में उसके खिलाफ शिकायत आई है। उस फर्जी पुलिसवाले(गैंग मेंबर) ने शिकायतकर्ता को कहा कि वह पैसे देकर मामले में समझौता कर सकता है।

शिकायतकर्ता के मुताबिक कुछ लोग सोशल मीडिया पर उसकी वीडियो वायरल कर उसे बदनाम करने की धमकी दे रहे हैं। उससे 25 हजार रुपए मांगे जा रहे हैं। फर्जी SHO ने एक नंबर दिया जो अनमोल शर्मा के नाम पर था। इस पर गूगल पे करने को कहा गया। शिकायतकर्ता ने दबाव में आकर 3120 रुपए डाल दिए। हालांकि गैंग मेंबर्स ने शाम तक उसे 15 हजार रुपए और डालने को कहा वर्ना न्यूड वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करने की धमकी दी।

रेड के दौरान ऑपरेशन सेल की टीम राजस्थान के जिला भरतपुर के गांव कैथवाड़ा पहुंची। यहां तीन लोगों को पकड़ पूछताछ के लिए चंडीगढ़ लाई। बाद में इनकी गिरफ्तारी कर मोबाइल फोन और सिम कार्ड बरामद किए गए। पुलिस के मुताबिक इनका इस्तेमाल संबंधित अपराध में हुआ।

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