घर बैठे आसानी से बना सकते हैं लंपी वायरस से गायों को बचाने के लिए आयुर्वेदिक लड्डू, ये है विधि


Udaipur News: राजस्थान में गौवंश को लंपी डिजीज का संक्रमण स्तर बढ़ता जा रहा है लेकिन यह भी सही है कि समय पर उपचार होने से कई गौवंश रिकवर भी हो रहे हैं. राज्य सरकार के निर्देशानुसार कोरोना के बाद अब लंपी पर नियंत्रण और गोवंश की सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन के साथ आयुर्वेद विभाग, गौ सेवा समिति, विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाएं, गोवंश प्रेमी और आमजन हर वर्ग अपनी सक्रिय भागीदारी निभा रहा है. इसी क्रम से आयुर्वेदिक विभाग ने लंपी से बचने के लिए गायों को खिलाने के लिए एक आयुर्वेदिक लड्डू की विधि जारी की है. इसमें पशुपालक या अन्य कोई भी घर बैठे ही लड्डुओं को बना सकते है. 

अब तक 30 हजार से अधिक आयुर्वेदिक लड्डू वितरित
उदयपुर जिले की बात करें तो पिछले दिनों जिले में लंपी रोग के प्रसार के साथ ही जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने कदम उठाया है. उन्होंने इस रोग से बचाव के लिए जिला स्तर पर आयुर्वेद और होम्योपैथी के उपायों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए विशेष पोस्टर के प्रकाशन के साथ इस क्षेत्र में जुटे लोगों को आगे आने का आह्वान किया था. कलक्टर के आह्वान पर आयुर्वेद विभाग और गोसेवा समिति सक्रिय हुए और विभाग के वरिष्ठ चिकित्साधिकारी वैद्य शोभालाल औदीच्य के निर्देशन में विशेष प्रकार की आयुर्वेदिक औषधि से युक्त लडडू तैयार किए गए हैं. 6 सितंबर से अब तक जिले के विभिन्न क्षेत्रों में 30 हजार से अधिक लड्डू वितरित किए जा चुके हैं. उदयपुर के जनजाति बहुल क्षेत्र गोगुन्दा, उंडलीथल, चित्रावास, कोटड़ा, मालवा का चौरा, कडेच, कानोड़, झाड़ोल आदि क्षेत्रों में पशुपालकों को यह लड्डू फ्री बांटे जा रहे है.

रोग प्रतिरोधक है आयुर्वेदिक लड्डू
वरिष्ठ चिकित्साधिकारी वैद्य शोभालाल औदीच्य ने बताया कि बाजरे का आटा, गुड, तेल, अजवाइन, हल्दी, सौंठ, काली मिर्ची, चारोली, सेंधा नमक के सम्मिश्रण से बने हुए यह लड्डू लंपी बीमारी में कमजोर हुई गायों को शारीरिक रूप से मजबूत करने एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए विशेष उपयोगी हैं. उन्होंने आगे बताया कि आमजन अपने घर पर भी यह आयुर्वेदिक लड्डू बना सकते हैं. 1000 औषधीय लड्डू बनाने के लिए 50 किग्रा बाजरे का आटा, 10 लीटर सरसों का तेल, 50 किग्रा गुड़, 5 किग्रा हल्दी, 5 किग्रा धनिया पाउडर, 1 किग्रा सौठ, 4 किग्रा अजवाइन, 2 किग्रा चारोली, 1 किग्रा काली मिर्च पाउडर, 2 किग्रा सैंधा नमक व एक लीटर तुलसी अर्क का उपयोग कर सभी को मिलाए और लड्डू बना सकते हैं.

3.83 लाख पशुओं का हुआ टीकाकरण
लंपी का आयुर्वेदिक उपचार तो हो ही रहा है साथ मे एलोपैथिक से भी टीकाकरण किया जा रहा है. पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. भूपेन्द्र भारद्वाज ने बताया अब तक उदयपुर संभाग मे 3 लाख 83 हजार 374 पशुओं मे इस रोग के बचाव का टीका लगाया जा चुका है. उदयपुर जिले में 72 हजार 820, चित्तौड़गढ़ जिले मे 90 हजार 363, डूंगरपुर जिले मे 22 हजार 146, बांसवाड़ा जिले में 87 हजार, राजसमंद जिले में 9 हजार 350, प्रतापगढ़ जिले में 1 लाख 01 हजार 695 पशुओं को इस रोग से बचाव के टीके लगाए जा चुके हैं.

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