गुरुग्राम जाएं तो सिर्फ मॉल ही नहीं म्यूजियम भी देखें


Travel Advice: अगर आप गुरुग्राम (Gurugram) जा रहे हैं तो मॉल और शॉपिंग के अलावा भी यहां बहुत कुछ है. बेहतरीन मॉल्स या नाइट लाइफ को एंजॉय करना शानदार ख्याल है लेकिन आपको बता दें कि ये  आईटी हब अपने म्यूजियम को लेकर भी काफी फेमस है. यहां के कई म्यूजियम काफी पॉपुलर हैं. अगर आप गुरुग्राम में हैं या जाने का प्लान बना रहे हैं तो मॉल के साथ ही म्यूजियम जरूर देखने जाएं. ये म्यूजियम इतिहास के झरोखों से संस्कृति और देश की विरासत को दिखाते हैं. आइए जानते हैं गुरुग्राम के शानदार म्यूजियम के बारें में..

 

हेरिटेज ट्रांसपोर्ट म्यूजियम

यह बेहद ही अलग तरह का म्यूजियम है. 90,000 वर्ग फुट में फैला यह म्यूजियम चार मंजिला है. इसमें विंटेज और क्लासिक कारों के साथ दोपहिया वाहनों, बसों और एयरक्राफ्ट मॉडल देखने को मिलते हैं. पुराने ऑटोमोबाइल फोटोग्राफ, पोस्टकार्ड, टिकटों, मैप और दुर्लभ किताबों का कलेक्शन आपको खूब लुभाएगा.

 

म्यूजियो कैमरा म्यूजियम 

गुरुग्राम के सबसे बेहतरीन और अनोखे म्यूजियम में से एक म्यूजियो कैमरा म्यूजियम. इसे भारत की फोटोग्राफिक विरासत को प्रिजर्व करने के उद्देश्य से बनाया गया है. यहां रेयरेस्ट विंटेज कैमरों से खूबसूरत तस्वीरों तक का कलेक्शन है. अगर आपकी फोटोग्राफी में दिलचस्पी है तो यह म्यूजियम आपको काफी कुछ दिखाएगा. म्यूजियम में 1000 से ज्यादा एनालॉग कैमरों का कलेक्शन है.

 

संस्कृति म्यूजियम 

संस्कृति केंद्र कॉम्पलेक्स में स्थित संस्कृति म्यूजियम अपने आप में बेहद खास है. यहां एक साथ तीन संग्रहालय हैं. म्यूजियम ऑफ एवरीडे आर्ट, म्यूजियम ऑफ इंडियन टेराकोटा और म्यूजियम ऑफ टेक्सटाइल. इन म्यूजियम के जरिए आप भारत में विभिन्न संस्कृतियों के शिल्प कौशल को बारीकी से समझ सकते हैं. म्यूजियम ऑफ एवरीडे आर्ट भारत की ग्रामीण और शहरी लाइफ को दिखाता है. यहां जानवर, इंसान और देवताओं की मूतियां, मिट्टी के बर्तन और टेराकोटा से बनी अन्य वस्तुएं म्यूजियम ऑफ इंडियन टेराकोटा में देखने को मिल जाएंगी. म्यूजियम ऑफ टेक्सटाइल भारतीय राज्यों की समृद्ध कपड़ा विरासत को सहेजे हुए है.

 

लोक और जनजातीय कला म्यूजियम

पारंपरिक कला में इंट्रेस्ट है तो गुरुग्राम के म्यूजियम ऑफ फॉक एंड ट्राइबल आर्ट जरूर जाना चाहिए. केसी आर्यन ने इस म्यूजियम की स्थापना की है. इसमें भारत के लोक और आदिवासी समुदायों की उपेक्षित कला को सहेजकर रखा गया है. यहां भारत के विभिन्न क्षेत्रों के स्वदेशी समुदायों से संबंधित चांदी के गहने, पांडुलिपियां, पेंटिंग, धातु और लकड़ी के शिल्प, लाख के बर्तन और अन्य कला वस्तुएं देखने को मिल जाएंगी. कला जो अब विलुप्त हो गई हैं, उन्हें भी यहां प्रदर्शित किया गया है. यहां आकर आप भारत की समृद्ध संस्कृति से रूबरू होंगे.

 

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