गहलोत ने CM पद नहीं छोड़ने के संकेत दिए: बोले- मंत्री रहकर भी अध्यक्ष बन सकते हैं, एक व्यक्ति-एक पद फार्मूला अध्यक्ष के लिए नहीं


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जयपुर17 मिनट पहले

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष को ‘एक व्यक्ति एक पद’ के फाॅर्मूले से बाहर बताया है। उन्होंने इलेक्टेड पोस्ट होने के आधार पर इसे एक व्यक्ति-एक पद फाॅर्मूले से अलग रखने का तर्क दिया है। गहलोत ने कहा- प्रस्ताव हमने पास किया है, जहां नॉमिनेट होते हैं, वहां दो पद होते हैं। जहां कोई हाईकमान नॉमिनेट करती है। वो 2 पद कहलाते हैं। गहलोत आज दिल्ली में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

ये चुनाव तो सबके लिए ओपन है। इसमें कोई भी खड़ा हो सकता है। 9 हजार में से कोई भी व्यक्ति खड़ा हो सकता है। वो चाहे एमपी, एमएलए, मंत्री या मुख्यमंत्री हो। कल कोई कह देगा राज्य का मंत्री कि मैं खड़ा होना चाहता हूं, तो वो हो सकता है। वो मंत्री भी रह सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष भी बन सकता है।

गहलोत ने कहा- आज मैं मुख्यमंत्री हूं। वो जिम्मेदारी निभा रहा हूं। निभाता रहूंगा। मुझे कांग्रेस की सेवा करनी है, जहां मेरा उपयोग है, राजस्थान में है या दिल्ली में है। जहां भी होगा मैं तैयार रहूंगा। क्योंकि पार्टी ने मुझे सब कुछ दिया है। अब मेरे लिए पद बहुत बड़ी बात नहीं है। अगर मेरा बस चले तो मैं पद लूंगा ही नहीं। मैं राहुल गांधी के साथ इस यात्रा में शामिल हो जाऊंगा। जो हालात देश के अंदर हैं, जो चिंता देश कर रहा है, संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं।

लोकतंत्र खतरे के अंदर है, ये हमें मानना चाहिए। ये लोग पूरे देश को बर्बाद करके रख रहे हैं। अब हमारे लिए पद की क्या बात है, बिना पद भी सब कुछ कर सकते हैं हम लोग। इसलिए आज अगर मान लो पार्टी के लोग चाहते हैं कि नहीं, मेरी जरूरत है मुख्यमंत्री के रूप में, अध्यक्ष के रूप में, तो मैं मना नहीं कर सकता। ये मेरी धारणा है। राजस्थान के अगले सीएम पर गहलोत ने कहा- आज के दिन तो मैं हूं, मैं ही संभाल रहा हूं। अध्यक्ष का ये चुनाव हो रहा है ये तो ओपन सबके लिए है।

समय बताएगा मैं कहांं रहूं, कहां नहीं रहूं
मुख्यमंत्री रहने के सवाल पर गहलोत ने कहा- रहने या नहीं रहने की बात मैं नहीं कर रहा हूं। वो तो समय बताएगा कि मैं कहां रहूं, कहां नहीं रहूं। मैं वहां रहना पसंद करूंगा, जिससे कि मेरे रहने के कारण से फायदा मिलता हो पार्टी को, तो मैं पीछे नहीं हटूंगा।

मैं एक पद, दो पद, तीन पद, जहां भी रहूं या नहीं रहूं, मुझे ऐतराज नहीं होगा
मुख्यमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष दोनों पद संभालने के सवाल पर गहलोत ने कहा- मैंने कहा न आपको मैं जहां भी रहूं 1 पद पर, 2 पद पर, 3 पद पर या कहीं पर भी नहीं, तो मुझे ऐतराज़ नहीं होगा। मेरी इच्छा तो ये रहेगी अगर मेरा बस चले तो मैं कोई पद पर नहीं रहूं। मैंने बहुत पद संभाल लिए। अब मैं मैदान में उतरूं, राहुल गांधी के साथ दौरे करूं, यात्रा करूं। जनता को आह्वान करें हम लोग।

देशभर के लोगों को आह्वान करके हम लोग सड़कों पर लाएं और ये जो फासिस्टी लोग बैठे हुए हैं। इनके खिलाफ में हम लोग मोर्चा खोलें। मेरी हार्दिक इच्छा तो ये है। मेरी इच्छा क्या काम आएगी क्योंकि पार्टी ने मुझे सब कुछ दिया है। आज अगर पार्टी संकट में है। इनके कारनामों से, कोई हमारी गलतियों से नहीं है। आज जो स्थिति देश की है। उसमें कांग्रेस का मजबूत होना जरूरी है। कांग्रेस की मजबूती के लिए जहां मेरी आवश्यकता होगी मैं पीछे नहीं हटूंगा।

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राहुल गांधी से आखिरी बार जाकर मैं एक बार और रिक्वेस्ट करूंगा
राहुल गांधी को आखिरी बार मनाने जाने के सवाल पर गहलोत ने कहा- जा रहा हूं मैं, आखिरी बार जाकर मैं एक बार और रिक्वेस्ट करूंगा। मैंने ही प्रस्ताव रखा था प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अंदर 4-5 दिन पहले कि राहुल गांधी को अध्यक्ष पद स्वीकार करना चाहिए। हमारी इच्छा है कि अगर एज ए कांग्रेस अध्यक्ष वो यात्रा करते हैं, तो और ज्यादा एक ऑरा बनेगा पार्टी का। मेरा मानना है, तो मैं जाकर उनसे और बात कर रहा हूं, एक बार और प्रयास करेंगे, उसके बाद में मैं तय करूंगा, तब मैं आपसे मिलूंगा।

मेरे लिए अब कोई पद इम्पोर्टेंट नहीं है
गहलोत ने कहा- नामांकन जो है, सब मित्रों से बातचीत करेंगे कि सबकी क्या राय है, उसके अकॉर्डिंग सब फैसले होंगे। आज मुझे पार्टी ने सब कुछ दिया है, हाईकमान ने सब कुछ दिया है, पार्टी ने सब कुछ दिया है, पिछले 40 साल, 50 साल से मैं पदों पर ही हूं, मेरे लिए अब कोई पद इम्पोर्टेंट नहीं है, मेरे लिए है कि किस प्रकार से मैं जो भी जिम्मेदारी मिलेगी मुझे या जो जिम्मेदारी मुझे लेनी चाहिए, वो मैं निभाऊंगा।

गांधी परिवार के साथ सभी कांग्रेसजनों का मेरे पर विश्वास, मैं मना नहीं कर पाऊंगा
गांधी परिवार का विश्वास होने के कारण अध्यक्ष पद संभालने के सवाल पर गहलोत ने कहा- गांधी परिवार का तो है ही है, जितने भी कांग्रेसजन हैं, उन सबके परिवारों का विश्वास मेरे ऊपर ही है और मैं बहुत ही सौभाग्यशाली हूं कि पूरे देश के कांग्रेसजनों का प्यार, उनकी मोहब्बत, उनका विश्वास मेरे ऊपर है। जो आप भी सुनते होंगे, मैं भी सुनता हूं और इसलिए मैं कोई मना नहीं कर पाऊंगा। जहां मुझे कहेंगे, अगर मुझे फॉर्म भरना है तो मैं फॉर्म भरूंगा। हमारे जो मित्र लोग हैं उनसे बात करेंगे, तो वो भी मैं काम करूंगा, तो जहां मुझे जिम्मेदारी दी गई है।

सोनिया-गहलोत के बीच 2 घंटे बातचीत
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर सरगर्मियां तेज हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे है। इस सिलसिले में उन्होंने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से बुधवार शाम दो घंटे बातचीत की। दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई, यह पता नहीं चल पाया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोनिया ने इतना ही कहा कि पार्टी अध्यक्ष पद के लिए इस चुनाव में वे किसी का फेवर नहीं करेंगीं। उधर, गहलोत गुरुवार को राहुल गांधी से मिलने कोच्चि भी जाएंगे। पूरी खबर को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

अध्यक्ष के लिए गांधी परिवार की पसंद गहलोत ही क्यों?
इस यक्ष प्रश्न का उत्तर लगभग मिल गया है। हालांकि आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन अशोक गहलोत ने साफ संकेत दे दिए हैं कि वे नामांकन भर रहे हैं। 25 साल बाद वे ही गैर गांधी चेहरा होंगे, जो कांग्रेस के अध्यक्ष बनेंगे। गहलोत ने पहले मंगलवार देर रात विधायक दल की बैठक में कहा था- मैं आखिरी बार राहुल गांधी से मिलकर उन्हें मनाने का प्रयास करूंगा, अगर राहुल नहीं माने तो फिर हाईकमान का जो आदेश होगा, उसके लिए आपको तकलीफ दूंगा। संकेत साफ था- वे अध्यक्ष पद का नामांकन भरेंगे। पूरी खबर को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

गहलोत अध्यक्ष बने तो 4 बातें संभव
कांग्रेस में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव राजस्थान में सबसे बड़ा चर्चा का मुद्‌दा बना हुआ है। इसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम भी एक मजबूत चेहरे के रूप में सामने आ रहा है। खुद उन्होंने विधायक दल की बैठक में इस बात के संकेत दिए हैं। जहां राहुल गांधी अध्यक्ष पद के लिए साफ तौर पर मना कर चुके हैं। वहीं, दूसरी ओर अशोक गहलोत से जितनी बार ये सवाल पूछा गया, उन्होंने हर बार पॉलिटिकली करेक्ट जवाब ही दिए, लेकिन अब वे कहने लगे हैं कि जहां मेरी जरूरत होगी, मैं पीछे नहीं हटूंगा। पूरी खबर को पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

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