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जयपुर35 मिनट पहले
खाचरियावास बोले-विधायकों की राय से होगा CM का फैसला
कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने CM अशोक गहलोत के कांग्रेस अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने और राजस्थान CM पद पर बने रहने के मुद्दे पर कहा- विधायकों की राय से सीएम का फैसला होगा। कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी, राहुल गांधी और सीनियर लीडर विधायकों और कार्यकर्ताओं की राय से ही फैसला लेते हैं। खाचरियावास ने कहा- हम तो अशोक गहलोत का ही नाम लेंगे। विधानसभा के बाहर मीडिया से बातचीत में खाचरियावास बोले- अब तक दो पदों पर नेता चुने जाते रहे हैं। ऐसे कई उदाहरण देश में हैं।
खाचरियावास बोले-मैं खुद एक विधायक, जिलाध्यक्ष और मंत्री हूँ। कांग्रेस पार्टी डेमोक्रेटिक है। हमेशा हमारे आलाकमान सोनिया गांधी, राहुल गांधी और सीनियर लीडर जो भी फैसला करते हैं वो डेमोक्रिटिक होता है। तमाम विधायकों की राय लेकर फैसला किया जाता है। जब सीएम अशोक गहलोत बने, तब भी विधायकों की राय ली गई। समय-समय पर सोनिया गांधी डेमोक्रेसी को महत्व देकर फैसले लेती हैं। । यही कारण है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कोई भी लड़ सकता है, यह खुला चुनाव है।
खाचरियावास बोले- जहां तक दो पदों की बात है, ये टाइम ऐसा चल रहा है। पौने चार साल हो चुके, सवा साल चुनाव को बचा है। जब हम ये कहते हैं गहलोत सरकार की ये योजना, ये योजना…। जब हम चुनाव लड़ने जाएंगे, नाम तो अशोक गहलोत का ही लेंगे। सारी योजनाएं अशोक गहलोत की ही हैं। इस वक्त यह चर्चा कहीं नहीं आ रही है कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा ? चर्चा सिर्फ ये है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन बनेगा ? अध्यक्ष बन जाने दीजिए। क्योंकि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और आलाकमान हमेशा डेमोक्रेटिक सिस्टम में विधायकों और कार्यकर्ताओं की राय को महत्व देता है।
गहलोत सरकार मोदी सरकार की आंख की किरकिरी, दो पद आज तक रहते आए हैं
खाचरियावास बोले- राजस्थान की गहलोत सरकार मोदी सरकार की आंख की किरकिरी है। जैसा उन्होंने महाराष्ट्र में किया, वैसे राजस्थान में करना चाहते हैं। राजस्थान मे बीजेपी बार-बार कोशिश करती है। बीजेपी वाले डायलॉग देते हैं। राजस्थान की गहलोत सरकार से उनको बहुत तकलीफ है। इसलिए बीजेपी को कोई मौका नहीं मिले और राजस्थान की सरकार दोबारा 2023 के चुनाव में मजबूती से लौटकर आए हमारी ऐसी तैयारी है। क्योंकि हर उपचुनाव हम जीत गए। राज्यसभा और पंचायत चुनाव हम जीत गए। आज इस बात को लेकर कोई झंझट नहीं है, बल्कि झंझट क्रिएट किया जा रहा है। इस वक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष की चर्चा है कि कौन बनेगा। दो पद किसके पास रहें, यह बड़ा मुद्दा नहीं है। दो पद आज तक रहते आए हैं। रहेंगे, नहीं रहेंगे ये आलाकमान तय करेगा और राजस्थान के हित में तय करेगा।
सबसे पहले यह तय होगा अगले सवा साल ढंग से चलाकर वापस कैसे लौटे
मंत्री खाचरियावास ने कहा- पार्टी अध्यक्ष रहते मुख्यमंत्री बनने के बहुत से उदाहरण हैं। जब कोई नेता चुने हुए दो पदों पर रह सकता है। लेकिन जब कोई राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने जा रहा है, तो सबसे पहले यह तय होगा कि राजस्थान सरकार अगले सवा साल बढ़िया ढंग से रन करके वापस कैसे लौटकर आए। सरकार मजबूत है और आज अच्छा काम कर रही है। हमारे 102 कांग्रेस विधायक और 6 बसपा से आए विधायक और निर्दलीय हमारे साथ में हैं। ऐसे में सब विधायकों को साथ लेकर कैसे दोबारा सरकार बने। नया बजट कैसे लाया जाए। लोगों में बढ़िया चर्चा है। लोग जानते हैं कि राजस्थान सरकार ने पब्लिक वेलफेयर के नम्बर 1 काम किए हैं।